ETV Bharat / bharat

राज्य सभा : रूल बुक फेंकने की वजह से टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन शीतकालीन सत्र से निलंबित

सदन की नियमावली पुस्तिका आसन की ओर उछालने के कारण शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन को निलंबित कर दिया गया. सदन के नेता गोयल ने डेरेक ओ ब्रायन के आचरण पर क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि एक प्रमुख दल के नेता का यह आचरण उचित नहीं है और यह केवल टेबल ऑफिस का ही नहीं, बल्कि पूरे देश का अपमान है. उन्होंने कहा कि इस आचरण की निंदा पूरा देश करेगा.

TMC MP Derek O Brien
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन
author img

By

Published : Dec 21, 2021, 6:33 PM IST

Updated : Dec 22, 2021, 4:05 AM IST

नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस के सदस्य डेरेक ओ ब्रायन को राज्यसभा में मंगलवार को सदन की नियमावली पुस्तिका आसन की ओर उछालने के कारण सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया. उच्च सदन में पीठासीन अध्यक्ष डॉ सस्मित पात्रा ने आज सदन में निर्वाचन कानून (संशोधन) विधेयक 2021 को पारित किए जाने के दौरान तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन द्वारा नियमावली पुस्तिका आसन की ओर उछाले जाने का जिक्र किया.

उन्होंने कहा, 'डेरेक ओब्रायन ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया था, जिस पर उप सभापति ने व्यवस्था दी थी. इसके बाद डेरेक ओब्रायन ने राज्यसभा की नियमावली की पुस्तिका उछाल दी. उन्होंने कहा कि स्पष्ट रूप से पुस्तिका आसन की ओर उछाली गई थी जो आसन को, महासचिव को या किसी को भी लग सकती थी.'

पात्रा ने कहा, 'इस तरह नियमावली पुस्तिका को अधिकारियों की मेज की ओर उछाला जाना संसदीय परंपराओं का घोर उल्लंघन है और सदन इसकी भर्त्सना करता है. डेरेक ओब्रायन सदन में अपनी पार्टी के नेता हैं और उन्हें सदन की गरिमा बनाए रखना चाहिए, जबकि उन्होंने सदन की गरिमा पर आघात किया और उनका यह कृत्य घोर निदंनीय है.'

इसके बाद संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने डेरेक ओब्रायन को वर्तमान शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव रखा, जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी.

इसके बाद सदन की बैठक कल बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई.

इससे पहले डेरेक के व्यवहार पर क्षोभ व्यक्त करते हुए सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह केवल टेबल ऑफिस का ही नहीं बल्कि पूरे देश का अपमान है.

उच्च सदन में निर्वाचन विधि (संशोधन) विधेयक, 2021 पर चर्चा के बाद जब इसे पारित करने की प्रक्रिया चल रही थी तब विपक्ष के कुछ सदस्यों ने अपने अपने संशोधनों पर मत विभाजन की मांग की. इस दौरान कुछ विपक्षी सदस्य लखीमपुर खीरी मामले को लेकर गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे तथा 12 सदस्यों का निलंबन वापस लिए जाने की मांग करते हुए आसन के समक्ष हंगामा कर रहे थे.

इसी बीच तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, सुखेंदु शेखर राय, माकपा के जॉन ब्रिटस ने नियमों का हवाला देते हुए व्यवस्था का प्रश्न उठाया. उप सभापति हरिवंश ने कहा कि वह बार बार कह रहे हैं कि वह मत विभाजन के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके लिए आसन के समक्ष आए सदस्यों को अपने स्थानों पर जाना होगा. आसन की व्यवस्था पर असंतोष जताते हुए डेरेक ओ ब्रायन ने राज्यसभा की नियमावली पुस्तिका महासचिव की ओर उछाली और फिर तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सदन से वाकआउट कर गए.

