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Sawan Calender 2023 : जानिए इस महीने में कौन-कौन से पड़ेंगे त्योहार, किस दिन रखें-कौन सा व्रत

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Published : Jun 28, 2023, 12:35 PM IST

Updated : Jun 28, 2023, 1:19 PM IST

Festivals In Month Sawan : 4 जुलाई से सावन का महीना शुरू होने जा रहा है. इस दौरान सोमवारी व्रत, नाग पंचमी, रक्षा बंधन सहित कई व्रत त्योहार मनाये जायेंगे. जानिए सावन (जुलाई-अगस्त) में कौन-कौन से व्रत और त्योहार हैं. पढ़ें पूरी खबर..

Sawan Calender 2023
सावन कैलेंडर

हैदराबाद : इस साल अंग्रेजी कैलेंडर का जुलाई-अगस्त का महीना हिंदूओं धर्म को मानने वालों के लिए व्रत-त्योहारों के हिसाब से खास होगा. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार भले ही यह दो महीना और कुल 62 दिनों का है. लेकिन इस साल अगस्त से शुरू होने वाला हिंदू पंचांग के अनुसार सावन का महीना 30 के बजाय 59 दिनों का होगा. करीबन 2 महीने के सावन में इस बार 8 सोमवारी समेत कई प्रमुख व्रत और त्योहार पड़ रहे हैं.

4 जुलाई से 31 अगस्त रहेगा सावन
इस साल सावन महीने के कृष्ण पक्ष के प्रतिपदा तिथि 3 जुलाई को शाम 5 बजकर 08 मिनट से प्रारंभ होगा. और इसका अंत 4 जुलाई को दोपहर 2 बजकर 58 पर हो जाएगा. सावन मलमास जुलाई 18 से प्रारंभ होगा, जो 16 अगस्त को समाप्त होगा. सावन का महीना 4 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त को समाप्त हो जायेगा.

जुलाई माह 2023 व्रत-त्योहारों की सूची

दिनांक दिन व्रत-त्योहार
4 जुलाई मंगलवार सावन मास आरंभ, पहला मंगला गौरी व्रत
6 जुलाई गुरुवार संकष्टी चतुर्थी
11 जुलाई मंगलवार दूसरा मंगला गौरी व्रत
13 जुलाई गुरुवार कामिका एकादशी
14 जुलाई शुक्रवार प्रदोष व्रत
15 जुलाई शनिवार मासिक शिवरात्रि
16 जुलाई रविवार कर्क संक्रांति
17 जुलाई सोमवार सावन मास अमावस्या
18 जुलाई मंगलवार तीसरा मंगला गौरी व्रत (अधिकमास)
25 जुलाई मंगलवार चौथा मंगला गौरी व्रत (अधिकमास)
29 जुलाई शनिवार पद्मिनी एकादशी
30 जुलाई रविवार प्रदोष व्रत

क्या है अधिक मास
बता दें कि हिंदू पंचांग की गणना सौर मास व चंद्र मास के आधार पर होता है. चंद्रमास 354 दिनों का होता है. वहीं सौर मास 365 दिनों का होता है. दोनों में करीबन 11 दिनों का अंतर है. यह अंतर तीसरे साल 33 दिनों तक पहुंच जाता है, जिसे अधिक मास कहा जाता है. धर्म शास्त्र के जानकारों के अनुसार अधिक मास के स्वामी विष्णु भगवान हैं.

अगस्त माह 2023 व्रत-त्योहारों की सूची

1 अगस्त मंगलवार पूर्णिमा व्रत, पांचवा मंगला गौरी व्रत (अधिकमास)
4 अगस्त शुक्रवार संकष्टी चतुर्थी
8 अगस्त मंगलवार छठा मंगला गौरी व्रत (अधिकमास)
12 अगस्त शनिवार परम एकादशी
13 अगस्त रविवार प्रदोष व्रत
14 अगस्त सोमवार मासिक शिवरात्रि
15 अगस्त मंगलवार सातवां मंगला गौरी व्रत (अधिकमास) स्वतंत्रता दिवस
16 अगस्त बुधवार अमावस्या
17 अगस्त गुरुवार सिंह संक्रांति, हरियाली तीज
21 अगस्त सोमवार नाग पंचमी
22 अगस्त मंगलवार आठवां मंगला गौरी व्रत
28 अगस्त सोमवार प्रदोष व्रत
29 अगस्त मंगलवार ओणम/थिरुवोणम, नौवां मंगला गौरी व्रत
30 अगस्त बुधवार रक्षा बंधन
31 अगस्त गुरुवार श्रावण पूर्णिमा

क्यों खास है इस साल का सावन
मान्यता है कि भगवान भोले शंकर कैलाश पर्वत छोड़क धरती पर आकर सृष्टि का संचालन करते हैं. सावन का महीना भगवान भोले शंकर को काफी पसंद है. सावन महीने में भी सोमवार का दिन भगवान भोले शंकर को सबसे ज्यादा प्रिय है. इस साल अधिक मास होने के कारण सावन 2 महीने का होगा. इस दौरान अन्य सालों की अपेक्षा सावन 4 या 5 सप्ताह के बजाय 8 सप्ताह का होगा. धार्मिक मामलों के जानकारों के अनुसार सावन में खासकर सोमवारी को मन से भगवान भोले-शंकर की पूजा-अर्चना से वे प्रसन्न होते हैं और मन वांछित फल मिलता है.

सोमवारी व्रत
10 जुलाईपहला सोमवार
17 जुलाई दूसरा सोमवार
24 जुलाईतीसरा सोमवार
31 जुलाई चौथा सोमवार
7 अगस्तपांचवा सोमवार
14 अगस्त छठा सोमवार
21 अगस्तसातवां सोमवार
28 अगस्तआठवां सोमवार

19 साल बाद बना है यह अद्भुत संयोग
घार्मिक मामलों के जानकारों के अनुसार लगभग 19 साल बाद सावन 2 महीने का होने जा रहा है. हिंदी विक्रम संवत 2080 में इस साल (2023) एक अतिरिक्त महीना हो रहा है. इस साल 12 की बजाय 13 महीने का सावन है. 30 के बजाय 59 दिनों का इस बार सावन होगा.

नागपंचमी 2023
21 अगस्त को नाग पंचमी का त्योहार है. हिंदू धर्म में नागपंचमी का विशेष महत्व है. इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है. इस दिन चांदी के नाग या प्रतीकात्मक तस्वीर की पूजा की प्रथा है. धार्मिक मान्यता है कि नाग देवता की पूजा से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं. जिन लोगों के कुंडली में कालसर्प दोष या राहु दोष होता है, उनके लिए नागपंचमी की पूजा का विशेष महत्व है.

रक्षाबंधन 2023
इस साल रक्षा बंधन का त्योहार 30 अगस्त (सावन महीन), दिन बुधवार को मनाया जायेगा.धार्मिक मामलों के जानकारों के अनुसार दोपहर में रक्षा बंधन बांधने का समय उपयुक्त है. भद्रा काल में राखी नहीं बांधना चाहिए. भद्रा के कारण रक्षा बंधन बांदने के लिए अगर दोपहर में शुभ मुहूर्त नहीं तो प्रदोष काल में राखी बांधना बेहतर होगा.

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Last Updated : Jun 28, 2023, 1:19 PM IST
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