इंदौर। 15 करोड़ की नकली ब्राउन शुगर के मामले में पुलिस पकड़े गए आरोपियों से लगातार पूछताछ कर रही है. साथ ही उसके तीन ऑफिस पर भी पुलिस की टीम ने छापामार कार्रवाई की है. पुलिस की एक टीम जांच पड़ताल के लिए दिल्ली और मुजफ्फरपुर भी गई हुई है. पकड़े गए आरोपियों को पुलिस ने कोर्ट में पेश कर 2 दिनों का रिमांड लिया है.
15 करोड़ की नकली ब्राउन शुगर के साथ पकड़ा: आरोपियों ने पूछताछ में कहा कि वह तीन-चार माह से इस गोरखधंधे में जुटे हुए थे. इसके लिए इंदौर से कार लेकर मुजफ्फरपुर जाते थे और माल लेकर आते थे. अब तक तीन से चार बार ड्रग्स लेकर आए हैं, पुलिस मास्टरमाइंड की तलाश में जुटी हुई है, जोकि परिवार सहित गायब है. चंदन नगर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मोहम्मद आरिफ, कार्तिक, अजय, कोमल और दिनेश को गिरफ्तार किया था, पुलिस ने आरोपियों से अल्फाज ओलम और पेरासिटामोल दवाई को मिलाकर बनाई गई नकली ब्राउन शुगर जब्त की है, जिसकी कीमत तकरीबन 15 करोड़ आंकी जा रही है.
कई राज्यों में फैला है नेटवर्क: पुलिस ने आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की, तो पता चला कि गिरोह का मास्टरमाइंड राघव है. जिसके पास जानवरों के पोल्ट्री फीड का लाइसेंस है और उसकी आड़ में ये गोरखधंधे को चला रहा था. पुलिस ने उसके चेतक सेंटर के तीनों ऑफिस सील कर दिए हैं. पुलिस ने उसके घर पर छापा मारा, लेकिन वह परिवार सहित फरार है, उनकी तलाश में टीमें लगाई गई हैं. यह गिरोह पंजाब, महाराष्ट्र, भोपाल, ग्वालियर सहित कई शहरों में नकली ब्राउन शुगर सप्लाई करते थे.
जांच के लिए मुजफ्फरपुर भेजी गई टीम: पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि आरोपियों के द्वारा तीन चार-माह से इंदौर में ही इस नकली ड्रग्स को सप्लाई किया जा रहा था. इसके लिए इंदौर से कार से मुजफ्फरपुर जाते थे और ड्रग्स लेकर आते थे और बाद में अन्य शहरों में सप्लाई करते थे. जांच के लिए टीम मुजफ्फरपुर भी भेजी गई है, पुलिस को आशंका है कि ऑफिस के अलावा कुछ अन्य जगहों पर भी ड्रग्स रखी जा सकती है. इसके चलते आरोपियों से पूछताछ की जा रही है, आरोपियों का कहना है कि राघव को ही पता है कि माल कहां रखा है. पुलिस का कहना है कि राघव के मिलने पर ही कुछ और ड्रग्स तथा तस्करों का खुलासा हो सकता है.
ड्रग्स की फॉरेंसिक जांच: पुलिस ने जो ड्रग्स बरामद किया है, वह नकली ब्राउन शुगर बताया जा रहा है. पकड़े गए आरोपियों का कहना है कि वह पेरासिटामोल और अल्फाज ओलम दवाइयों को मिलाकर इस ड्रग्स को तैयार करते थे और इस ड्रग्स को ब्राउन शुगर बताकर बाजार में खपाया जाता था. जिसके कारण इस ड्रग्स को फॉरेंसिक जांच के लिए लैब भेजा गया है. वहां से रिपोर्ट आने के बाद ही इस पूरे मामले में पुलिस के आला अधिकारियों के द्वारा अन्य धाराओं में भी कार्रवाई की जा सकती है.
जांच के दौरान पुलिसकर्मी पर भी चढ़ा नशा: जांच पड़ताल के बाद जब पुलिस टीम ने ब्राउन शुगर की जांच की. जिन पुलिसकर्मियों ने ब्राउन शुगर की जांच पड़ताल करते हुए उसका नशा किया, उस समय उन्हें भी नशा हो गया. जिसके कारण कुछ पुलिसकर्मी अपने आला अधिकारियों को भी नहीं पहचान रहे पा रहे थे. वहीं इसके बाद एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारियों ने भी इस ब्राउन शुगर को हाथ से चेक किया तो उनके हाथ में जलन होने लगी. अतः इसी से अनुमान लगाया जा सकता है की यहां ड्रग्स स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक था और इसीलिए इसकी फॉरेंसिक जांच भी करवाई जा रही है.