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Rahul Gandhi Opinion On Hinduism : राहुल गांधी ने लिखा- निर्बल की रक्षा का कर्तव्य ही हिंदू का धर्म

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 1, 2023, 12:46 PM IST

Updated : Oct 1, 2023, 1:30 PM IST

राहुल गांधी ने एक्स पर अपने लेख को शेयर करते हुए लिखा कि एक हिंदू अपने अस्तित्व में समस्त चराचर को करुणा और गरिमा के साथ उदारतापूर्वक आत्मसात करता है, क्योंकि वह जानता है कि जीवनरूपी इस महासागर में हम सब डूब-उतर रहे हैं. निर्बल की रक्षा का कर्तव्य ही उसका धर्म है. पढ़ें पूरी खबर...

Rahul Gandhi Opinion On Hinduism
राहुल गांधी की फाइल फोटो.

नई दिल्ली : वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक दैनिक समाचार पत्र के लिए लिखे एक लेख में हिंदू होने को 'एक ऐसे व्यक्ति के रूप में वर्णित किया है जो अपने डर पर काबू पाने का साहस रखता है ताकि वह जीवन के महासागर का अवलोकन कर सके'. जीवन की अपनी परिभाषा से शुरुआत करते हुए, सांसद ने लेख में कहा है कि हिंदू होना 'खुशी, प्यार और भय के विशाल महासागर में गोते लगाने जैसा है. ऐसा सागर जो सागर प्रेम, संबंध और खुशी को जन्म दे सकता है, वहीं मृत्यु, भूख, हानि, दर्द, तुच्छता और विफलता का भय भी है.

  • सत्यम् शिवम् सुंदरम्

    एक हिंदू अपने अस्तित्व में समस्त चराचर को करुणा और गरिमा के साथ उदारतापूर्वक आत्मसात करता है, क्योंकि वह जानता है कि जीवनरूपी इस महासागर में हम सब डूब-उतर रहे हैं।

    निर्बल की रक्षा का कर्तव्य ही उसका धर्म है। pic.twitter.com/al653Y5CVN

    — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 1, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने हिंदू धर्म को एक ऐसे साधन के रूप में वर्णित किया है जो हमें अपने डर के साथ अपने रिश्ते को कम करने और समझने का साहस देता है. उन्होंने अपने लेख में लिखा कि हिंदू धर्म को सांस्कृतिक मानदंडों का एक समूह मानना गलतफहमी होगी. इसे किसी विशेष राष्ट्र या भूगोल से भी नहीं बांधा जा सकता, क्योंकि इससे इसका दायरा सीमित हो जाएगा. गांधीजी के अनुसार, हिंदू धर्म 'सत्य की प्राप्ति का मार्ग' है. यह 'किसी का नहीं है', और फिर भी, यह 'किसी भी व्यक्ति के लिए खुला है जो प्यार, करुणा, सम्मान इस पर चलना चाहता है.

कांग्रेस नेता ने लिखा है, एक हिंदू खुद को और बाकी सभी को प्यार, करुणा और सम्मान की दृष्टि से देखता है, संघर्ष कर रहे लोगों तक पहुंचता है और उनकी रक्षा करता है, उनकी चिंताओं को सत्य और अहिंसा के चश्मे से देखता है. दूसरों, विशेषकर कमजोरों की रक्षा करने का कार्य धर्म और कर्तव्य है.

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राहुल के अनुसार, एक हिंदू के पास अपने डर को स्वीकार करने और उसे एक 'दोस्त' के रूप में देखने का साहस है जो उसे 'जीवन भर मार्गदर्शन' देता है बजाय इसके कि वह उसे 'क्रोध, घृणा या हिंसा का माध्यम' बना दे. एक सच्चा हिंदू यह भी जानता है कि ज्ञान उसकी एकमात्र संपत्ति नहीं है और यह जीवन के 'सागर की सामूहिक इच्छा से उत्पन्न होता है'.

Last Updated :Oct 1, 2023, 1:30 PM IST
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