ETV Bharat / city

MP High Court strict On Nursing Colleges: कहा- सख्त कार्रवाई करे सरकार, नहीं तो HC लेगा एक्शन, रिपोर्ट में सामने आया एक ही व्यक्ति कई कॉलेजों का प्राचार्य

author img

By

Published : Jul 7, 2022, 7:35 PM IST

453 नर्सिंग कॉलेज की मान्यता संबंधित डाटा का परिक्षण करने के बाद हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. इस मामले में याचिकाकर्ता की तरफ से हाईकोर्ट को बताया गया कि एक ही व्यक्ति सैकडों किलोमीटर दूर स्थित कई नर्सिंग कॉलेज का प्राचार्य है.

MP High Court strict On Nursing Colleges
फर्जी नर्सिंग कॉलेज पर सख्त हुआ हाईकोर्ट

जबलपुर। प्रदेश के 453 नर्सिंग कॉलेज की मान्यता संबंधित डाटा का परिक्षण करने के बाद हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. इस मामले में याचिकाकर्ता की तरफ से हाईकोर्ट को बताया गया कि एक ही व्यक्ति सैकडों किलोमीटर दूर स्थित कई नर्सिंग कॉलेज का प्राचार्य है. इसके अलावा एक ही समय में कई शिक्षक भी सैकडों किलोमीटर दूर स्थित कई कॉलेज में पढा रहे हैं. खास बात यह है कि हाईकोर्ट में पेश किये गये 453 नर्सिंग कॉलेज के डाटा में लगभग 38 हजार पेज गायब हैं. इस पूरे मामले में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने नाराजगी जताते हुए फर्जी तरीके से संचालित हो रहे नर्सिंग कॉलेजों पर कार्यवाही के निर्देश दिए हैं.

कार्रवाई न करने पर होगा सख्त एक्शन: डबल बैंच ने कहा है कि कार्रवाई नहीं करने की स्थिति में हाईकोर्ट सख्त एक्शन लेगा लॉ स्टूडेंट्स एसोशिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि शैक्षणिक सत्र 2000-21 में प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य इलाकों में 55 नर्सिंग कॉलेजो को मान्यता दी गयी थी. मप्र नर्सिंग रजिस्टेशन काउंसिल ने निरीक्षण के बाद इन कॉलजों की मान्यता दी थी, जबकि वास्तविकता में यह कॉलेज सिर्फ कागज में संचालित हो रहे हैं. इन कॉलेजों में ऐसा कोई कॉलेज नहीं है जो निर्धारिण मापदण्ड पूरा करता हो. अधिकांश कॉलेज की निर्धारित स्थलपर बिल्डिंग तक नहीं है, कुछ कॉलेज सिर्फ चार-पांच कमरों में संचालित हो रहे हैं. ऐसे कॉलेज में प्रयोगशाला सहित अन्य आवश्यक संरचना नहीं है. बिना छात्रावास ही कॉलेजों का संचालन किया जा रहा है. नर्सिंग कॉलेज को फर्जी तरीके से मान्यता दिये जाने के आरोप में मप्र नर्सिंग रजिस्टेशन काउंसिल के रजिस्टार को पद से हटा दिया गया था. उन्होंने फर्जी नर्सिंग कॉलेज संचालित होने के संबंध में आई शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की है. इसी के चलते यह याचिका दायर की गई है.

फोटो सहित सौंपी गई थी सूची: याचिका के साथ ऐसे कॉलेजों की सूची और फोटो प्रस्तुत किये गये थे. याचिका में कहा गया था कि जब कॉलेज ही नहीं है तो छात्रों को कैसे पढाया जाता होगा. याचिका की सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने प्रदेश के सभी नर्सिंग कॉलेजों की निरीक्षण रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिये थे. हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रदेश के 453 नर्सिंग कॉलेज के मान्यता संबंधित ओरिजनल दस्तावेज पेश किये गये थे. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को दस्तावेज के निरीक्षण की अनुमति प्रदान की थी. इस मामले में गुरूवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के युगलपीठ को बताया गया कि किस कॉलेज के कितने पेज के दस्तावेज है, इसका उल्लेख किया जाता है. हाईकोर्ट में पेश किए गए 453 नर्सिंग कॉलेज के दस्तावेजों में 37759 पेज गायब हैं. सूची में 80 कॉलेज ऐसे हैं, जिसमें एक व्यक्ति उसी समय में कई स्थानों में काम कर रहा है. दस कॉलेज में एक ही व्यक्ति एक समय में प्राचार्य था और उन कॉलेजों के बीच की दूरी सैकडों किलोमीटर थी. टीचिंग स्टॉफ भी पांच-पांच कॉलेज में एक ही समय में सेवा दे रहा था. सरकार की तरफ से जांच का आश्वासन देने पर युगलपीठ ने नाराजगी व्यक्त की है. कोर्ट की डबल बेंच ने सरकार को निर्देश दिया है कि दस्तावेज के आधार पर कार्यवाही करे,अन्यथा हाईकोर्ट को सख्त एक्शन लेना होगा. याचिका पर अगली सुनवाई 11 जुलाई को निर्धारित की गयी है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.