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आरक्षण पर बहस, आमने सामने आए कमलनाथ-शिवराज, cm का दावा दे के रहेंगे रिजर्वेशन, अब सुप्रीम कोर्ट जाएगी सरकार

ओबीसी आरक्षण को लेकर कांग्रेस के स्थगन प्रस्ताव पर सीएम शिवराज सिंह और कमलनाथ में जोरदार बहस हुई.(mp assembly winter session second day 2021 ) इसी दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि ओबीसी आरक्षण को लेकर सरकार सुप्रीम कोर्ट जा रही है. शिवराज सिंह ने ये भी कहा कि पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के(mp government going supreme court on obc reservation ) साथ ही होंगे.

mp assembly winter session second day 2021
पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ ही होंगे
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Published : Dec 21, 2021, 3:37 PM IST

Updated : Dec 21, 2021, 6:33 PM IST

भोपाल। ओबीसी आरक्षण को लेकर शिवराज सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी. मुख्यमंत्री ने ये बयान विधानसभा में ओबीसी आरक्षण पर बहस के दौरान दिया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, कि इसे लेकर पिछले 2 दिनों में सरकार ने तमाम विधि विशेषज्ञों के अलावा केंद्र सरकार के साथ गंभीर विचार विमर्श किया है. मध्य प्रदेश सरकार ही नहीं, बल्कि केंद्र सरकार भी इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट जा रही है. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि (mp assembly winter session second day 2021 ) मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ ही होंगे. इसको लेकर सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी. यदि इसको लेकर कोई हमारा साथ देगा तो उसके साथ होंगे और अगर कोई साथ नहीं देगा तो उसके बिना भी सरकार इस लड़ाई को लड़ेगी.


शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पंचायत में आरक्षण को लेकर जो फैसला आया उसकी याचिका (mp government going supreme court on obc reservation) )कांग्रेस की थी, सरकार ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव करा रही है ,उन्होंने कहा कि रोटेशन क्या होता है, रोटेशन आरक्षण का होता है ,हमारा अध्यादेश संवैधानिक प्रावधानों के तहत था ,यदि यह संविधान के प्रावधानों को खिलाफ होता तो कोर्ट भी इसे रोक देती लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

कमलनाथ : हम रोटेशन के लिए कोर्ट गए थे. यहां बिना रोटेशन और परिसीमन के चुनाव कराए जा रहे थे. इसको लेकर कोर्ट गए, यदि यह फैसला महाराष्ट्र की तरफ मुड़ गया था तो इसको लेकर सरकार ने कोर्ट के समक्ष पक्ष क्यों नहीं रखा.

शिवराज : कांग्रेस बोल रही है रोटेशन को लेकर कोर्ट गई. लेकिन कांग्रेस ने चक्र अनुपात(debate obc reservation vidhan sabha 2021 ) रोटेशन का विरोध किया. यह आरक्षण का विरोध ही है. उसी आधार पर यह फैसला आया है. आप तलवार लेकर हाथ काटने निकले थे और सर कट गया.

कमलनाथ : मेरी सहानुभूति है शिवराज के साथ. उनके पास अब बोलने के लिए कुछ (shivraj said panchayat election with obc reservation )नहीं बचा. मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि हमने किया, दिखावे के लिए किया .मैं यही कहना चाहता हूं कि मैंने और हमारी सरकार ने कुछ भी दिखावे के लिए नहीं किया .आज पूरे प्रदेश की जनता गवाह है कि दिखावे के लिए कितने आदेश जारी हुए . इनका कितना क्रियान्वयन हुआ. आपकी तरफ के लोग भी इसको लेकर रोते हैं.

शिवराज : मैंने तथ्यों के साथ बताया है और मैं किसी भी मंच पर बहस को तैयार हूं, कि आपने कभी भी 27 फ़ीसदी आरक्षण का लाभ नहीं लेने दिया. आप इस बात को नकार नहीं सकते.

