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लघु उद्योग भारती को भाया तेलंगाना मॉडल, कहा- औद्योगिक क्षेत्र में निगम और प्राधिकरण में से एक ही वसूले कर

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Published : May 6, 2022, 10:18 PM IST

press conference of Laghu Udyog Bharti objection to collection of holding tax of corporation in Adityapur industrial area
लघु उद्योग भारती की प्रेस कॉन्फ्रेंस

लघु उद्योग भारती की प्रेस कॉन्फ्रेंस में शुक्रवार को व्यापारियों ने निगम के होल्डिंग टैक्स वसूली पर एतराज जताया. लघु उद्योग भारती के प्रदेश और जिला कार्यकारिणी के पदाधिकारियों ने प्राधिकरण और निगम में से एक के टैक्स वसूलने की सलाह दी है.

सरायकेला: जिले के आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र से आदित्यपुर नगर निगम की ओर से होल्डिंग टैक्स वसूली मामले को लेकर उद्यमी संगठन लघु उद्योग भारती मुखर हो गया है. लघु उद्योग भारती ने होल्डिंग टैक्स का विरोध किया है. लघु उद्योग भारती के प्रदेश और जिला कार्यकारिणी की ओर से प्रेस वार्ता कर औद्योगिक क्षेत्र से होल्डिंग टैक्स वसूली को गलत करार दिया गया है. साथ ही तेलंगाना मॉडल पर औद्योगिक क्षेत्र में टैक्स वसूली का प्रस्ताव दिया है.


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लघु उद्योग भारती जिला कार्यकारिणी की ओर से आयोजित प्रेस वार्ता में प्रदेश उपाध्यक्ष रूपेश कतरियार ने कहा कि सन 1972 में बिहार सरकार की ओर से गजट प्रकाशन के साथ आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र का गठन हो गया था, जिसके बाद उद्योग विभाग ने औद्योगिक विकास प्राधिकरण की स्थापना की थी, जिसका मुख्य उद्देश्य उद्योगों को स्थापित करना और उन्हें मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराना था, जो अब तक यहां चलता आया है. लेकिन इधर नगर निगम की ओर से झारखंड म्युनिसिपल एक्ट 2011 का हवाला देते हुए उद्यमियों से जबरन टैक्स वसूली की कोशिश की जा रही है. इसका लघु उद्योग भारती पुरजोर विरोध करती है, इन्होंने कहा कि सारे उद्यमी टैक्स देने को तैयार हैं बशर्ते उन्हें औद्योगिक प्राधिकरण के रेंट, लेवी टैक्स के बदले सिर्फ नगर निगम द्वारा एक ही टैक्स लिया जाए.

देखें क्या कहते हैं संगठन के पदाधिकारी
तेलंगाना के नियम को आधार बनाने की अदालतः लघु उद्योग भारती के प्रदेश उपाध्यक्ष रूपेश कतररियार ने प्रेस वार्ता में कहा कि पूरे भारतवर्ष में जहां भी औद्योगिक क्षेत्र स्थापित हैं, वहां केवल औद्योगिक प्राधिकरण को ही टैक्स वसूलने का अधिकार है, लेकिन आदित्यपुर क्षेत्र में नगर निगम जबरन घुसपैठ कर रहा है. इन्होंने बताया कि तेलंगाना राज्य में वहां स्थापित स्थानीय उद्योगों से औद्योगिक प्राधिकरण द्वारा टैक्स वसूली के तहत 75% टैक्स का हिस्सा राजस्व के रूप में लिया जाता है, जबकि स्थानीय नगर निगम या निकाय को साफ- सफाई, पेयजल आपूर्ति जैसी सुविधा देने के एवज में 35% का राजस्व दिया जाता है, ठीक उसी प्रकार झारखंड में भी यह मॉडल लागू होना चाहिए ताकि छोटे और मझोले दर्जे के उद्योगों का विकास हो.आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र गुजरात का साणंद बने, न की बंगाल का सिंगूरः लघु उद्योग भारती के जिला महासचिव समीर सिंह ने बताया कि निगम के टैक्स वसूली के मुद्दे पर झारखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण को मामले से लिखित रूप में अवगत कराया है, और अब उद्योग विभाग के निर्णय पर उद्यमियों की निगाहें टिकी है. इन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि एशिया में छोटे और मध्यम दर्जे के उद्योगों के लिए विख्यात आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में उद्योग विकास के प्रयास होने चाहिए ताकि औद्योगिक क्षेत्र गुजरात का साणंद बन सके, अगर उद्यमियों को अतिरिक्त टैक्स बोझ के तले दबाने का प्रयास किया जाएगा तो कहीं ऐसा ना हो कि औद्योगिक क्षेत्र पश्चिम बंगाल का सिंगूर बन जाए.हाईकोर्ट ने उद्योग और नगर विकास विभाग को दिया हैं सर्वमान्य हल खोजने का आदेशः औद्योगिक क्षेत्र से जबरन होल्डिंग टैक्स वसूले जाने के मुद्दे को लेकर कुछ उद्योगों द्वारा झारखंड हाई कोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी, जिस पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के नगर विकास विभाग और उद्योग विभाग को निर्देशित किया है कि वे आपसी तालमेल के साथ सर्वमान्य हल खोजें. हाईकोर्ट का आदेश पारित होने के बाद यह मामला फिलहाल दोनों विभाग के बीच अटका है.
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