ETV Bharat / city

Doctors Strike In MP: एमपी में किसके भरोसे मरीज, कोरोना की तीसरी लहर की आहट के बीच हड़ताल पर जूनियर डॉक्टर्स

author img

By

Published : Dec 22, 2021, 10:08 PM IST

प्रदेश में कोरोना संक्रमण बढ़ता जा रहा है. ऊपर से जूनियर डॉक्टर्स की अनिश्चितकालीन हड़ताल भी चल रही है. कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच ये हड़ताल भारी पड़ सकती है. जूनियर डॉक्टर्स और प्रबंधन के बीच बातचीत चल रही है.

Doctors Strike In MP
एमपी में किसके भरोसे मरीज, कोरोना की तीसरी लहर की आहट के बीच हड़ताल पर जूनियर डॉक्टर्स

भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर का खतरा बढ़ने लगा है. एमपी में कोरोना से मंगलवार को एक मौत हुई है. ये मौत इंदौर में हुई है. इंदौर में एक नवंबर से विदेश से आए 900 लोग की जांचही नहीं हो पाई है. यहां पर विदेश से आए 12 लोग पॉजिटिव मिले हैं. नाइजीरिया से आए दो बच्चों में ओमिक्रॉन होने का शक है. इनकी जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए सैंपल दिल्ली भेजे गए हैं. इसी दौरान जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल ने चिंता और बढ़ा दी है. अगर कोरोना केस ज्यादा बढ़े तो चिकित्सा सेवाएं चरमरा सकती है.

कोरोना का बढ़ता खतरा, जूनियर डॉक्टर्स ने की हड़ताल

कोरोना के बढ़ते केस के बीच जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल से हालात बिगड़ सकते हैं. भोपाल में जूनियर डॉक्टरों की अनिश्चतकालीन हड़ताल का बुधवार को दूसरा दिन रहा.जूडा की ओर से बुधवार से इमरजेंसी सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं. मरीजों को दिक्कत न हो इसके लिए कॉलेज डीन ने वैकल्पिक सेवाएं देने का दावा किया है.

बढ़ते काम के दवाब को लेकर भोपाल सहित पूरे प्रदेश में जूनियर डॉक्टरों ने मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दी है. जूडा का कहना है हमारे प्रतिनिधि मंडल की बातचीत लगातार मंत्री जी और हेल्थ कमिश्नर भोपाल से चल रही है.

चरमराने लगी स्वास्थ्य सेवाएं

मध्यप्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण और तीसरी लहर की आशंका के बीच हमीदिया अस्पताल के जूनियर डाक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए. हड़ताल के दूसरे दिन स्वास्थ्य सेवाओं पर असर साफ दिखाई दिया. जानकारी के मुताबिक पहले करीब 1700 से ज्यादा लोग अस्पताल आ रहे थे. इनमे से 120 मरीज भर्ती हुए थे. इसके साथ ही करीब 45 लोगों के आपरेशन भी हुए थे. लेकिन अब धीरे-धीरे लोग दूसरे अस्पतालों में जाने लगे हैं.

हड़ताल का असर, मरीजों की संख्या घटी

हड़ताल के कारण मरीज अब दूसरे अस्पतालों का रुख कर रहे हैं. हमीदिया अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि जूनियर डाक्टरों की हड़ताल को वापस लेने के लिए बातचीत चल रही है. जूनियर डाक्टरों की हड़ताल के कारण मरीजों के इलाज का भार सीनियर डाक्टरों पर आ गया है. हड़ताल के मद्देनजर प्रबंधन की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था भी की गई है. हड़ताल के कारण अस्पताल में दवा दुकान पर भी लाइनें लगी रहीं. जांच कराने वालों को भी काफी इंतजार करना पड़ रहा है.

क्यों की हड़ताल

जूडा संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में एक हजार से ज्यादी डॉक्टरों की कमी है. बीते आठ महीने से जूनियर डॉक्टर दबाव में काम कर रहे हैं. प्रदेश सरकार से मांग है कि एमबीबीएस कर चुके छात्रों को मदद के लिए रखा जाए. हमारी मांग है कि जब तक जूनियर डॉक्टर्स के नए एडमिशन नहीं हो जाते, तब तक नॉन एकेडमिक जूनियर डॉक्टर की नियुक्ति कर जूनियर डॉक्टर्स का कार्यभार कम किया जाए. काउंसलिंग में देरी की वजह से परेशानी हो रही है. 1 जून को जाने वाले पीजी प्रथम वर्ष के जूनियर डॉक्टर अभी तक नहीं आए हैं. इससे काम का दबाव बढ़ रहा है. फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय संगठन ने केंद्र सरकार से मांग की है कि काउंसलिंग जल्दी कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में पक्ष जल्दी रखें. फोर्डा ने इस मांग को लेकर महीने में दूसरी बार हड़ताल की है. मध्य प्रदेश के जूनियर डॉक्टर्स भी हड़ताल के माध्यम से समर्थन दे रहे हैं. नीट-पीजी काउंसलिंग का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है.