कांग्रेस का दावा, हमारे तर्कों के आगे झुकी सरकार!
कमलनाथ : आपकी सरकार प्रदेश में 14 साल से थी. आप 27 फ़ीसदी आरक्षण लेकर क्यों नहीं आए. हम तो सिर्फ 14 महीने सत्ता में थे. अगर आप ओबीसी के हितैषी थे तो इसे लेकर आ सकते थे.शिवराज: हम हितैषी बनते नहीं, बल्कि हितेषी हैं.शिवराज : आपने बड़े जोर देकर कहा कि कोर्ट में क्यों पक्ष नहीं रखा. लेकिन आपके विद्वान अधिवक्ता उसी कोर्ट में थे. जब यह फैसला आ रहा था तब वह क्यों नहीं कह सकते थे, कि मैं याचिका वापस ले रहा हूं. क्योंकि यह फैसला आप की याचिका पर ही हुआ है. लेकिन चुप चाप उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया. क्योंकि उनकी मंशा यही थी कि प्रदेश के पिछड़े वर्ग के लोग मारे जाएं.शिवराज : हमने अध्यादेश में कोई भी परिवर्तन नहीं किया था. आरक्षण को लेकर यह सरकार ही नहीं, केंद्र सरकार भी सुप्रीम कोर्ट में जा रही है. ओबीसी आरक्षण को जारी रखने को लेकर सरकार कोई भी कसर नहीं छोड़ेगी.कमलनाथ : शिवराज जी के बयान पर हम धन्यवाद देते हैं, कि उन्होंने हमारी मांग स्वीकार की और हमारी आवाज सुनी.शिवराज : हम शोषित वंचित सभी की आवाज सुनते हैं. सदन में कहना चाहता हूं कि ओबीसी के आरक्षण के साथ ही चुनाव होंगे. इसमें कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, यदि कोई हमारा साथ देगा तो उसके साथ हैं. अगर कोई साथ नहीं देगा तो उसके बिना भी हम इसको लेकर लड़ाई लड़ेंगे.कमलनाथ : यदि शिवराज 2 दिन पहले यह बयान दे देते तो इस स्थगन प्रस्ताव लाने की जरूरत ही नहीं पड़ती.शिवराज : पिछले दो दिनों से विधि विभाग केंद्र सरकार और सभी विधि विशेषज्ञों से दिन-रात इसी को लेकर विचार विमर्श किया जा रहा था.

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आरक्षण के लिए जान दे दूंगा-भूपेन्द्र सिंह

स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान नगरी प्रशासन एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि वह अपनी जान दे देंगे, लेकिन ओबीसी को आरक्षण दिला कर रहेंगे. सरकार की तरफ से नगरी प्रशासन मंत्री ने कोर्ट में कांग्रेस द्वारा दाखिल की गई पिटीशन का हवाला दिया, तो कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मंत्री द्वारा गलत तथ्य पेश किए जा रहे हैं. जवाब में मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि यदि यह तथ्य गलत साबित हुए तो वह अपना इस्तीफा दे देंगे.

भोपाल। ओबीसी आरक्षण को लेकर शिवराज सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी. मुख्यमंत्री ने ये बयान विधानसभा में ओबीसी आरक्षण पर बहस के दौरान दिया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, कि इसे लेकर पिछले 2 दिनों में सरकार ने तमाम विधि विशेषज्ञों के अलावा केंद्र सरकार के साथ गंभीर विचार विमर्श किया है. मध्य प्रदेश सरकार ही नहीं, बल्कि केंद्र सरकार भी इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट जा रही है. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि (mp assembly winter session second day 2021 ) मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ ही होंगे. इसको लेकर सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी. यदि इसको लेकर कोई हमारा साथ देगा तो उसके साथ होंगे और अगर कोई साथ नहीं देगा तो उसके बिना भी सरकार इस लड़ाई को लड़ेगी.


शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पंचायत में आरक्षण को लेकर जो फैसला आया उसकी याचिका (mp government going supreme court on obc reservation) )कांग्रेस की थी, सरकार ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव करा रही है ,उन्होंने कहा कि रोटेशन क्या होता है, रोटेशन आरक्षण का होता है ,हमारा अध्यादेश संवैधानिक प्रावधानों के तहत था ,यदि यह संविधान के प्रावधानों को खिलाफ होता तो कोर्ट भी इसे रोक देती लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

कमलनाथ : हम रोटेशन के लिए कोर्ट गए थे. यहां बिना रोटेशन और परिसीमन के चुनाव कराए जा रहे थे. इसको लेकर कोर्ट गए, यदि यह फैसला महाराष्ट्र की तरफ मुड़ गया था तो इसको लेकर सरकार ने कोर्ट के समक्ष पक्ष क्यों नहीं रखा.

