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गृह मंत्रालय की 16 उपायुक्तों के साथ बैठक, प्रगतिशील योजनाओं पर हुई चर्चा

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Published : Sep 23, 2020, 9:26 PM IST

केंद्रीय गृह मंत्रालय के विशेष सचिव ने 16 जिले के उपायुक्तों के साथ बैठक की, जिसमें विशेष केंद्रीय सहायता योजना और आकांक्षी जिला कार्यक्रम के क्रियान्वयन से संबंधित कार्यक्रमों पर चर्चा की गई. विशेष सचिव ने बताया कि जिले के संदर्भ में साल 2018 से लेकर सभी सूचकांकों में प्रगति देखी गई है, जिसमें कुछ क्षेत्रों में राज्य की औसत प्रगति से बेहतर प्रदर्शन है.

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गृह मंत्रालय के विशेष सचिव ने की बैठक

चाईबासा: विशेष सचिव (पुलिस), गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने राज्य के 16 जिले के उपायुक्तों के साथ बैठक की. पश्चिमी सिंहभूम जिला उपायुक्त अरवा राजकमल भी इस बैठक में शामिल हुए. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विशेष सचिव (पुलिस) के ओर से नक्सल प्रभावित आकांक्षी जिलों के उपायुक्त के साथ विशेष केंद्रीय सहायता योजना और आकांक्षी जिला कार्यक्रम के क्रियान्वयन से संबंधित समीक्षा के क्रम में साल 2018 से संचालित कार्यक्रम के तहत विभिन्न पैरामीटर पर चर्चा की. इसके साथ ही क्षेत्रों में योजनाओं के संचालन के क्रम में आने वाले अवरोधात्मक स्थिति की भी जानकारी प्राप्त की गई है.

विशेष सचिव ने बताया कि जिले के संदर्भ में साल 2018 से लेकर सभी सूचकांकों में प्रगति देखी गई है, जिसमें कुछ क्षेत्रों में राज्य के औसत प्रगति से बेहतर प्रदर्शन है और कुछ सूचकांकों पर अभी और प्रगति लाने की आवश्यकता है. वहीं उपायुक्त ने कहा कि जिला अंतर्गत विनिर्माण सूचकांक हर पंचायत स्तर पर इंटरनेट के साथ-साथ मोबाइल कनेक्टिविटी के अलावा अन्य सूचकांक जैसे सभी टोल तक सड़क की उपलब्धता आदि पहले से ही इस जिला में एक चुनौती बनी रही है. उन्होंने निराकरण के लिए किए जा रहे कार्यों सहित जिला अंतर्गत कुपोषण नियंत्रण के लिए किए जा रहे कार्य, जिसे नीति आयोग के ओर से अपने बेहतर प्रदर्शन की श्रेणी में यहां के आंगनवाड़ी के संचालन को भी दिखाया गया है, उससे संबंधित जानकारी भी बैठक के दौरान विशेष सचिव को अवगत करवाया गया है.


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उपायुक्त ने बताया कि बैठक का मुख्य उद्देश्य यही है कि जितने भी आकांक्षी जिला हैं, उनमें नक्सल प्रभावित सुदूरवर्ती क्षेत्रों में रह रहे नागरिकों को मूलभूत सुविधा जैसे स्वास्थ, शिक्षा, पेयजल, आवागमन के लिए पक्की सड़क आदि पर विशेष ध्यान दिया जाए. इसके साथ-साथ योजनाओं के संचालन में जो खामियां हैं, उससे संबंधित भारत सरकार के अधीन कार्यालयों में यदि कोई भी मामला लंबित है तो ऐसे मामलों की जानकारी भी उपलब्ध करवाने का निर्देश दिया गया है.

उन्होंने क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ संबंधित पदाधिकारियों को सूचित किया है कि साल 2018 की तुलना में अभी जिला अंतर्गत स्वास्थ्य, कृषि और वित्तीय समावेशन में काफी सुधार आया है, लेकिन वर्तमान परिदृश्य में कुपोषण नियंत्रण में अभी काफी चुनौतियां हैं और ग्राम स्तर तक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए अभी बहुत कार्य किए जाने हैं.

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