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World Alzheimer Day 2021: जानें क्यों मनाते हैं अल्जाइमर-डे, कहीं आपको तो नहीं है यह बीमारी

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Published : Sep 20, 2021, 1:39 PM IST

World Alzheimer Day 2021
अल्जाइमर दिवस

उम्र के एक पड़ाव आने के बाद यानी बुढ़ापे में लोग अक्सर इस बीमारी का सामना करते हैं. देश हो या विदेश अल्जाइमर को लेकर आमजन में बहुत ज्यादा जागरूकता नहीं हैं. इसी के चलते जनमानस में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 21 सिंतबर को पूरी दुनिया में 'विश्व अल्जाइमर दिवस' मनाया जाता है

हैदराबाद। अक्सर बात करते-करते आप वह भूल जाते हैं, जो आप कहना चाहते हैं. जबकि वह बात हमारे दिमाग में तो होती है, लेकिन जुबां पर नहीं आ पाती. सामान्य तौर पर हम सभी ऐसी परेशानी का सामना करते हैं, लेकिन जब यह समस्या बढ़ जाये तो एक बीमारी बन जाती है. इस बीमारी को अल्जाइमर कहा जाता है. उम्र के एक पड़ाव आने के बाद यानी बुढ़ापे में लोग अक्सर इस बीमारी का सामना करते हैं. देश हो या विदेश अल्जाइमर को लेकर आमजन में बहुत ज्यादा जागरूकता नहीं हैं. इसी के चलते जनमानस में जागरूकता (Alzheimer Awareness) फैलाने के उद्देश्य से हर साल 21 सिंतबर को पूरी दुनिया में 'विश्व अल्जाइमर दिवस' (World Alzheimer Day) मनाया जाता है.

क्या है अल्जाइमर (What is Alzheimer)
यह एक प्रकार की मस्तिष्क और याददाश्त से जुड़ी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति की याददाश्त और सोचने की शक्ति कम होने लगती है. अल्जाइमर एक ऐसा रोग है, जिसमें व्यक्ति के दिमाग की नसें (Brain Veins) संकुचित हो जाती हैं. इसके अलावा मस्तिष्क में प्रोटीन (Brain Protein Level) की संरचना में गड़बड़ी होने के कारण भी इस बीमारी का खतरा बढ़ सकता है. इसके अलावा हेड इंजरी, वायरल इंफेक्शन और ब्रेन स्ट्रोक (Brain Strock) में भी अल्जाइमर की स्थिति पैदा हो सकती है.

युवा भी हो रहे अल्जाइमर के शिकार
अल्जाइमर के मरीज छोटी से छोटी बात भूलने लग जाते हैं, जैसे यदि आपने 10 मिनट पहले कोई काम किया हो, तो आपको याद नहीं रहेगा कि ये आपने किया था या नहीं. इसके अलावा उन्हें किसी भी वस्तु, व्यक्ति या घटना को याद रखने में परेशानी महसूस होती है. आमतौर पर बुजुर्ग लोग इस बीमारी के ज्यादा शिकार होते हैं, लेकिन आज के समय में युवा भी इसकी चपेट में आने लगे हैं. जानकारों की माने तो पिछले कुछ वर्षों में इस बीमारी के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. अल्जाइमर को लेकर कोई पूर्णकालिक इलाज संभव नहीं है, लेकिन समय पर इसके बारे में पता चलने पर दवाइयों की मदद से इसे काफी हद तक नियंत्रण में रखा जा सकता है.

अल्जाइमर दिवस का इतिहास (History of Alzheimer Day)
वर्ष 2012 से प्रति वर्ष पूरी दुनिया में 21 सितंबर को विश्व अल्जाइमर दिवस के रूप में मनाया जाता है. अल्जाइमर बीमारी का नाम डॉ. अलोइस अल्जाइमर के नाम पर रखा गया था. इस आयोजन के कारण पूरे महीने अल्जाइमर को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने तथा अल्जाइमर रोगियों के स्वास्थ्य तथा उनकी अवस्था को कैसे और बेहतर किया जा सके, इस विषय पर कार्यक्रम, कार्यशालाएं, गोष्ठियां तथा सम्मेलन आयोजित किए जाते हैं.

अल्जाइमर दिवस 2021 का थीम (Alzheimer Day Theme 2021)
हर वर्ष अल्जाइमर पर एक थीम बनाया जाता है. उस थीम के आधार पर लोगों को जागरूक किया जाता है. इसके संदर्भ में कार्यक्रम और गोष्ठियां आयोजित की जाती हैं. अब सोशल मीडिया का दौर है तो लाइव कार्यक्रम किये जाते हैं. साथ ही लोगों को अल्जाइमर को समझाने की कोशिश की जाती है. साल 2020 में अल्जाइमर दिवस का थीम 'आओ डिमेंशिया पर बात करें' विषय था. इस साल पूरी दुनिया में 10वां अल्जाइमर दिवस मनाया जा रहा है, जिसका थीम Know Dementia, Know Alzheimer’s रखा गया है.