बढ़ता जा रहा कोरोना का संक्रमण, फिलहाल ओमिक्रॉन का केस नहीं

प्रदेश में 21 दिनों में 366 संक्रमित मिल चुके है. इनमें सबसे ज्यादा भोपाल में 146 और इंदौर 144 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. राज्य में एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 181 पहुंच गई है. लेकिन अभी तक तसल्ली की बात ये है कि फिलहाल यहां ओमिक्रॉन का कोई केस नहीं मिला है.

इंदौर में कोरोना से एक मौत

इंदौर शहर में कोरोना से दो लोगों की मौत बताई जा रही है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने एक की मौत की ही पुष्टि की है. मंगलवार को भी इदौर में 9 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, इससे चिंता बढ़ गई है. मंगलवार को 6700 लोगों के सैंपल लिए गए थे.

विदेश से लौटे 900 लोगों का पता नहीं

इंदौर में 1 नवंबर से अब तक 3000 से ज्यादा लोग विदेशों से लौटे हैं. इनमें से 12 पॉजिटिव पाए गए हैं. इनके सैंपल जीनोम सिक्वेसिंग के लिए दिल्ली भेजे गए हैं. विदेश से जो लोग लौटे हैं उनमें 900 तो ऐसे हैं जिनका इंदौर आने के बाद पता ही नहीं चला. इसे लेकर चिंता बढ़ गई है. हाल ही में नाइजीरिया से लौटे दोनों बच्चों के सैंपल में ओमिक्रॉन पाए जाने का संदेह जताया गया है. लेकिन NCDC की रिपोर्ट मिलने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी.

ओमिक्रॉन से बचाव की केंद्र ने जारी की एडवाइजरी

हालांकि मध्य प्रदेश में अभी तक ओमिक्रॉन का कोई केस सामने नहीं आया है. लेकिन देश के 14 राज्यों में ओमीक्रॉन का संक्रमण तेजी से पैर पसार रहा है. इसका खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसे रोकने के लिए केंद्र ने नई एडवाइजरी (new guidelines to prevent omicron variant) जारी की है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राजेश भूषण ने पत्र लिखकर राज्यों को इसके निर्देशों का पालन करने के लिए कहा है, जिसमें सभी राज्यों से संक्रमण से बचने के लिए अपने वॉर रूम को एक्टिवेट करने को कहा गया है. इसके अलावा राज्य और जिला स्तर पर कड़े कदम उठाते हुए निगरानी किए जाने के निर्देश भी पत्र में दिए गए हैं. अन्य निर्देशों में

100% Vaccination के करीब MP: अब तक 10 करोड़ से ज्यादा डोज लगी, दिसंबर तक कुल 11 करोड़ डोज लगाने का टारगेट

  • सभी राज्य 100 फीसदी वैक्सीन पर फोकस करें
  • कोरोना संदिग्धों की टेस्टिंग-निगरानी बढ़ाई जाए
  • जिला स्तर पर कंटेनमेंट जोन बनाए जाएं
  • संदिग्धों की समीक्षा करें
  • अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाने, वॉर रूम, इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर्स को एक्टिव करें
  • सभी क्लस्टर से सैंपल को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा जाए.
  • स्थानीय-जिला स्तर पर राज्य सरकारों को दूरदर्शिता, डाटा एनालिसिस के साथ सख्त फैसला लेने की जरूरत
  • कंटेनमेंट जोन का चयन करने, टेस्ट, ट्रैक और सर्विलांस पर फोकस के अलावा डोर टू डोर सर्चिंग-टेस्टिंग कराएं
  • संदिग्धों के आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या भी बढ़ाई जाए
  • विदेशों से आए यात्रियों की निगरानी की जाए
  • बेड की संख्या, एंबुलेंस व अन्य मशीनरी बढ़ाने, ऑक्सीजन और दवाओं का स्टॉक बढ़ाने की भी सलाह दी गई है
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.