ये भी पढ़ें : राज्य सभा से 12 सांसद पहले ही निलंबित किए जा चुके हैं, पढ़ें विस्तार से

इसके बाद सदन के नेता गोयल ने डेरेक ओ ब्रायन के आचरण पर क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि एक प्रमुख दल के नेता का यह आचरण उचित नहीं है और यह केवल टेबल ऑफिस का ही नहीं बल्कि पूरे देश का अपमान है. उन्होंने कहा कि इस आचरण की निंदा पूरा देश करेगा.

उन्होंने कहा, 'पिछले सत्र में सबने देखा कि विपक्षी दलों के सदस्यों ने कैसा आचरण किया. इस बार लगा कि सब ठीक होगा. लेकिन अभी अभी एक प्रमुख दल के नेता ने जो आचरण किया... वह कतई उचित नहीं है. सदन में सदस्यों के साथ साथ महासचिव, उनके स्टाफ के सदस्य, मार्शल आदि सभी लोगों का परंपराओं को बनाए रखने में योगदान होता है.'

गोयल ने कहा, 'तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने जिस तरह नियमावली पुस्तिका महासचिव की ओर फेंकी, वह केवल टेबल ऑफिस का ही नहीं बल्कि पूरे देश का अपमान है, लोकतंत्र का अपमान है. इसकी पूरे देश में निंदा की जाएगी. ...वह एक प्रदेश में तो यह सब चला ही रहे हैं लेकिन यह कौन सी विरासत अगली पीढ़ी को दी जा रही है. यह अत्यंत चिंताजनक है.'

ये भी पढ़ें : बसपा सांसद दानिश अली कोरोना संक्रमित, कल संसद की कार्यवाही में लिया था हिस्सा

इससे पहले, केंद्रीय श्रम रोजगार एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि नियमावली पुस्तिका महासचिव की ओर फेंकना एक अपराध है. उन्होंने कहा कि सदस्यों ने जिन नियमों के तहत व्यवस्था का प्रश्न उठाया उनमें स्पष्ट कहा गया है कि जब सभापति बोलते हैं तो सदस्यों को सुनना चाहिए, व्यवस्था का प्रश्न उठाने पर अपने विषय पर ही केंद्रित रहना चाहिए और आसन की व्यवस्था सभी के लिए मान्य तथा सम्मानजनक होती है.

उन्होंने कहा, 'हमें भी चाहिए कि हम बोलते समय भी उचित आचरण का पालन करें। हम लोकतंत्र को बंधक बना कर नहीं रख सकते. हम सभी को संसदीय व्यवस्था का, संसदीय परंपराओं का पालन करना होगा.'

नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस के सदस्य डेरेक ओ ब्रायन को राज्यसभा में मंगलवार को सदन की नियमावली पुस्तिका आसन की ओर उछालने के कारण सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया. उच्च सदन में पीठासीन अध्यक्ष डॉ सस्मित पात्रा ने आज सदन में निर्वाचन कानून (संशोधन) विधेयक 2021 को पारित किए जाने के दौरान तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन द्वारा नियमावली पुस्तिका आसन की ओर उछाले जाने का जिक्र किया.

उन्होंने कहा, 'डेरेक ओब्रायन ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया था, जिस पर उप सभापति ने व्यवस्था दी थी. इसके बाद डेरेक ओब्रायन ने राज्यसभा की नियमावली की पुस्तिका उछाल दी. उन्होंने कहा कि स्पष्ट रूप से पुस्तिका आसन की ओर उछाली गई थी जो आसन को, महासचिव को या किसी को भी लग सकती थी.'

पात्रा ने कहा, 'इस तरह नियमावली पुस्तिका को अधिकारियों की मेज की ओर उछाला जाना संसदीय परंपराओं का घोर उल्लंघन है और सदन इसकी भर्त्सना करता है. डेरेक ओब्रायन सदन में अपनी पार्टी के नेता हैं और उन्हें सदन की गरिमा बनाए रखना चाहिए, जबकि उन्होंने सदन की गरिमा पर आघात किया और उनका यह कृत्य घोर निदंनीय है.'

इसके बाद संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने डेरेक ओब्रायन को वर्तमान शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव रखा, जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी.

इसके बाद सदन की बैठक कल बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई.

