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MP Officer Removed: अधिकारी ने पत्नी के पक्ष में चुनाव परिणाम को 'प्रभावित' किया, हटाया गया

मध्य प्रदेश में इन दिनों चुनावी माहौल है. मतदान व मतगणना के दौरान कई जगह से प्रभावित करने के मामले सामने आए हैं. ऐसा ही एक मामला रीवा का है, जहां विधानसभा अध्यक्ष के निजी सचिव अवधेश तिवारी की पत्नी कृष्णावती तिवारी रीवा की सूरा ग्राम पंचायत में 20 मतों से चुनाव हार गईं. अवधेश तिवारी पर आरोप है कि उन्होनें कई बार पीठासीन अधिकारियों को प्रभाव दिखाकर मतगणना कराई व अंत में कृष्णा तिवारी को तीन मतों से विजेता घोषित कर दिया गया. प्रतिद्वंदियों ने इसकी शिकायत की है.

Awadhesh Tiwari accused of influencing counting of votes
अवधेश तिवारी पर मतगणना प्रभावित करने का आरोप
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Published : Jul 5, 2022, 9:21 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष के निजी सचिव अवधेश तिवारी को पंचायत चुनाव में अपनी पत्नी के पक्ष में परिणाम को प्रभावित करने के लिए सत्ता के कथित दुरुपयोग के आरोप में उनके पद से हटा दिया गया है. तिवारी की पत्नी कृष्णावती रीवा की सूरा ग्राम पंचायत (गंगेओ प्रखंड के अंतर्गत) में सरपंच पद के लिए उम्मीदवारों में से एक थीं. कृष्णावती तिवारी 20 मतों से चुनाव हार गईं, जिसके बाद अवधेश तिवारी ने राजनीतिक प्रभाव का उपयोग करते हुए पीठासीन अधिकारी को मतों की पुनर्गणना के लिए मजबूर किया.

Urban Body Election MP 2022: उम्मीदवारों की अग्निपरीक्षा कल, 11 नगर निगम सहित 133 निकायों में सुबह 7 बजे से वोटिंग

कृष्णा तिवारी तीन मतों से विजेता घोषित: मतगणना के बाद कृष्णावती दीप्ति द्विवेदी से 12 मतों के अंतर से हार गईं. हालांकि, अवधेश तिवारी ने फिर से चुनाव टीम को तीसरी बार वोटों की दोबारा गिनती करने के लिए मजबूर किया. इसके बाद तीसरी बार मतगणना करने के बाद कृष्णा तिवारी को तीन मतों से विजेता घोषित किया गया. दूसरे और तीसरे उपविजेता रहे अन्य उम्मीदवारों ने सूरा ग्राम पंचायत में तैनात पीठासीन अधिकारी और पुलिस अधिकारियों पर कृष्णा तिवारी का पक्ष लेने का आरोप लगाया. विडंबना यह है कि जब गांव के लोगों ने चुनाव निष्पक्ष तरीके से नहीं होने का आरोप लगाते हुए आपत्ति जताई, तो उप-मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) और चुनाव प्रभारी ने उनका आवेदन भी स्वीकार नहीं किया और मतदान केंद्र से बाहर चले गए.

'पिछले तीन दिनों से हम जिला कलेक्टर और एसडीएम से मिलने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कोई भी हमसे मिलने को तैयार नहीं है. वे अवधेश तिवारी के दबाव में हैं, हमारे पास इस बात के सभी सबूत हैं कि यहां सूरा ग्राम पंचायत में कैसे अनुचित चुनाव किया गया'. दीप्ति ने कहा, 'जिला कलेक्टर कार्यालय में विरोध प्रदर्शन करेंगी और जरूरत पड़ने पर राज्य चुनाव आयोग के पास जाएंगी. एक पराजित उम्मीदवार को विजेता घोषित किया गया, यह अस्वीकार्य है'.

