Indore Ravan Temple: इस मंदिर में भगवान नहीं रावण की होती है पूजा, दहन को लेकर कोर्ट में दायर की याचिका

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Published : Oct 4, 2022, 10:50 PM IST

dussehra 2022

कई जगह ऐसी हैं, जहां आज भी रावण को आराध्य के रूप में पूजा जाता है. इंदौर का एक शख्स जिसने अपने कॉलोनी में रावण का मंदिर बनवाया है. उसने रावण की इतनी सारी अच्छाईयों को देख उसकी पूजा करनी शुरू की, इसके साथ ही उन्होंने अपने परिवार का नाम भी रावण के परिवार के नाम से रखा है. dussehra 2022, ravan temple in pardesi pura indore

इंदौर। दशहरे के दिन रावण का दहन किया जाता है, लेकिन इंदौर के परदेशीपुरा क्षेत्र में रावण का मंदिर है. यहां दशहरे के दिन विधि विधान से रावण की पूजा की जाती है. पूजन कर देश और प्रदेश की खुशहाली की कामना की जाती है. वहीं रावण की विभिन्न तरह की खूबियों को देखते हुए इंदौर के परदेशीपुरा क्षेत्र में रहने वाले एक परिवार ने रावण के मंदिर का निर्माण करवाया है, यहां पर बड़ी सी रावण की प्रतिमा भी लगाई गई है और सुबह शाम यहां रावण की आरती होती है. (dussehra 2022) (ravan temple in pardesi pura indore)

इंदौर का शख्स करता है रावण का पूजा: परदेशीपुरा क्षेत्र में रहने वाले महेश गोहर ने दशहरे के दिन रावण का पूजन किया. यहां के एक कॉलोनी में रावण का मंदिर बनाया गया है. यहां पर दशानन कि सुबह शाम आरती की जाती है. वहीं मंदिर का निर्माण करवाने वाले महेश गौहर का कहना है कि उनके मामा मंदसौर के रहने वाले थे. करीब 50 साल पहले जब वे वहां पर गए तो देखा कि लोग रावण की पूजा कर मन्नत मांग रहे थे. इसके बाद उन्होंने रावण के बारे में विभिन्न तरह की जानकारियां निकाली. इसमें एक गलती को छोड़ दी जाए तो रावण खूबियों से भरा हुआ था. इसी वजह से जब वे मंदसौर से लौटे तो उन्होंने रावण की पूजा शुरू कर दी. (indore man worship ravan)

परदेसी पुरा इंदौर में रावण मंदिर

रावण के मंदिर का कराया निर्माण: महेश गोहर ने रावण की पूजा करने के साथ ही अपने घर से कुछ ही दूरी पर रावण के मंदिर का निर्माण भी करवाया. इसके साथ ही महेश ने अपने परिजनों के नाम भी रावण के परिवार से मिलते जुलते रखे हैं. जिस तरह से रावण के परिवार में उनके लड़के का नाम मेघनाथ था, तो उन्होंने भी अपने लड़के का नाम मेघनाथ ही रख दिया. पोते का नाम लंकेश रखा. इसी तरह से रावण की बहन रूप तारा थी, लेकिन भगवान लक्ष्मण द्वारा नाक काट देने के कारण उनका नाम सूपनखा हो गया. उसी के नाम पर महेश गोहर ने अपनी पोती का नाम रूप तारा रखा लिया.

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रावण दहन को लेकर याचिका दायर: महेश ने रावण दहन पर पाबंदियों को लेकर एक याचिका भी इंदौर हाई कोर्ट में दायर की हुई है, लेकिन उसपर लगातार सुनवाई चल रही है. वहीं गोहर ने रावण दहन को लेकर इस बात का तर्क दिया कि रावण ने मात्र एक गलती की थी लेकिन उसमें कई तरह की अच्छाइयां थी. वह एक प्रख्यात पंडित था और कई तरह के शास्त्रों का ज्ञाता था. उसने भगवान शिव को अपने बात पर नृत्य कराया था. शिव पुराण भी लिखा लेकिन रावण ने एक गलती कर दी और उसी का नतीजा रहा कि आज उसका पुतला पूरे देश में जल रहा है. इसी को लेकर उन्होंने एक याचिका इंदौर हाई कोर्ट में लगाई है. कोर्ट से यह गुहार लगाई है कि जिस तरह से देश भर में रावण के पुतलों का दहन हो रहा है वह बंद किया जाए.

दिल्ली में रावण दहन पर पटाखों पर प्रतिबंध: गोहर ने दिल्ली हाईकोर्ट के तर्क भी इंदौर हाईकोर्ट के समक्ष रखें है. दिल्ली हाईकोर्ट ने रावण के निर्माण में पर्यावरण को लेकर बात कही है, कहा कि जिस तरह से रावण के निर्माण में भारी तादाद में पटाखों का प्रयोग किया जाता है उसके कारण वायु प्रदूषण होता है. इसलिए दिल्ली हाईकोर्ट ने रावण के निर्माण के दौरान पटाखों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया. महेश का कहना है कि आने वाले दिनों में निश्चित तौर पर इंदौर हाई कोर्ट भी रावण दहन को लेकर किसी तरह की कोई गाइडलाइन जारी कर सकती है. (vijayadashami 2022)

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