भोपाल(Bhopal)। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में जूनियर डॉक्टर्स (Junior Doctors) की हड़ताल एक बार फिर शुरू हो गई है. अपने तीन साथियों के रजिस्ट्रेशन कैंसिल के नोटिस (Registration Cancel Notice) के विरोध में यह सभी हड़ताल (Strike) पर बैठे हैं. इस दौरान राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल (Hamidiya Hospital) में सरकार की अर्थी रखकर विरोध प्रदर्शन किया गया.
जूनियर डॉक्टर्स का कहना है कि जब तक सरकार इनके साथियों के रजिस्ट्रेशन कैंसिल के आदेश वापस नहीं लेगी, तब तक वह काम पर नहीं लौटेंगे. जूडा (Juda) की हड़ताल की वजह से अब अस्पताल में भर्ती मरीजों को भी काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
तीन साथियों के रजिस्ट्रेशन कैंसिलेशन का विरोध
दरअसल मई महीने में जूनियर डॉक्टर्स ने स्टाइपेंड बढ़ोतरी की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया था. जिसके बाद सरकार और जूडा के बीच कोर्ट के आदेशों के चलते सामंजस्य बना था, सरकार ने भी उनकी मांग मान ली थी. लेकिन इसी बीच तीन डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने के नोटिस स्वास्थ्य विभाग ने जारी कर दिए. जिसके बाद से मामला गर्माया हुआ है. ऐसे में जूनियर डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर हमीदिया अस्पताल के बाहर धरना देकर विरोध जताया और सरकार की अर्थी रखकर प्रदर्शन किया.
अधिकारी और डॉक्टर्स के बीच का मामला: सारंग
जूनियर डॉक्टर्स का कहना है कि सरकार ने जब वादा किया था कि हमारी मांगे मान ली जाएंगी, उसके बाद सभी काम अच्छे से चल रहा था. फिर तीन डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन कैंसिल के नोटिस क्यों दिए गए हैं, इसी को लेकर विरोध है. अगर सरकार इनके रजिस्ट्रेशन कैंसिल के ऑर्डर वापस नहीं लेती तो यह हड़ताल जारी रहेगी. इधर मामले में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि यह अधिकारियों और डॉक्टरों के बीच का मामला है, उन्हें इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहना.
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जूडा की हड़ताल से मरीज परेशान
जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल के चलते मरीज काफी परेशान होते नजर आए. खुशीलाल कॉलेज से आए एक मरीज के परिजनों का कहना था कि उनके भाई के कमर का सीटी स्कैन होना है, लेकिन अस्पताल में डॉक्टर ही नहीं है. सुबह 6 बजे से 12 बजे तक इंतजार करने के बाद भी ना तो डॉक्टर मिला और अब बोला जा रहा है कि रात को 11 बजे सीटी स्कैन कराने के लिए उन्हें आना पड़ेगा.
दूसरी ओर एक अन्य मरीज का कहना था कि वह अपने बेटे को लेकर आए थे, 4 घंटे लाइन में लगने के बाद उनका नंबर आया, लेकिन अंदर सिर्फ एक डॉक्टर देखने वाला है, बाकी डॉक्टर्स मौजूद ही नहीं हैं. हड़ताल के चलते मरीजों की संख्या ज्यादा है और डॉक्टरों की कम.