Life Sentence to Tigers : भोपाल वन विहार के 6 बाघों को उम्रकैद, जानें क्या था इनका गुनाह

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Published : Jun 28, 2022, 10:39 PM IST

Updated : Jun 29, 2022, 6:48 PM IST

tigers who attacked on people sentenced to life

क्या आप जानते हैं इंसानों पर हमला करने और उन्हें मार कर खा जाने पर बाघों को भी सजा मिलती है. इसी के चलते 6 बाघ उम्रकैद की सजा काट रहे हैं, फिलहाल इसमें अब एक और बाघिन का नाम जुड़ने जा रहा है. अब आपको बताते हैं ऐसा क्यों किया जाता है और टाइगर का गुस्सा कितने समय में शांत होता है.

भोपाल। किसी व्यक्ति पर जानलेवा हमला करने की सजा सिर्फ इंसानों को ही नहीं मिलती, बल्कि यह सजा हमारे राष्ट्रीय पशु टाइगर को भी भुगतनी पड़ती है और यह सजा होती है उम्र कैद की. ऐसी ही सजा भोपाल के वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में छह बाघ काट रहे हैं, इन बाघों को उम्रकैद की सजा इसलिए दी गई है, क्योंकि इन्होंने इंसानों पर हमला किया था. सजा काटने वाले इन बाघों की सूची में जल्द ही एक और नाम बाघिन सुंदरी का जुड़ने जा रहा है, जिसे जल्द ही वन विहार लाया जाएगा.

ये बाघ काट रहे हैं उम्रकैद की सजा: वन विहार में करीब 13 बाघ हैं, इनमें से छह बाघ अपनी पूरी जिंदगी वन विहार के बाड़े में ही बिताएंगे. वन विहार के दो बाघ बंधु और बांधव को 2015 में बांधवगढ़ से रेस्क्यु कर लाया गया था, इन दोनों आदमखोर बाघों ने दो लोगों की जान ले ली थी. इसके बाद से यह वन विहार में ही अपनी जिंदगी बिता रहे हैं.

  • यही हाल मटककली बाघिन का है, जिसे 2016 में मटकुली से रेस्क्यु किया गया था, यहां इस बाघिन ने दो लोगों की जान ली थी. मटकुली से लाने की वजह से इसे वन विहार में मटककली नाम दिया गया.
  • पिछले साल हरदा के नर बाघ ने एक चरवाहे का शिकार किया और बाद में उसने एक वन रक्षक पर हमला कर उसे घायल कर दिया था. इसके बाद बाघ को ट्रेंकुलाइज कर वन विहार लाया गया था. जब इसे लाया गया तब इस बाघ के सिर पर गहरा घाव था, वन विहार में इसे शौर्य नाम दिया गया . यह बाकी जिंदगी अब वन विहार में ही बिताएगा.
  • पेंच टाइगर रिजर्व में 2 लोगों पर हमला करने के बाद एक और नर बाघ को 2021 में पकड़कर वन विहार लाया गया था, इसका नाम पंचम रखा गया था.
  • 2020 में सारणी में दो लोगों पर हमला करने के बाद एक नर बाघ को पकड़कर वन विहार लाया गया, इसे वन विहार ने सरन नाम दिया था. इसके अलावा ऐसे ही दो बाघ इंदौर और दिल्ली के जू में भेजे गए थे.

एक और बाघिन काटेगी सजा: 2021 से कान्हा टाइगर रिजर्व में रह रही बाघिन 'सुंदरी' को भी जल्द ही अब वन विहार लाया जाएगा, यह बाघिन अब बाकी की उम्र वन विहार में ही काटेगी. सुंदरी को जून 2018 में बाघ पुर्नस्थापना कार्यक्रम के तहत ओडिशा के सतकोसिया टाइगर रिजर्व भेजा गया था, लेकिन दो साल की उम्र में भी बाघिन शिकार नहीं कर पा रही थी. बाद में सुंदरी के साथ वंश बढ़ाने के लिए कान्हा टाइगर रिजर्व से बाघ महावीर को भी भेजा गया, लेकिन उसे अज्ञात लोगों द्वारा जहर देकर मार दिया गया था. बाद में सुंदरी ने 4 लोगों पर हमला किया, तो उसे नंदनकानन चिड़ियाघर में कैद कर दिया गया. हालांकि बाद में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की आपत्ति के बाद उसे वापस कान्हा लेकर आ गए, लेकिन सुंदरी आदमी के नजदीक रहने की आदी हो गई और आहट सुनते ही लोगों के पास पहुंचने की कोशिश करती थी, इसलिए इसे अब वन विहार में ही रखा जाएगा.

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दो साल में टाइगर का गुस्सा होता है शांत: वन विहार टाइगर रिजर्व के असिस्टेंट डायरेक्टर ए.के. जैन के मुताबिक "टाइगर बेहद ही गुस्सैल स्वभाव का होता है, आदमखोर होने के बाद यह और भी खतरनाक हो जाता है. ऐसे बाघ को जब वन विहार में लाया जाता है तो उसे सामान्य होने में करीब 2 साल लग जाते हैं, सबसे पहले बाघ को लाकर पूरे ढके बाड़े में रखा जाता है. ऐसे बाघ पिंजरे के पास आहट आने पर ही दहाड़ने लगते हैं, कुछ समय बाद पिंजरे का एक पर्दा खोलकर रखा जाता है और एक ही वन कर्मी उसे खाना आदि देता है. फिर कुछ समय बाद दो लोग उसके पास जाने लगते हैं, करीब दो साल में बाघ पूरी तरह से सामान्य हो पाता है. आदमखोर हो चुके ऐसे बाघ को खुले जंगल में छोड़ना लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है, इसलिए उन्हें वन विहार में ही रखा जाता है."

Last Updated :Jun 29, 2022, 6:48 PM IST
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