महिला ने पति पर लगाया लव जिहाद का आरोप, फिर हाईकोर्ट में लगाई जमानत की अर्जी

author img

By

Published : Aug 13, 2021, 4:31 AM IST

हाईकोर्ट

फ्रीडम ऑफ रिलिजन अमेंडमेंट एक्ट के तहत पहली प्राथमिकी 17 जून को वड़ोदरा में दर्ज की गई थी, जिसमें 15 जून से गुजरात राज्य में लव जिहाद अधिनियम लागू किया गया था. हालांकि, अब माननीय गुजरात उच्च न्यायालय में एक आवेदन दायर कर इसे रद्द करने की मांग की है.

अहमदाबाद : गुजरात के वडोदरा जिले में रहने वाली एक युवती ने 17 जून को गोत्री थाने (Gotri police station)में शिकायत दर्ज करायी थी कि उसके पति ने मुस्लिम होने की पहचान छुपाकर सोशल मीडिया (social media) पर उससे दोस्ती की. दोनों में पहले दोस्ती हुई और फिर शादी कर ली.

प्राथमिकी के आधार पर महिला की पति, उसके माता-पिता, काजी और दो अन्य गवाहों पर गुजरात धर्म स्वतंत्रता संशोधन अधिनियम (Religion Amendment Act) के तहत मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने आगे आरोप लगाया कि शादी के बाद उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया. उसने यह भी आरोप लगाया कि उसके पति ने उसे घरेलू हिंसा (domestic violence) और बलात्कार किया.

वडोदरा कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

प्राथमिकी के दो हफ्ते बाद लड़की ने वडोदरा की एक अदालत में अपने पति की जमानत के लिए एक हलफनामा दायर किया. हालांकि, एफआईआर में लगाए गए आरोपों को देखते हुए वडोदरा कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया. इसके खिलाफ महिला ने गुजरात हाई कोर्ट (Gujarat High Court) में अर्जी दाखिल की, जिस पक जल्द ही सुनवाई होने की संभावना है.

पढ़ें - 'जैसे एक शेर खो रहा हूं', प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने न्यायमूर्ति नरीमन को दी ऐसे विदाई

गौरतलब है कि लव जिहाद (Love Jihad) के कानून के नाम से मशहूर गुजरात फ्रीडम ऑफ रिलिजन अमेंडमेंट एक्ट के तहत 17 जून को दर्ज किया गया यह पहला मामला है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.