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MP: आशा का नहीं लग रहा मन, तीसरी बार कूनो से भागी, शिवपुरी में मिली लोकेशन

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Published : May 26, 2023, 3:19 PM IST

cheetah Asha ran away from Kuno
आशा कूनो से भागी

मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से एक बार फिर आशा चीता भाग गई है. वन विभाग आशा की लोकेशन लगातार ट्रैक कर रहा है. बता दें आशा तीसरी बार कूनो नेशनल पार्क की सीमा से बाहर गई है.

शिवपुरी। मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क कभी चीतों की मौत तो कभी चीतों के भागने को लेकर चर्चाओं में है. बीते दिन जहां ज्वाला चीता के दो शावकों की मौत हो गई. वहीं शुक्रवार को एक बार फिर आशा कूनो से भाग गई है. जबकि गुरुवार को वन मंत्री ने चीतों की हो रही मौत को देखते हुए उन्हें कूनो नेशनल पार्क से गांधी सागर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में शिफ्ट करने की बात कही है. बताया जा रहा है कि मादा चीता आशा पिछले 4 दिनों से कूनो नेशनल पार्क की सीमा से बाहर है. फिलहाल मादा चीता आशा की लोकेशन शिवपुरी जिले में मिल रही है.

कूनो से तीसरी बार भागी मादा चीता आशा: कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन की एक टीम लगातार मादा चीता आशा की ट्रैकिंग में जुटी हुई है. टीम द्वारा चीते की सुरक्षा और उसकी हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है. जानकारी के अनुसार मादा चीता आशा इससे पहले भी दो बार कूनो नेशनल पार्क की सीमा से निकल कर रिहायशी इलाके में पहुंच गई थी. दोनों ही बार कुछ दिनों तक जंगल और रिहायशी इलाके में भटकने के बाद मादा चीता आशा लौटकर कूनो नेशनल पार्क में पहुंच गई थी. यह वही मादा चीता आशा है, जिसका नामकरण खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.

शिवपुरी जिले में मिली लोकेशन: कूनो नेशनल पार्क से 4 दिन से गायब मादा चीता आशा की लोकेशन बुधवार की देर शाम शिवपुरी जिले में पोहरी थाना क्षेत्र के बैंहटा-बैंहठी और बुरखेड़ा गांव के नजदीक बताई गई थी. गुरुवार की सुबह मादा चीता आशा की लोकेशन शिवपुरी जिले के झिरी गांव के पास बताई जा रही है. झिरी गांव माधव नेशनल पार्क की सीमा से काफी नजदीक है. अगर मादा चीता आशा इसी ट्रैक पर आगे बढ़ती रही तो जल्द ही आशा चीता शिवपुरी जिले में स्थित माधव नेशनल पार्क की उत्तरी सीमा में प्रवेश कर जाएगी. कूनो नेशनल पार्क से आशा के अलावा ओवान चीता भी भाग चुका है. कुछ दिनों बाद ओवान चीता को वापस कूनो वापस आ गया था.

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बीते दिन 2 शावकों की हुई मौत: गौरतलब है कि ज्वाला चीता के दो बचे हुए शावकों ने गुरुवार को बीमारी के चलते दम तोड़ दिया. वहीं बए हुए एक शावक की हालत गंभीर थी, जो आज स्थिर बताई जा रहा है. बता दें कुछ दिन पहले ही ज्वाला चीता ने 4 शावकों को जन्म दिया था. कूनो निदेशक उत्तम शर्मा के मुताबिक ''कोई बीमार जानवर कब तक जीवित रहेगा इसके बारे में कहना मुश्किल काम है. कूनो में लगातार हो रही मौत के बात वन मंत्री विजय शाह ने चीतों को कूनो से गांधी सागर में शिफ्ट करने की बात कही थी. साथ ही कहा था कि जरूरत पड़ी तो नौरादेही की भी मदद ले सकते हैं.

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