सीधी। मध्य प्रदेश के गली-गली और मोहल्लों में चुनाव का उत्साह खूब देखने मिल रहा है. सत्ता पक्ष से लेकर हर राजनीति पार्टियों के नेता चुनावी सभाएं कर कई वादे और दावे कर रहे हैं. वहीं बीजेपी जनता के बीच जाकर 18 सालों के विकास कार्य बता रही है, जबकि जमीनी हकीकत एमपी के सीधी जिले में कुछ और देखने मिली है. जहां एक बार फिर मानवता का शर्मसार करने वाले मामला सामने आया है. एक आदिवासी परिवार को शव वाहन नहीं मिलने पर वह बांस और बल्ली के सहारे शव ले जाते दिखे.
सामने आई लचर स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर: दरअसल, यह पूरी घटना 7 नवंबर की बताई जा रही है. जहां एक परिवार शव ना मिलने की वजह से बाजार होते हुए अपने घर तक बांस और बाली के सहारे से मृतक के शव को ले जा रहे थे. इस घटना का आसपास खड़े लोगों ने वीडियो बना लिया. वही वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जानकारी के अनुसार यह घटना सीधी जिला मुख्यालय से महज 30 किलोमीटर दूर सेमरिया अस्पताल की बताई जा रही है. जहां कहने को तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्थित है, लेकिन जिले की स्वास्थ्य सेवाएं लचर है.
युवती के शव को बांस और बल्ली से ले जाना पड़ा: स्वास्थ्य सुविधाओं की हकीकत तब खुली जब एक 18 वर्षीय युवती की मौत के बाद उसके परिजनों को एक शव वाहन तक नसीब नहीं हुआ. जब शव वाहन नहीं मिला तो लाचार आदिवासी परिवार अस्पताल से अपने ग्राम ठाकुर देवा तक बांस और बाली के सहारे मृतका युवती का शव लेकर गए. इस दौरान पूरा बाजार इस परिवार को देख रहा था, लेकिन कोई भी व्यक्ति मदद करने को तैयार नहीं हुआ.
कुएं में गिरने से हो गई युवती की मौत: वहीं सेमरिया थाना प्रभारी राजेश पांडे के मुताबिक मृतका पोले कोल उम्र 18 वर्ष ग्राम ठाकुर देवा की रहने वाली है. जिसकी कुएं में गिरने से मौत हो गई थी. परिजनों युवती के शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए सेमरिया अस्पताल ले गए थे. इस दौरान उन्हें शव वाहन नहीं मिला.