शिवराज : कांग्रेस बोल रही है रोटेशन को लेकर कोर्ट गई. लेकिन कांग्रेस ने चक्र अनुपात(debate obc reservation vidhan sabha 2021 ) रोटेशन का विरोध किया. यह आरक्षण का विरोध ही है. उसी आधार पर यह फैसला आया है. आप तलवार लेकर हाथ काटने निकले थे और सर कट गया.

कमलनाथ : मेरी सहानुभूति है शिवराज के साथ. उनके पास अब बोलने के लिए कुछ (shivraj said panchayat election with obc reservation )नहीं बचा. मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि हमने किया, दिखावे के लिए किया .मैं यही कहना चाहता हूं कि मैंने और हमारी सरकार ने कुछ भी दिखावे के लिए नहीं किया .आज पूरे प्रदेश की जनता गवाह है कि दिखावे के लिए कितने आदेश जारी हुए . इनका कितना क्रियान्वयन हुआ. आपकी तरफ के लोग भी इसको लेकर रोते हैं.

शिवराज : मैंने तथ्यों के साथ बताया है और मैं किसी भी मंच पर बहस को तैयार हूं, कि आपने कभी भी 27 फ़ीसदी आरक्षण का लाभ नहीं लेने दिया. आप इस बात को नकार नहीं सकते.

कांग्रेस का दावा, हमारे तर्कों के आगे झुकी सरकार!
कमलनाथ : आपकी सरकार प्रदेश में 14 साल से थी. आप 27 फ़ीसदी आरक्षण लेकर क्यों नहीं आए. हम तो सिर्फ 14 महीने सत्ता में थे. अगर आप ओबीसी के हितैषी थे तो इसे लेकर आ सकते थे.शिवराज: हम हितैषी बनते नहीं, बल्कि हितेषी हैं.शिवराज : आपने बड़े जोर देकर कहा कि कोर्ट में क्यों पक्ष नहीं रखा. लेकिन आपके विद्वान अधिवक्ता उसी कोर्ट में थे. जब यह फैसला आ रहा था तब वह क्यों नहीं कह सकते थे, कि मैं याचिका वापस ले रहा हूं. क्योंकि यह फैसला आप की याचिका पर ही हुआ है. लेकिन चुप चाप उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया. क्योंकि उनकी मंशा यही थी कि प्रदेश के पिछड़े वर्ग के लोग मारे जाएं.शिवराज : हमने अध्यादेश में कोई भी परिवर्तन नहीं किया था. आरक्षण को लेकर यह सरकार ही नहीं, केंद्र सरकार भी सुप्रीम कोर्ट में जा रही है. ओबीसी आरक्षण को जारी रखने को लेकर सरकार कोई भी कसर नहीं छोड़ेगी.कमलनाथ : शिवराज जी के बयान पर हम धन्यवाद देते हैं, कि उन्होंने हमारी मांग स्वीकार की और हमारी आवाज सुनी.शिवराज : हम शोषित वंचित सभी की आवाज सुनते हैं. सदन में कहना चाहता हूं कि ओबीसी के आरक्षण के साथ ही चुनाव होंगे. इसमें कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, यदि कोई हमारा साथ देगा तो उसके साथ हैं. अगर कोई साथ नहीं देगा तो उसके बिना भी हम इसको लेकर लड़ाई लड़ेंगे.कमलनाथ : यदि शिवराज 2 दिन पहले यह बयान दे देते तो इस स्थगन प्रस्ताव लाने की जरूरत ही नहीं पड़ती.शिवराज : पिछले दो दिनों से विधि विभाग केंद्र सरकार और सभी विधि विशेषज्ञों से दिन-रात इसी को लेकर विचार विमर्श किया जा रहा था.

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स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान नगरी प्रशासन एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि वह अपनी जान दे देंगे, लेकिन ओबीसी को आरक्षण दिला कर रहेंगे. सरकार की तरफ से नगरी प्रशासन मंत्री ने कोर्ट में कांग्रेस द्वारा दाखिल की गई पिटीशन का हवाला दिया, तो कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मंत्री द्वारा गलत तथ्य पेश किए जा रहे हैं. जवाब में मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि यदि यह तथ्य गलत साबित हुए तो वह अपना इस्तीफा दे देंगे.

Last Updated : Dec 21, 2021, 6:33 PM IST
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