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पंचायत चुनाव 2021: अवैध हथियारों के तस्कर हुए सक्रिय, पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा शांतिपूर्वक चुनाव कराना

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Published : Dec 22, 2021, 10:57 PM IST

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अवैध हथियारों के तस्कर हुए सक्रिय

पंचायत चुनाव का ऐलान (Madhya Pradesh panchayat election) होने के साथ ही मध्य प्रदेश में अवैध हथियारों के तस्कर सक्रिय (illegal weapon supplier active) हो गए हैं. हाल ही में ग्वालियर-चंबल अंचल से ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. जहां अवैध हथियारों की खेप पकड़ी गई. इन अवैध हथियारों का इस्तेमाल चुनाव के दौरान हिंसा फैलाने और चुनाव को प्रभावित किए जाने के लिए किया जाता है.

ग्वालियर। पंचायत चुनाव का ऐलान (Madhya Pradesh panchayat election) होने के साथ ही मध्य प्रदेश में अवैध हथियारों के तस्कर सक्रिय (illegal weapon supplier active) हो गए हैं. हाल ही में ग्वालियर-चंबल अंचल से ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. जहां अवैध हथियारों की खेप पकड़ी गई. इन अवैध हथियारों का इस्तेमाल चुनाव के दौरान हिंसा फैलाने और चुनाव को प्रभावित किए जाने के लिए किया जाता है. अवैध हथियारों के तस्कर एमपी की सीमा से लगने वाले यूपी के शहरों, राजस्थान बॉर्डर के अलावा मालवा, खरगोन और मंदसौर तक फैले हुए हैं. पहले हुए चुनावों में भी ग्वालियर चंबल अंचल चुनाव में हिंसा फैलाने और हथियारों के इस्तेमाल को लेकर सुर्खियों में रहा है. खास बात यह भी है यहां शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव समपन्न कराना पुलिस और प्रशासन के लिए भी किसी चुनौती से कम नहीं रहा है.

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अवैध हथियारों के तस्कर हुए सक्रिय

ग्वालियर में पकड़ी गई हथियारों की खेप
मध्य प्रदेश के मालवा से तस्करी कर लाई जा रही अवैध हथियारों की एक खेप पुलिस ने हाल ही में ग्वालियर में पकड़ी है. पुलिस को मुखबिर के जरिए सूचना मिली कि आगरा का रहने वाला एक युवक मालवा से लाई जा रही अवैध हथियारों की खेप लेकर ग्वालियर आ रहा है. क्राइम ब्रांच ने ग्राहक बनकर जाल बिछाया और तस्कर को अरेस्ट किया. उसके पास से पांच ऑटोमेटिक पिस्टल और जिंदा राउंड बरामद किए. पकड़े गए युवक ने बताया कि वह अवैध हथियारों की यह खेप बड़वानी से लेकर आ रहा था. इन हथियारों को उत्तरी मध्य प्रदेश के कई शहरों में सप्लाई करना था. पकड़ी गई सभी पिस्टल 32 बोर के बताए गए हैं. इन पिस्टल को 10 हजार से लेकर 20 हजार रुपए में बेचा जाता है.

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भिंड-गोरमी पुलिस ने पकड़े 10 देसी कट्टे, कारतूस

पंचायत चुनाव में सप्लाई करने के लिए लाए गए हथियारों की खेप को कुछ दिन पहले ही भिंड की गोरमी थाना पुलिस ने बरामद किया. पकड़े गए हथियार तस्कर से दस देसी कट्टे और ग्यारह जिंदा कारतूस बरामद किए गए. भिंड पुलिस आने वाले दिनों में पंचायत चुनावों को शांति पूर्ण तरीके से संपन्न कराने के उद्देश्य से अपराधी किस्म के लोगो पर पैनी निगाह रख रही है और मोबाइल लोकेशन के बेस पर अवैध हथियार तस्करों पर कार्रवाई करने में जुटी हुई है. इसी सिलसिले में पुलिस ने ब्रजेश भदौरिया नाम के एक आरोपी को गिरफ्तार किया था. जिसके घर पर दबिश देने पर एक बैग से बड़ी मात्रा में अवैध हथियार बरामद हुए. आरोपी ने बताया कि वह इन हथियारों को मुरैना में सप्लाई करने जा रहा था.

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अवैध हथियारों के तस्कर हुए सक्रिय

मुरैना में पकड़ी गई अवैध हथियार फैक्ट्री

जिले की पोरसा थाना पुलिस ने अवैध हथियारों की फैक्ट्री पर छापामार कार्रवाई की है. पुलिस के मुताबिक, इस फैक्ट्री में आगामी पंचायत चुनावों में हिंसा फैलाने के लिए हथियार बनाए जा रहे थे. पुलिस की कार्रवाई में 20 देसी कट्टे, दो पिस्टल, 8 जिंदा कारतूस और 6 खाली राउंड कारतूस सहित अवैध हथियार बनाने की सामग्री जब्त की है. पुलिस ने दो आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है.

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इंदौर क्राइम ब्रांच ने पकड़ी अवैध हथियारों की फैक्ट्री
इंदौर पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 1 दिन पहले ही अवैध हथियारों के जखीरे के साथ तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया. पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 55 देसी पिस्टल और 11 जिंदा कारतूस बरामद किए हैं. खरगोन का एक सिकलीगर (अवैध हथियार बनाने वाले कारीगर) और देवास के दो हथियारों के सप्लायर को भी गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों ने बताया कि वे एमपी के कई जिलों में बड़ी संख्या में हथियारों की सप्लाई कर चुके हैं. आरोपियों की सूचना पर पुलिस ने खरगोन के आसपास के जंगल में बनी अवैध पिस्टल बनाने की फैक्ट्री के साथ 55 देसी कट्टे और पिस्टल इंदौर क्राइम ब्रांच ने पकड़ी है.

माननीय मांग रहे हथियार रखने की परमीशन

पंचायत चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से कराने के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोगों को लाइसेंसी शस्त्र 18 दिसंबर तक थानों में जमा करने का आदेश जारी किए गए थे. बावजूद इसके अकेले भिंड जिले में 1061 लाइसेंसी हथियार थानों में जमा नहीं किए गए हैं. खास बात यह है कि चुनावों में अवैध हथियारों के इस्तेमाल के लिए कुख्यात भिंड़ जिले के ही लहार से कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह, अटेर के पूर्व विधायक शिवशंकर समाधिया सहित 103 लोगों ने निजी कारण बताते हुए कलेक्टर से हथियार जमा कराने से छूट मांगी है.

अवैध हथियारों का जमकर होता है इस्तेमाल, लाइसेंसी भी जमा नहीं हुए

- अकेले भिंड़ जिले में 22 हजार 672 लाइसेंसी हथियार हैं.

- जिले में 1061 हथियार थानों में जमा होना अभी बाकी है.

- इसके साथ ही जिले में बड़ी संख्या में जम्मू-कश्मीर सहित दूसरे राज्यों से बने लाइसेंस वाले हथियार भी हैं. जिनकी संख्या करीब 19 सौ है.

हाल ही के दिनों में पकड़ी गई अवैध हथियारों की ये खेप और प्रदेश में तीन चरणों में होने वाली पंचायत चुनाव की प्रक्रिया लंबी चलने वाली है. इसे देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने अपनी कार्रवाई में तेजी भी ला दी है, लेकिन शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव सम्पन्न करवाना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती साबित होने वाला है.

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