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Azadi Ka Amrit Mahotsav स्वतंत्रता दिवस पर बोले कमलनाथ, न देश खतरे में न धर्म, सिर्फ सत्ताधारी की कुर्सी खतरे में

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Published : Aug 14, 2022, 9:31 PM IST

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर जनता को शुभकामनाएं देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर निशाना भी साधा है. उन्होंने कहा कि न देश खतरे में न धर्म खतरे में अगर कुछ है तो वह है सत्ताधारी की कुर्सी. Azadi Ka Amrit Mahotsav, Indian Independence Day, Independence Day 2022, Kamal Nath Slams Shivraj government

Azadi Ka Amrit Mahotsav
कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा

भोपाल। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर Independence Day 2022 कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रदेश को संबोधित करते हुए कहा कि, "हम सभी को एक होकर आजादी की एक नई लड़ाई की शुरूआत करनी होगी. आज जब आप रोटी मांगेंगे तो गुमराह करने वाले कहेंगे धर्म खतरे में हैं, जब आप कहेंगे कि महंगाई कम करो, तो वे कहेंगे देश खतरे में है. जब रोजगार मांगेंगे तो वे आपको देशद्रोही कहेंगे, लेकिन समझना होगा कि न देश खतरे में है और न धर्म खतरे में है, खतरे में सिर्फ सत्ताधारी की कुर्सी है.Kamal Nath Slams Shivraj government

  • Live : स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी प्रदेश की जनता को संबोधित कर रहे हैं। https://t.co/0gXmpau3Cw

    — MP Congress (@INCMP) August 14, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

देश की आजादी को लग गई नजर: प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस Azadi Ka Amrit Mahotsav की शुभकमानाएं देते हुए कमलनाथ ने कहा कि, "देश की आजादी के बाद हमें देशवासियों को वास्तविक आजादी दिलाने का महत्वपूर्ण कार्य करना था और इसकी शुरूआत 1947 से हुई. आजादी के बाद देश के सामने गरीबी, अशिक्षा, जात-पांत, छुआछूत, अकाल और महामारी जैसी समस्याएं थी. देश 500 से अधिक रियासतों में बंटा हुआ था, इन हालातों में कांग्रेस ने देशवासियों को वास्तविक आजादी दिलाने का काम शुरू किया. अब हमारे देश की आजादी को नजर लग गई है, लोकतंत्र का मुखौटा ओढ़कर कुछ ताकतों ने हमें बहकाने का काम किया, उन्होंने झूठे और बड़े सपने दिखाए, जैसे सपने कभी ईस्ट इंडिया कंपनी ने दिखाए थे. लेकिन अंग्रेजों की तरह इन ताकतों की इच्छा भारत का कल्याण करना नहीं है बल्कि हमारे देश को लूटना है, हमारी आजादी को छीनना है. आज देश के कदम गुलामी की तरफ बढ़ाये जा रहे हैं, आज देश पर 128 लाख करोड़ रूपये और मध्यप्रदेश पर 3 लाख करोड़ रूपये से अधिक का कर्ज है, देश की गुलामी की शुरूआत कर्जे से ही होती है. आज देश के किसानों की आजादी छीनी जा रही है, उनकी जमीनों को छीनने के लिए कानून बनाए जा रहे हैं, अभिव्यक्ति की आजादी खतरे में है."

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एक नई लड़ाई की शुरूआत करनी होगी: कमलनाथ ने कहा कि, "हम सबको एक होकर आजादी की एक नई लड़ाई की शुरूआत करनी होगी, हमें याद रखना होगा कि हम जाति, समुदाय, धर्म और भाषा के आधार पर आपस में न लड़ें बल्कि नई आजादी के लिए मिलकर लड़े. अब जब युवा रोटी मांगेगे तो गुमराह करने वाले कहेगें धर्म खतरे में है? जब आप कहेंगे कि महंगाई कम करो, तो वे कहेगें देश खतरे में है. जब आप रोजगार मांगेंगे तो वे आपको देशद्रोही कहेंगे, लेकिन आपको इस जाल में फंसना नहीं है. आपको समझना है कि न देश खतरे में है, न धर्म खतरे में है, अगर कुछ खतरे में है तो वह है सत्ताधारी की कुर्सी." कमलनाथ ने लोगों की कहा कि, "हमें अपने वोट की रक्षा करनी है, नौजवानों के रोजगार की रक्षा करनी है, अपने बच्चों के भविष्य की रक्षा करनी है. प्रेस और न्यायालय की आजादी की रक्षा करनी है, सेना के स्वाभिमान की रक्षा करनी है, महिलाओं और किसानों की रक्षा करनी है. जनमत से चुनी हुई सरकारों की रक्षा करनी है. Indian Independence Day

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