इससे पहले डेरेक के व्यवहार पर क्षोभ व्यक्त करते हुए सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह केवल टेबल ऑफिस का ही नहीं बल्कि पूरे देश का अपमान है.

उच्च सदन में निर्वाचन विधि (संशोधन) विधेयक, 2021 पर चर्चा के बाद जब इसे पारित करने की प्रक्रिया चल रही थी तब विपक्ष के कुछ सदस्यों ने अपने अपने संशोधनों पर मत विभाजन की मांग की. इस दौरान कुछ विपक्षी सदस्य लखीमपुर खीरी मामले को लेकर गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे तथा 12 सदस्यों का निलंबन वापस लिए जाने की मांग करते हुए आसन के समक्ष हंगामा कर रहे थे.

इसी बीच तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, सुखेंदु शेखर राय, माकपा के जॉन ब्रिटस ने नियमों का हवाला देते हुए व्यवस्था का प्रश्न उठाया. उप सभापति हरिवंश ने कहा कि वह बार बार कह रहे हैं कि वह मत विभाजन के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके लिए आसन के समक्ष आए सदस्यों को अपने स्थानों पर जाना होगा. आसन की व्यवस्था पर असंतोष जताते हुए डेरेक ओ ब्रायन ने राज्यसभा की नियमावली पुस्तिका महासचिव की ओर उछाली और फिर तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सदन से वाकआउट कर गए.

ये भी पढ़ें : राज्य सभा से 12 सांसद पहले ही निलंबित किए जा चुके हैं, पढ़ें विस्तार से

इसके बाद सदन के नेता गोयल ने डेरेक ओ ब्रायन के आचरण पर क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि एक प्रमुख दल के नेता का यह आचरण उचित नहीं है और यह केवल टेबल ऑफिस का ही नहीं बल्कि पूरे देश का अपमान है. उन्होंने कहा कि इस आचरण की निंदा पूरा देश करेगा.

उन्होंने कहा, 'पिछले सत्र में सबने देखा कि विपक्षी दलों के सदस्यों ने कैसा आचरण किया. इस बार लगा कि सब ठीक होगा. लेकिन अभी अभी एक प्रमुख दल के नेता ने जो आचरण किया... वह कतई उचित नहीं है. सदन में सदस्यों के साथ साथ महासचिव, उनके स्टाफ के सदस्य, मार्शल आदि सभी लोगों का परंपराओं को बनाए रखने में योगदान होता है.'

गोयल ने कहा, 'तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने जिस तरह नियमावली पुस्तिका महासचिव की ओर फेंकी, वह केवल टेबल ऑफिस का ही नहीं बल्कि पूरे देश का अपमान है, लोकतंत्र का अपमान है. इसकी पूरे देश में निंदा की जाएगी. ...वह एक प्रदेश में तो यह सब चला ही रहे हैं लेकिन यह कौन सी विरासत अगली पीढ़ी को दी जा रही है. यह अत्यंत चिंताजनक है.'

ये भी पढ़ें : बसपा सांसद दानिश अली कोरोना संक्रमित, कल संसद की कार्यवाही में लिया था हिस्सा

इससे पहले, केंद्रीय श्रम रोजगार एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि नियमावली पुस्तिका महासचिव की ओर फेंकना एक अपराध है. उन्होंने कहा कि सदस्यों ने जिन नियमों के तहत व्यवस्था का प्रश्न उठाया उनमें स्पष्ट कहा गया है कि जब सभापति बोलते हैं तो सदस्यों को सुनना चाहिए, व्यवस्था का प्रश्न उठाने पर अपने विषय पर ही केंद्रित रहना चाहिए और आसन की व्यवस्था सभी के लिए मान्य तथा सम्मानजनक होती है.

उन्होंने कहा, 'हमें भी चाहिए कि हम बोलते समय भी उचित आचरण का पालन करें। हम लोकतंत्र को बंधक बना कर नहीं रख सकते. हम सभी को संसदीय व्यवस्था का, संसदीय परंपराओं का पालन करना होगा.'

Last Updated : Dec 22, 2021, 4:05 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.