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किसानों की कर्जमाफी का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं : सरकार

अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कृषकों समेत किसानों की कर्जमाफी (loan waiver) का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. यह जानकारी सरकार की ओर से लोकसभा में दी गई. बसपा सांसदों हाजी फजलुर रहमान और गिरीश चंद्र ने इस संबंध में सवाल पूछा था.

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लोकसभा
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Published : Dec 21, 2021, 7:11 PM IST

नई दिल्ली : सरकार ने मंगलवार को लोकसभा को बताया कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कृषकों समेत किसानों की कर्जमाफी का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने बसपा सांसदों हाजी फजलुर रहमान और गिरीश चंद्र के प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.

दोनों सांसदों ने सवाल किया था कि सरकारी क्षेत्रों के बैंकों द्वारा 2019 से और चालू वित्त वर्ष के दौरान छोटे एवं सीमांत किसानों को श्रेणीवार और बैंकवार ऋण का प्रतिशत और धनराशि का ब्यौरा क्या है तथा क्या सरकार का विचार उत्तर प्रदेश और देश के दूसरे हिस्सों के अनुसूचित जाति एवं जनाजाति के लोगों तथा किसानों का कर्ज माफ करने का है?

इसके जवाब में मंत्री ने कहा, 'भारत सरकार ने 2008 की कृषि ऋण माफी एवं ऋण राहत योजना के बाद किसी भी कृषि ऋण माफी योजना को क्रियान्वित नहीं किया है. देश में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जाति के कृषकों सहित किसानों की कर्जमाफी संबंधी कोई प्रस्ताव भारत सरकार के पास विचाराधीन नहीं है.'

कराड ने यह भी बताया कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समेत किसानों के कल्याण और उन पर कर्ज का बोझ कम करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. मंत्री ने कहा कि भारत सरकार, कृषि सहकारिता और किसान कल्याण विभाग द्वारा किसानों को सात प्रतिशत प्रति वर्ष कम ब्याज दर पर कृषि ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए तीन लाख रुपये तक की अल्पावधि फसल ऋण संबंधी ब्याज सहायता योजना का क्रियान्वयन किया जाता है.

पढ़ें- राज्य सभा : टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्राइन राज्य सभा के शीतकालीन सत्र से निलंबित

उन्होंने किसान कल्याण योजना के तहत प्रति किसान सालाना छह हजार रुपये की सहायता समेत कई अन्य कदमों का भी उल्लेख किया.
(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : सरकार ने मंगलवार को लोकसभा को बताया कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कृषकों समेत किसानों की कर्जमाफी का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने बसपा सांसदों हाजी फजलुर रहमान और गिरीश चंद्र के प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.

दोनों सांसदों ने सवाल किया था कि सरकारी क्षेत्रों के बैंकों द्वारा 2019 से और चालू वित्त वर्ष के दौरान छोटे एवं सीमांत किसानों को श्रेणीवार और बैंकवार ऋण का प्रतिशत और धनराशि का ब्यौरा क्या है तथा क्या सरकार का विचार उत्तर प्रदेश और देश के दूसरे हिस्सों के अनुसूचित जाति एवं जनाजाति के लोगों तथा किसानों का कर्ज माफ करने का है?

इसके जवाब में मंत्री ने कहा, 'भारत सरकार ने 2008 की कृषि ऋण माफी एवं ऋण राहत योजना के बाद किसी भी कृषि ऋण माफी योजना को क्रियान्वित नहीं किया है. देश में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जाति के कृषकों सहित किसानों की कर्जमाफी संबंधी कोई प्रस्ताव भारत सरकार के पास विचाराधीन नहीं है.'

कराड ने यह भी बताया कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समेत किसानों के कल्याण और उन पर कर्ज का बोझ कम करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. मंत्री ने कहा कि भारत सरकार, कृषि सहकारिता और किसान कल्याण विभाग द्वारा किसानों को सात प्रतिशत प्रति वर्ष कम ब्याज दर पर कृषि ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए तीन लाख रुपये तक की अल्पावधि फसल ऋण संबंधी ब्याज सहायता योजना का क्रियान्वयन किया जाता है.

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उन्होंने किसान कल्याण योजना के तहत प्रति किसान सालाना छह हजार रुपये की सहायता समेत कई अन्य कदमों का भी उल्लेख किया.
(पीटीआई-भाषा)

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