GST On Garba: अब गरबा आयोजनों पर भी लगेगा GST, बड़े आयोजकों ने जताया विरोध तो छोटों ने किया स्वागत

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Published : Aug 7, 2022, 1:02 PM IST

18 percent GST in MP Garba

मध्य प्रदेश में गरबा को अब GST अधिनियम के दायरे में शामिल कर लिया गया है. इसमें 18 फीसदी जीएसटी का भुगतान आयोजकों को करना पड़ेगा. सामूहिक आयोजन देखने वालों पर जीएसटी का भार आएगा. 500 से अधिक की टिकट पर 18 फीसदी जीएसटी लागू हो जाएगा.(18 percent GST On Garba) (Big organizers Objection Garba)

भोपाल। नवरात्रि के पहले गरबा आयोजकों को तगड़ा झटका लगा है. क्योंकि मध्य प्रदेश में गरबा का आयोजन बड़े स्तर पर करने वाली संस्थाओं को अब 18 फीसदी जीएसटी देना होगा. जीएसटी काउसिंल की बैठक में यह निर्णय लिया गया है. विभाग का मानना है गरबा, नृत्य का बड़ा और सामूहिक आयोजन होता है. इसे सिखाने वाले एंट्री फीस लेने के साथ-साथ गरबा में भाग लेने वालों से भी फीस ली जाती है. लिहाजा ऐसे आयोजन टैक्स के दायरे में आ गए हैं. 18% जीएसटी दायरे में आने के बाद आयोजकों ने इसका विरोध किया है. इनका मानना है कि धार्मिक आयोजनों पर टैक्स उचित नहीं है.

गरबा देखने वालों पर पड़ेगा असर: अब गरबा कराने वाली संस्थाओं से 18% जीएसटी लिया जाएगा. पहले नोटिफिकेशन जो कि 12 दिसंबर 2017 का था उसमें छूट दी गई थी. लेकिन यदि कोई व्यक्ति नृत्य सिखाता है तो वह जीएसटी के दायरे में नहीं आएगा. इसका सीधा असर शहरों में होने वाले गरबा जैसे बड़े आयोजनों में पड़ेगा. एक्सपर्ट्स के मुताबिक आयोजकों को इससे ज्यादा घाटा होने वाला नहीं है. क्योंकि वह एंट्री फीस के साथ साथ गरबा में भाग लेने वाले लोगों से पैसे वसूलेंगे. सीधा असर गरबा देखने वालों पर पड़ेगा.

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कोई GST के पक्ष में तो कोई खिलाफ: छोटे स्तर पर होने वाले आयोजन 20 लाख के टर्नओवर की सीमा से बाहर रहेंगे. लेकिन बड़े आयोजकों पर 18 पर्सेंट टैक्स लगेगा और उन्हें इसके लिए पंजीयन भी होगा. भोजपाल महोत्सव मेला (Bhojpal Mahotsav) के अध्यक्ष सुनील यादव का कहना है कि यह धार्मिक कार्यक्रम है यदि कोई व्यवसाय के लिए करता है तो उस पर टैक्स लगना चाहिए. लेकिन यदि कोई बड़े स्तर पर बिना किसी व्यवसाय के गरबा कराता है तो उसे टैक्स के दायरे में नहीं लाना चाहिए. संस्कृति बचाओ मंच के संयोजक चंद्रशेखर तिवारी का कहना है की गरबा आयोजन करने वालों पर टैक्स लगाना उचित है. क्योंकि यह गरबा के समय जमकर कमाई करते हैं और सीधे अपनी जेब में रखते हैं.

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  • भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में लगभग 25 से 30 करोड़ का कारोबार होता है.
  • 18% की दर से टैक्स पर करीब 4 करोड़ रुपया सरकार के खजाने में आएगा.
  • भोपाल में एक दर्जन से ज्यादा जगहों पर बड़े स्तर पर आयोजन होता है.

(18 percent GST On Garba) (Big organizers objection Garba)

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