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मध्य प्रदेश के 31वें डीजीपी बने सुधीर सक्सेना, सामने होंगी ये तीन अहम चुनौतियां...

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Published : Mar 4, 2022, 4:21 PM IST

Updated : Mar 4, 2022, 7:12 PM IST

MP के नए डीजीपी के रूप में सीनियर आईपीएस अधिकारी सुधीर सक्सेना ने पदभार ग्रहण किया. सुधीर सक्सेना कई केंद्रीय एजेंसियों में काम कर चुके हैं. नए डीजीपी के सामने महिला और बाल अपराध के साथ ही साइबर क्राइम पर लगाम लगाना मुख्य चुनौतियां है.

Sudhir Saxena appointed new DGP of MP
एमपी के नए डीजीपी बने सुधीर सक्सेना

भोपाल। मध्यप्रदेश के नए डीजीपी के रूप में सीनियर आईपीएस अधिकारी सुधीर सक्सेना ने पदभार संभाला. एमपी पुलिस के नए मुखिया सुधीर सक्सेना की छवि मिलनसार लेकिन कार्यप्रणाली सख्त अधिकारी की मानी जाती है. वे इतने फोकस हैं कि 23 साल की उम्र में ही सफलता प्राप्त कर आईपीएस बन गए. मध्य प्रदेश के 31वें डीजीपी के रूप में सुधीर सक्सेना के सामने प्रदेश में महिला और बाल अपराध के साथ ही तेजी से बढ़ रहे साइबर अपराधों में कमी लाना बड़ी चुनौती रहेगी. साइबर अपराधों पर नियंत्रण के लिए थाना स्तर पर साइबर डेस्क बनाई जा रही है, लेकिन ऐसे अपराधों में कमी लाने के लिए नए डीजीपी को कई और कड़े कदम उठाने होंगे.

नए डीजीपी के सामने तीन बड़ी चुनौतियां

मध्यप्रदेश महिला और बाल अपराधों के मामलों में देश के शीर्ष राज्यों में शामिल है. बच्चों से जुड़े दिल दहला देने वाले मामले लगातार सामने आते हैं. यही वजह है कि मध्यप्रदेश बच्चों के लिए सबसे असुरक्षित राज्य माना जाता है.

  • 2020 के एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में हर रोज औसतन 46 बच्चे दुष्कर्म, हत्या और अपहरण जैसे गंभीर अपराधों के शिकार होते हैं. 2020 में मध्य प्रदेश में 17008 बच्चे अपराधों के शिकार हुए. हालांकि 2019 के मामलों में इसमें थोड़ी कमी दर्ज की गई थी, बाल अपराधों के मामले में मध्य प्रदेश देश के अन्य राज्यों के मुकाबले शीर्ष पर है. यही वजह है कि नए डीजीपी सुधीर सक्सेना के सामने ऐसे अपराधों पर नियंत्रण पाना एक बड़ी चुनौती होगी.
  • महिला अपराधों पर नियंत्रण पाना नए डीजीपी के सामने एक बड़ा चैलेंज होगा. महिला अपराधों के मामले में अभी मध्य प्रदेश शीर्ष राज्यों में शामिल है. 2020 के आंकड़ों के मुताबिक मध्यप्रदेश में दुष्कर्म के 2339 मामले दर्ज किए गए, यानी हर रोज 6 महिलाएं बलात्कार का शिकार हुई हैं. पुलिस के आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो पिछले साल अक्टूबर माह तक प्रदेश के 10 जिलों में 5251 महिलाएं अपराध का शिकार हुईं. इनमें बलात्कार के 1984 मामले दर्ज किए गए, जबकि दहेज अपराध, दहेज हत्या जैसे मामले भी सामने आए हैं. महिला अपराधों के मामले में प्रदेश के बड़े शहर इंदौर, ग्वालियर, भोपाल में सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं.
  • साइबर अपराध के मामलों में मध्यप्रदेश में तेजी से बढ़ोतरी हुई है, जालसाज नए-नए तरीके ढूंढ़ कर लोगों को ठगने का काम कर रहे हैं. इसके अलावा साइबर अपराध से जुड़े दूसरे मामले भी सामने आ रहे हैं. साइबर पुलिस द्वारा ऐसे अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है. भोपाल साइबर पुलिस द्वारा ही पिछले 2 माह में 13 इंटर स्टेट साइबर क्राइम गिरोह का पर्दाफाश किया गया है. हालांकि ऐसे साइबर अपराधों में कमी लाने के लिए नए डीजीपी को एक बेहतर रणनीति बनानी होगी.

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पीएम मोदी सुरक्षा में चूक की जांच कमेटी में थे शामिल

मध्य प्रदेश पुलिस के नए मुखिया सुधीर कुमार सक्सेना की स्कूली शिक्षा महाराज बाड़ा स्थित गोरकी स्कूल ग्वालियर से हुई. उन्होंने माधव इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस से इंजीनियरिंग करने के बाद आईआईटी दिल्ली से एमटेक किया. 23 साल की उम्र में 1987 में भारतीय पुलिस सेवा ज्वाइन करने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग जबलपुर में सितंबर 1989 में हुई, जहां वे अप्रैल 1990 तक बतौर सीएसपी रहे थे. नवागत डीजीपी सुधीर सक्सेना ने 7 सालों तक सीबीआई में सेवाएं दी हैं, अगस्त 2002 से 2009 तक वे सीबीआई में डीआईजी रहे. 5 जनवरी को पंजाब के फिरोजपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मामले की जांच के लिए गठित जांच कमेटी की कमान सुधीर सक्सेना को सौंपी गई थी. जांच कमेटी में गुप्तचर ब्यूरो के संयुक्त निदेशक और एसपीजी के आईजी भी शामिल थे. केंद्रीय एजेंसियों में काम कर चुके सुधीर सक्सेना के अनुभवों का लाभ मध्य प्रदेश पुलिस को आधुनिक बनाने और बेहतर पुलिसिंग में मिलेगा.

सक्सेना की बेटी भी आईपीएस

1987 बैच के आईपीएस अधिकारी सुधीर सक्सेना की बेटी सोनाक्षी भी आईपीएस अधिकारी है. सोनाक्षी 2019 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं और फिलहाल प्रोबेशनर के तौर पर इंदौर में अपनी सेवाएं दे रही हैं. वैसे मध्य प्रदेश के प्रशासनिक मुखिया चीफ सेक्रेटरी इकबाल सिंह बैंस के बेटे अमरबीर सिंह भी मध्य प्रदेश में आईएएस अधिकारी हैं. अमर वीर 2013 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और फिलहाल बैतूल में कलेक्टर के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

अविभाजित एमपी के कई जिलों के रहे हैं एसपी
सुधीर सक्सेना अविभाजित मध्यप्रदेश में रायगढ़, छिंदवाड़ा, जबलपुर और रतलाम में एसपी रह चुके हैं. डीआईजी बनने के बाद 2002 में वे सीबीआई में प्रतिनियुक्ति पर चले गए थे. हालांकि वहां से लौटने के बाद उन्हें आईजी इंटेलीजेंस बनाया गया था. मध्यप्रदेश के डीजीपी पद की रेस में सुधीर सक्सेना के अलावा डीजी होमगार्ड पवन जैन को भी दावेदार माना जा रहा था.

Last Updated : Mar 4, 2022, 7:12 PM IST
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