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बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए करें फाइनैंशियल प्लानिंग, जल्द शुरू करें निवेश

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Published : Dec 20, 2021, 2:02 PM IST

माता-पिता अपने बच्चों के अच्छे भविष्य और व्यवस्थित जिंदगी के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन अधिकतर लोगों को यह पता नहीं होता है कि बच्चों के बेहतर फ्यूचर के लिए निवेश कैसे करें. अगर आप भी बच्चों के भविष्य के लिए बेहतर फाइनैंशियल प्लानिंग करना चाहते हैं तो सुझावों पर अमल करें.

investment for child future
investment for child future

हैदराबाद : अपनी मेहनत की कमाई को कैसे और कहां इन्वेस्ट करना है, यह जानना जरूरी है. आज के दौर में निवेश के कई ऑप्शन हैं, जिसमें प्लानिंग के साथ पैसा लगाया जा सकता है. मगर पैरेंटस बच्चों के भविष्य के लिए फाइनैंशियल प्लानिंग तो करते हैं, मगर उन्हें नहीं पता कि निवेश कहां करना है. बच्चों के लिए की गई प्लानिंग और निवेश जितना जल्दी हो, शुरू कर देना चाहिए.

आज के दौर में किसी भी अप्रत्याशित घटना और अभूतपूर्व स्थिति से बचने के लिए अपने पैसे को सही जगहों पर निवेश करना महत्वपूर्ण है. अधिकांश माता-पिता अपने बच्चों का भविष्य उज्ज्वल बनाने के लिए फाइनैंशियल प्लानर की सलाह लेते हैं. कमोबेश सभी पैरेंट्स अपने बच्चों की परफेक्ट लाइफ सुनिश्चित करने के लिए एक जैसी सोच रखते हैं. हम अपने बच्चों के भविष्य के लिए ऐसी सारी सुविधाएं बनाना चाहते हैं, जिससे उनकी जिंदगी आसान हो जाए. जैसे उच्च शिक्षा, शादी या नया घर खरीदना आदि. हालांकि, बच्चों के लिए सिर्फ सोचना काफी नहीं है. अपने विचारों को धरातल पर उतारने के लिए प्लानिंग के अनुसार काम भी करना होगा.

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि अधिकतर परिवारों में कई अवसरों पर बच्चों को उपहार देना एक पारंपरिक प्रथा है. माता-पिता का अपने बच्चों के प्रति नैतिक दायित्व है कि वे उनके बेहतर भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए उन्हें वित्तीय सुरक्षा प्रदान करें. इसके लिए माता-पिता को कुछ सावधानियां रखनी चाहिए. माता-पिता को अपनी वसीयत तैयार रखनी चाहिए.

बच्चों में संपत्ति के बंटवारे के लिए वसीयत बनाएं : बच्चों के लिए पैतृक धन अच्छे भविष्य की कुंजी है. मगर यह नहीं भूलना चाहिए कि बच्चों के लिए रखा गया पैसा बिना किसी कानूनी जटिलता के उन तक पहुंचाना भी जरूरी है. एक्सपर्ट यह सलाह देते हैं कि अपने उत्तराधिकारियों को संपति हस्तांतरण के लिए वसीयत जरूर लिखें. वसीयत एक ऐसा कानूनी दस्तावेज है, जो बताता है कि मृत्यु के बाद धन किसके हिस्से में जाएगा. ज्यादातर लोग वसीयत में अपने जीवनसाथी और बच्चों के नाम का जिक्र करते हैं. कुछ लोग अपने करीबी रिश्तेदारों को कुछ संपत्ति देने के लिए भी वसीयत बनाते हैं. वसीयत लिखकर और उसे रजिस्टर करके आप परिवार के सदस्यों को भविष्य के विवादों से बचा सकते हैं.याद रखें कि कोई भी अपने बच्चे को पहला फाइनैंशियल गिफ्ट के तौर पर वसीयत दे सकता है.

