हैदराबाद : भारत बायोटेक ने अगले साल 60 से अधिक देशों को कोविड-19 की वैक्सीन 'कोवैक्सीन' निर्यात करने की योजना (Bharat Bio Tech to export Covaxin) बनाई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत बायोटेक की वैक्सीन को इमरजेंसी यूज की सूची (ईयूएल) में डाल दिया है. डब्लूएचओ की मंजूरी मिलने से पहले भी कई देशों ने कोवैक्सीन के आयात को मंजूरी दी थी.
कंपनी ने बताया कि उसके सामने पहली प्राथमिकता पहले से मिले ऑर्डर को पूरा करने की है. इसके लिए अगले साल यानी 2022 की शुरुआत से ही कंपनी अपना काम शुरू कर देगी. कंपनी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक पहुंच बनाने और लाभ कमाने के लिए बहुराष्ट्रीय कंपनी 'ओक्यूजेन इंक' से समझौता किया है. कंपनी का कहना है कि उसे अभी तक अमेरिका और कनाडा से मंजूरी नहीं मिली है. लेकिन कंपनी उम्मीद करती है कि उसे इन दोनों देशों से भी बहुत जल्द मंजूरी मिल जाएगी.
जाहिर है बड़े मांगों की पूर्ति के लिए कंपनी ने हैदराबाद, मलूर, अंकलेश्वर और पुणे में बीएसएल -3 कंटेनमेंट सुविधाओं को स्थापित किया है. इसके बाद कंपनी के पास कुल मिलाकर एक साल में 100 करोड़ डोज निर्माण करने की क्षमता हासिल हो जाएगी.
कंपनी के सामने घरेलू मांग भी बहुत अधिक बढ़ने वाली है. भारत ने अब तक अपनी 60 प्रतिशत आबादी को ही टीके लगाए हैं. 100 प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के लिए भारत को अभी और वक्त लगेगा. ऊपर से ओमीक्रोन के खतरे ने बूस्टर डोज की आवश्यकता को बल दिया है. कंपनी को हाल ही में 12 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों पर आपातकालीन वैक्सीन के उपयोग की भी इजाजत दी गई है. ऐसे में जाहिर है घरेलू स्तर पर भी वैक्सीन की डिमांड बढ़ने वाली है.
भारत बायोटेक इंट्रानैसल वैक्सीन पेश करने की भी तैयारी कर रहा है. इसने तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षणों के संचालन के लिए डीजीसीआई से अनुमोदन मांगा है. कंपनी का लक्ष्य परीक्षण पूरा कर जल्द से जल्द वैक्सीन को सबके लिए उपलब्ध करवाना है. इंट्रानैसल जैब का उत्पादन और विपणन करना आसान है. उम्मीद की जा रही है कि इसे एक बूस्टर खुराक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. कंपनी नेज़ल कोविड -19 वैक्सीन की 100 करोड़ खुराक का उत्पादन करने की तैयारी कर रही है. इसके अलावा भारत बायोटेक हैजा, जीका वायरस, टाइफाइड और रोटावायरस के लिए टीके विकसित करने की प्रक्रिया में है.
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