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महंगा हुआ बाघ का दीदार, जंगल सफारी के लिए देने होंगे दोगुने पैसे, जानें आखिर क्यों ?

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Published : Sep 1, 2021, 11:05 PM IST

मध्यप्रदेश में अब जंगल की सैर करने के लिए लोगों को दोगुना शुल्क देना होगा. वन विभाग के नए फैसले के अनुसार अब भारतीय सैलानियों के अलावा विदेशी सैलानियों को भी जंगल सफारी के लिए पहले से लगभग दोगुना पैसा देना पड़ेगा.

महंगा हुआ बाघ का दीदार
महंगा हुआ बाघ का दीदार

भोपाल। मध्यप्रदेश में अब जंगल की सैर करने के लिए लोगों को दोगुना शुल्क देना होगा. प्रदेश में वन विभाग ने जंगल सफारी के शुल्क को लेकर एक नया फैसला लिया है. जिसके अनुसार अब भारतीय सैलानियों के अलावा विदेशी सैलानियों को भी जंगल सफारी के लिए पहले से लगभग दोगुना पैसा देना पड़ेगा. वन विभाग ने वन्यप्राणी पर्यटन के लिए प्रीमियम दिन तय कर दिए हैं. यदि कोई पर्यटक इन प्रीमियम दिनों में टाईगर रिजर्व में कोर क्षेत्र में भ्रमण करता है, तो उसे दोगुनी कीमत चुकानी होगी.

वन विभाग ने तय किए प्रीमियम दिन

मध्य प्रदेश टाईगर रिजर्व में अब कोर क्षेत्र या बफर जोन में जंगल सफारी करना थोड़ा महंगा पड़ेगा. दरअसल मध्यप्रदेश के वन विभाग के वन्य प्राणी विभाग ने अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर 2021 में टोटल 46 प्रीमियम दिन तय किए हैं. इन दिनों में कोर एरिया में जंगल सफारी करने के लिए आपको अतिरिक्त शुल्क देना पड़ेगा. इसी प्रकार आने वाले साल 2022 में जनवरी से जून तक इस तरह के प्रीमियम दिनों में जंगल सफारी के लिए भारतीय पर्यटकों को 1500 की जगह लगभग 2400 का शुल्क चुकाना पड़ेगा. वहीं विदेशी पर्यटकों को इसके लिए लगभग 4800 का भुगतान करना पड़ेगा.

वन विभाग ने तय किए प्रीमियम दिन
वन विभाग ने तय किए प्रीमियम दिन

इसके साथ ही जिप्सी के सिंगल सीट का किराया भी डबल कर दिया गया है. क्योंकि बारिश के बाद अक्टूबर माह से प्रदेश के सभी टाईगर रिजर्व पर्यटकों के लिए खोल दिए जाएंगे. देश ही नहीं बल्कि विदेशों के भी काफी पर्यटक वाइल्ड लाइफ सेंचुरी देखने के लिए मध्यप्रदेश आते हैं. ऐसे में प्रीमियम दिनों मैं जंगल सफारी के दामों में वृद्धि की गई है.

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क्या है प्रीमियम दिन ?

वन विभाग ने उन दिनों को चिन्हित किया है जोकि अवकाश के दिन पड़ रहे हैं. खासकर दशहरे, दीपावली की छुट्टियां और नए साल के आगे-पीछे की तारीखों में प्रीमियम दिन तय किए गए हैं. इस दौरान काफी संख्या में पर्यटक टाईगर रिजर्व और नेशनल पार्क घूमने के लिए आते हैं. इन प्रीमियम दिनों में अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक भीड़ होती है. जिसके चलते इन दिनों में जंगल सफारी के रेट बढ़ाए गए हैं.

मध्यप्रदेश के प्रधान वन्य प्राणी संरक्षक आलोक कुमार ने बताया, 'साल 2016 में जो मूल्य जंगल सफारी के लिए निर्धारित किए गए थे. उसके बाद 2021 में इनके दामों में बढ़ोतरी की गई है. चूंकि प्रीमियम दिनों में पर्यटकों की संख्या अधिक रहती है, इसलिए यह बढ़ोतरी की गई है. यह बढ़ोतरी सामान्य रूप से की गई है, क्योंकि पिछले 5 सालों से किसी तरह का परिवर्तन नहीं किया गया था'.

आलोक कुमार, प्रधान वन्य प्राणी संरक्षक, मप्र

कोरोना के बाद भी बढ़ी सैलानियों की संख्या

कोरोना के कारण लोगों का रुझान नेशनल पार्क की तरफ कम होने की बजाए बढ़ा है. मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व के आंकड़े यही बताते हैं. पेंच टाइगर रिजर्व में साल 2018-19 में कुल 94,735 पर्यटक पहुंचे थे. जिसमें से 85,777 पर्यटक सामान्य रूप से आए थे, 8,958 पर्यटक बफर जोन में भ्रमण के लिए गए थे. वहीं साल 2019-20 में कोरोना की पहली लहर के चलते लगभग 3 महीने पेंच टाइगर रिजर्व बंद था. उस समय कुल 73,994 पर्यटक बेस्ट टाइगर रिजर्व पहुंचे. जिसमें से 65,213 सामान्य पर्यटक और 8,781 पर्यटकों ने बफर जोन में जंगल सफारी की.

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इसी तरह 2020-21 में कोरोना की दूसरी लहर के समय लगभग 2 से 3 महीने बेस्ट टाइगर रिजर्व बंद था. उस समय में कुल 1,03,483 पर्यटक वहां पहुंचे. जिसमें से 83,194 पर्यटक सामान्य रूप और 20,289 पर्यटकों ने जंगल सफारी का आनंद लिया.

जंगल सफारी के मूल्यों में सामान्य रूप से वृद्धि की गई है. अन्य राज्यों की तुलना में अभी भी मध्य प्रदेश के टाईगर रिजर्व्स और राष्ट्रीय उद्यानों में जंगल सफारी सस्ती है. कुछ प्रीमियम दिनों में मूल्य में वृद्धि की गई है, लेकिन यह वृद्धि ऐसी नहीं है जिसकी वजह से पर्यटन पर कोई विपरीत प्रभाव पड़े.

-आलोक कुमार, प्रधान वन्य प्राणी संरक्षक, मप्र

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