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जल जीवन मिशन के तहत एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला, जल संरक्षण को लेकर डीसी ने दिलाई शपथ

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Published : Feb 5, 2021, 7:19 PM IST

Updated : Feb 6, 2021, 9:53 AM IST

चाईबासा में जल जीवन मिशन के तहत जिला स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें उपायुक्त की नेतृत्व में उपस्थित लोगों को पानी बचाने की शपथ दिलाई.

One day workshop under jal jeewan mission in chaibasa
एक दिवसीय कार्यशाला

चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय शहर चाईबासा स्थित पिल्लई हॉल में जिला उपायुक्त अरवा राजकमल के अध्यक्षता में जल जीवन मिशन अंतर्गत जिला स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस दौरान उप विकास आयुक्त संदीप बख्शी, पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल के अधीक्षण अभियंता प्रभात कुमार सिंह, जिला शिक्षा अधीक्षक अनिल चौधरी, कार्यपालक अभियंता चाईबासा संजय शर्मा, चक्रधरपुर प्रभु दयाल मंडल के उपस्थित रहे.

उपायुक्त अरवा राजकमल

पानी बचाने की शपथ

कार्यशाला का शुभारंभ उपस्थित पदाधिकारियों ने दीप प्रज्वलित कर की. उसके कार्यपालक अभियंता, चक्रधरपुर की ओर से जल जीवन मिशन अंतर्गत संचालित योजनाओं की स्थिति से उपस्थित पदाधिकारी, कर्मी सहित अन्य लोगों को अवगत करवाया गया. साथ ही कार्यशाला में भाग लेने के लिए रांची से आए प्रशिक्षक कृष्ण कुमार की ओर से जल जीवन मिशन का उद्देश्य एवं अन्य गतिविधियों की जानकारी दी गई. कार्यशाला के दौरान जिला उपायुक्त की नेतृत्व में उपस्थित लोगों के द्वारा पानी बचाने, उसके विवेकपूर्ण उपयोग पानी की एक बूंद का संचयन, कैच-द-रेन अभियान को बढ़ावा देने में पूरा सहयोग करने, पानी को एक अनमोल संपदा मानते हुए इसका उपयोग करने, अपने परिवार जनों, पड़ोसियों को भी विवेकपूर्ण उपयोग और पानी व्यर्थ नहीं करने के लिए प्रेरित करने का शपथ लिया गया.

कार्यशाला के दौरान उपायुक्त ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत सामाजिक भागीदारी बढ़ाने के लिए कई सारे कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. डीसी ने कहा कि मेरा यह मानना है कि जल जीवन मिशन उससे भी एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है. उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से ज्यादातर निर्माण कार्यों पर ही ध्यान केंद्रित किया गया, जबकि आवश्यकता थी कि लोगों के व्यवहार को परिवर्तित किया जाए. उन्होंने कहा कि प्रशासन को यह उम्मीद थी कि जिला में वृहद जलापूर्ति योजना या लघु जलापूर्ति योजना के निर्माण होने से आमजन स्वयं जल संयोजन ले लेंगे जो शत-प्रतिशत सही नहीं है.

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उपायुक्त ने कहा कि इस संदर्भ में भी आमजनों को जागरूक किया जाना है, उन्हें यह बताना है कि नल से जल संचयन करवाने के लिए उन्हें किस प्रकार के कागजात प्रस्तुत करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि आमजनों में एक अफवाह है कि जिस प्रकार विद्युत कनेक्शन लेने के बाद बिजली का बिल आता है उसी प्रकार नल से जल का कनेक्शन लेने पर भी जल का बिल आ जाएगा. हम सभी को इस अफवाह से निजात दिलाने का एक भागीरथ प्रयास करना होगा. उन्होंने कहा कि अभी वर्तमान में जो भी जलापूर्ति योजनाएं पूर्ण हुई है उसका मेंटेनेंस कार्य 5 वर्षों तक संवेदक को ही करना है. इसके बाद इन सब के रखरखाव की जिम्मेदारी किसकी होगी, इसके लिए हमें समाज को जागरूक करना होगा. इसके लिए वहां के स्थानीय जनप्रतिनिधि तथा ग्राम जल स्वच्छता समिति को तैयार करना होगा.

कार्यशाला के दौरान उप विकास आयुक्त संदीप बख्शी ने बताया कि जल जीवन मिशन अंतर्गत वर्ष 2024 तक जिला के सभी घरों सहित सरकारी कार्यालयों, आवासों में नल के माध्यम से जल की व्यवस्था किया जाना है. इसके लिए सरकार की ओर से जितनी भी योजनाएं संचालित की जा रही है, चाहे वह पंचायत की योजना हो या जिला परिषद की योजना हो या खनन क्षेत्र में डीएमएफटी अंतर्गत संचालित योजना हो के माध्यम से पेयजल आपूर्ति के लिए राशि करणांकित की गई है.

Last Updated :Feb 6, 2021, 9:53 AM IST
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