14 घंटे में तैयार हुआ पुल तो पत्थरों को हटाकर बनाई गई सड़क, जानिए ऑपरेशन ऑक्टोपस की कई दिलचस्प कहानियां

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 12, 2024, 6:42 PM IST

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पलामू: बूढ़ापहाड़ पर चलाए गए अभियान ऑक्टोपस की कई दिलचस्प कहानियां हैं. नक्सलियों के गढ़ को ध्वस्त करने के लिए पुलिस और सुरक्षा बल के जवानों ने कहीं चंद घंटों में पुल बनाए तो कहीं बड़े-बड़े पत्थरों को हटाकर सड़कें बनाईं. मिशन बूढ़ापहाड़ को लेकर कई चुनौतियां थीं लेकिन सुरक्षा बलों ने बेहद योजनाबद्ध तरीके से चुनौतियों पर काबू पाया. बूढ़ापहाड़ पर चलाए गए ऑपरेशन ऑक्टोपस की केंद्रीय गृह मंत्रालय भी चर्चा कर रहा है और इसे सबसे सफल अभियानों में से एक मान रहा है. ईटीवी भारत ने ऑपरेशन ऑक्टोपस और उससे जुड़ी कई कहानियों पर लातेहार एसपी अंजनी अंजन से बात की है. लातेहार एसपी अंजनी अंजन ने कहा कि बूढ़ापहाड़ के रास्ते में कई चुनौतियां थीं, जवानों ने 14 घंटे के अंदर बूढ़ा नदी पर पुल बना दिया. जिस दिन पुल बनाया गया था उस दिन ओणम का त्योहार था, यही वजह है कि बुढ़ा नदी पर बने पुल का नाम ओणम रखा गया है. बूढ़ापहाड़ तक पहुंचने के लिए कई जगहों पर बड़ी-बड़ी चट्टानों को जवानों ने खुद ही हटाया और रास्ता तैयार किया. मार्ग तैयार होने के बाद सैनिक भारी मात्रा में सामग्री लेकर पहुंचे और शिविर स्थापित हो गया.

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