- दीप्ति द्विवेदी, प्रार्थी

अवधेश तिवारी पर परिणाम प्रभावित करने का आरोप: सबूतों से पता चलता है कि दीप्ति द्विवेदी के परिवार के सदस्यों ने एसडीएम और अन्य चुनाव अधिकारियों को निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने के लिए मनाने की कोशिश की और फिर से मतगणना की मांग की, लेकिन अधिकारियों को यह कहते हुए सुना गया कि 'अब कुछ नहीं होगा'. मतदान के दौरान मतदान केंद्र के पीठासीन अधिकारी शाम चार बजे टोकन बांटते दिखे. चुनाव आयोग द्वारा सुबह 7.30 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच मतदान का समय तय किया गया है. चुनाव अधिकारियों या एसडीएम और जिला कलेक्टर से कोई जवाब नहीं मिलने पर सरपंच पद के उम्मीदवारों में से एक ने जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया. उन्हें संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल रीवा ले जाया गया और इलाज के बाद चिकित्सा सुविधा से छुट्टी दे दी गई.

इनपुट - आईएएनएस

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष के निजी सचिव अवधेश तिवारी को पंचायत चुनाव में अपनी पत्नी के पक्ष में परिणाम को प्रभावित करने के लिए सत्ता के कथित दुरुपयोग के आरोप में उनके पद से हटा दिया गया है. तिवारी की पत्नी कृष्णावती रीवा की सूरा ग्राम पंचायत (गंगेओ प्रखंड के अंतर्गत) में सरपंच पद के लिए उम्मीदवारों में से एक थीं. कृष्णावती तिवारी 20 मतों से चुनाव हार गईं, जिसके बाद अवधेश तिवारी ने राजनीतिक प्रभाव का उपयोग करते हुए पीठासीन अधिकारी को मतों की पुनर्गणना के लिए मजबूर किया.

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कृष्णा तिवारी तीन मतों से विजेता घोषित: मतगणना के बाद कृष्णावती दीप्ति द्विवेदी से 12 मतों के अंतर से हार गईं. हालांकि, अवधेश तिवारी ने फिर से चुनाव टीम को तीसरी बार वोटों की दोबारा गिनती करने के लिए मजबूर किया. इसके बाद तीसरी बार मतगणना करने के बाद कृष्णा तिवारी को तीन मतों से विजेता घोषित किया गया. दूसरे और तीसरे उपविजेता रहे अन्य उम्मीदवारों ने सूरा ग्राम पंचायत में तैनात पीठासीन अधिकारी और पुलिस अधिकारियों पर कृष्णा तिवारी का पक्ष लेने का आरोप लगाया. विडंबना यह है कि जब गांव के लोगों ने चुनाव निष्पक्ष तरीके से नहीं होने का आरोप लगाते हुए आपत्ति जताई, तो उप-मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) और चुनाव प्रभारी ने उनका आवेदन भी स्वीकार नहीं किया और मतदान केंद्र से बाहर चले गए.

'पिछले तीन दिनों से हम जिला कलेक्टर और एसडीएम से मिलने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कोई भी हमसे मिलने को तैयार नहीं है. वे अवधेश तिवारी के दबाव में हैं, हमारे पास इस बात के सभी सबूत हैं कि यहां सूरा ग्राम पंचायत में कैसे अनुचित चुनाव किया गया'. दीप्ति ने कहा, 'जिला कलेक्टर कार्यालय में विरोध प्रदर्शन करेंगी और जरूरत पड़ने पर राज्य चुनाव आयोग के पास जाएंगी. एक पराजित उम्मीदवार को विजेता घोषित किया गया, यह अस्वीकार्य है'.

- दीप्ति द्विवेदी, प्रार्थी

अवधेश तिवारी पर परिणाम प्रभावित करने का आरोप: सबूतों से पता चलता है कि दीप्ति द्विवेदी के परिवार के सदस्यों ने एसडीएम और अन्य चुनाव अधिकारियों को निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने के लिए मनाने की कोशिश की और फिर से मतगणना की मांग की, लेकिन अधिकारियों को यह कहते हुए सुना गया कि 'अब कुछ नहीं होगा'. मतदान के दौरान मतदान केंद्र के पीठासीन अधिकारी शाम चार बजे टोकन बांटते दिखे. चुनाव आयोग द्वारा सुबह 7.30 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच मतदान का समय तय किया गया है. चुनाव अधिकारियों या एसडीएम और जिला कलेक्टर से कोई जवाब नहीं मिलने पर सरपंच पद के उम्मीदवारों में से एक ने जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया. उन्हें संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल रीवा ले जाया गया और इलाज के बाद चिकित्सा सुविधा से छुट्टी दे दी गई.

इनपुट - आईएएनएस

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