परिवार के लिए लें हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी : पारिवार में स्वास्थ्य पर होने वाले खर्चों के लिए भी प्लानिंग जरूरी है. इसलिए बच्चे के जन्म लेते ही एक फैमिली फ्लोटर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लें. आजकल मेडिकल का खर्च बढ़ता जा रहा है. हेल्थ इंश्योरेंस के बिना इन खर्चों को संभालना मुश्किल है. अगर हेल्थ इंश्योरेंस नहीं है तो गंभीर बीमारियों के बेहतर इलाज में काफी मुश्किलें आती हैं. इसलिए हेल्थ इंश्योरेंस जरूर लें और एक निश्चित उम्र तक पहुंचने पर फैमिली फ्लोटर पॉलिसी को अपनी निजी पॉलिसी में बदलें. बता दें यदि हेल्थ पॉलिसी कम उम्र में ली जाती है, तो इसके लिए किसी मेडिकल जांच की आवश्यकता नहीं होती.

बच्चों को फाइनैंशियल डिसिजन लेने में शामिल करें : बच्चों को फाइनैंशियल रूप से सशक्त बनाने के लिए जरूरी है कि उन्हें भी वित्तीय प्लानिंग जैसे इनकम के स्रोत और खर्च के बारे जानकारी हो. इसलिए परिवार के लिए फाइनैंशियल डिसिजन लेते समय अपने बच्चों के साथ चर्चा करें और खर्च से होने वाले प्रभावों के बारे में बताएं. माता-पिता का यह प्रयास बच्चों को वित्तीय मामलों में खुद के लिए सोचने के लिए प्रेरित करता है. बच्चे यह सीखते हैं कि पर्सनल फाइनैंशियल प्लानिंग कैसे की जाए. बाद में बच्चे इससे होने वाले लाभ को भी आसानी से समझ सकते हैं क्योंकि वे फाइनैंशियल प्लानिंग में शामिल थे. अपनी संपत्ति और देनदारियों को जानना उनके लिए एक अतिरिक्त लाभ होगा. फाइनैंशियल मामलों में बच्चों को शामिल करने से उन्हें परिवार की सही आर्थिक स्थिति का पता चलता है. चूंकि वह अपनी पारिवारिक स्थिति से अवगत रहते हैं, इसलिए विपरीत परिस्थितियों में डरते नहीं हैं.

बच्चों तक नहीं पहुंचे कर्ज, टर्म पॉलिसी जरूर लें : बच्चों को कर्ज मुक्त जीवन देना पैरेंट्स का दायित्व है. किसी भी हालत में कर्ज बच्चों को हस्तांतरित नहीं किया जाना चाहिए. इससे उनका विकास बाधित होगा. जब भी कोई नया लोन लें, तो उसे चुकाने के लिए एक बैकअप प्लान जरुर रखें. लोन चुकाने के लिए फंड बनाएं. कई ऐसी टर्म पॉलिसी हैं, जो लाइफ के लोन भी कवर करती हैं. इसलिए बैकअप के तौर पर लोन कवर करने वाली टर्म पॉलिसी लें. लोन को समय से चुकाना जरूरी है. अपनी क्षमता से अधिक कर्ज लेना ठीक नहीं है. जब आपके बच्चे बिना कर्ज के रहेंगे तो वह आपके धन को कई गुना बढ़ाने का प्रयास करेंगे. इसके अलावा रिटायरमेंट के बाद बच्चों पर निर्भरता का विचार नहीं करना चाहिए. रिटायर्ड लाइफ के फाइनैंशियल जरूरतों को पूरा करने के लिए भी प्लानिंग करें और सही समय पर निवेश करें.

बच्चों को भी करें निवेश के लिए प्रोत्साहित : बच्चों को कम उम्र से ही निवेश के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, तभी वे जल्दी से वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त कर पाएंगे. अगर आप फाइनैंशियल सिक्युरिटी के लिए लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी नहीं लेते हैं तो आपके बच्चों को विषम परिस्थितियों का सामना करने की संभावना अधिक होती है. इंश्योरेंस पॉलिसियां ​​महत्वपूर्ण हैं. एक व्यक्ति जिंदगी भर अपनी कमाई के हिसाब से परिवार की जरूरतों का ख्याल रखता है. लेकिन, दुर्भाग्यवश कोई अप्रत्याशित घटना हो जाती है तो परिवार संकट में आ जाता है. इसलिए हर शख्स को एक टर्म इंश्योरेंस लेना चाहिए. इससे बच्चे की पढ़ाई और अन्य जरूरतें बिना किसी परेशानी के सुनिश्चित होंगी.

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