अल्‍जाइमर के लक्षण (Sypmptoms of Alzheimer)

  • मनोदशा में परिवर्तन, हाल की जानकारी को भूल जाना और चीजों को गलत समझना.
  • घर या काम में परिचित कार्यों को पूरा करने में समस्याओं और कठिनाई को हल करने में चुनौतियां.
  • पढ़ने में कठिनाई, दूरी को पहचानना और रंग पहचानना.
  • सामाजिक और अवकाश गतिविधियों से पीछे हटना.
  • करने जा रहे काम को भूल जाना.
  • किसी भी प्रकार की कोई प्लैनिंग करने में दिक्कत.
  • कोई भी परेशानी सुलझा ना पाना.
  • जो काम आते हैं उन्हें भी पूरा ना कर पाना.
  • वक्त भूलना और जगह के नाम भी याद ना रहना.
  • आंखों की रोशनी धीरे-धीरे कम होना.
  • सही शब्द लिखने में दिक्कत आना.
  • निर्णय लेने में दिक्कत आना.
  • चीजे रखकर भूल जाना.
  • लोगों से कम मिलना और काम को आगे टालना.
  • बार-बार मूड में बदलाव.
  • डिप्रेशन, कंफ्यूज रहना, थकान और मन में डर रहना.

ऐसे मिल सकता है छुटकारा (How to cure Alzheimer)

  • शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और मनोरंजक गतिविधियों में संलग्न जैसे: सोशल मीडिया से ज्यादा वास्तविक दुनिया के संपर्क में रहना.
  • पढ़ना, आनंद के लिए लिखना और संगीत वाद्ययंत्र बजाना.
  • नई भाषा सीखने, मेंटल गेम्स या म्यूजिक में खुद को व्यस्त रखें.
  • वयस्क शिक्षा पाठ्यक्रमों में भाग लेना.
  • सेहतमंद आहार लें और हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज पर नियंत्रण रखें.
  • इनडोर गेम्स जैसे कि क्रॉसवर्ड, पजल्स, स्क्रैबल और शतरंज खेलना.
  • तैराकी, समूह के खेल, जैसे- गेंदबाजी, चलना, योग और ध्यान जैसी गतिविधियां.
  • खेल की गतिविधियों और उचित व्यायाम से शरीर और दिमागी तंदुरुस्ती बनी रहती है.
  • गुस्सा, चिड़चिड़ापन से दूर रहें.
  • खुद भी खुश रहें और दूसरे को भी खुश रखें.

अल्जाइमर रोग के बारे में तथ्य (Fact of Alzheimer Disease)
अभी तक अल्जाइमर रोग के सही कारणों का पता नहीं चल सका है. मस्तिष्क में होने वाली कुछ जटिल घटनाएं इस बीमारी का कारण बनती हैं. विश्व स्तर पर हर तीन में से दो लोग मानते हैं कि उनके देशों में डिमेंशिया की बहुत कम या उसके बारे में जागरूकता फैलाने की कमी है. आधे से ज्यादा लोग इस बीमारी के बारे में जानते तक नहीं हैं. अल्जाइमर रोग का कोई इलाज नहीं है. इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति की प्रभावी ढंग से केयर करने पर बदलाव देखने को मिल सकते हैं. वहीं रोगी को जल्दी पता लगने से लाभ होता है.

विश्व अल्जाइमर दिवस पर 'आओ डिमेंशिया पर बात करें'

आंकड़े बताते हैं अल्जाइमर की हकीकत (Real Figure of Alzheimer)
आंकड़े बताते हैं कि दुनिया भर में 50 मिलियन से अधिक लोग डिमेंशिया (Dementia disease) के शिकार हैं. आश्चर्य की बात यह है कि इस बात की जानकारी उन्हें खुद नहीं है. दुनिया में कोई भी हर तीन सेकंड में डिमेंशिया विकसित कर लेता है. डिमेंशिया के साथ रहने वाले लोगों की संख्या तिगुनी होने का अनुमान है, जो 2050 तक 152 मिलियन हो जाएंगे. इसका असर आर्थिक स्थिति पर भी पड़ रहा है. हर साल एक बिलियन अमेरिकी डॉलर का कारण डेमेंशिया है. बताया जा रहा है कि 2050 तक यह आंकड़ा दोगुना हो जाएगा.

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