ETV Bharat / state

साहिबगंज में 83 किमी में फैली गंगा नदी में महज 82 डॉल्फिन, जानिए वजह

author img

By

Published : Apr 18, 2022, 1:41 PM IST

साहिबगंज वन विभाग के सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक जिला में 83 किलोमीटर तक बहने वाली गंगा नदी में महज 82 डॉल्फिन हैं, जो चिंता का विषय है. ऐसे में गंगा नदी में डॉल्फिन की संख्या कम होने के कई कारण सामने आ रहे हैं.

dolphins in Ganga
dolphins in Ganga

साहिबगंज: जिला में 83 किलोमीटर गंगा नदी बहते हुए बंगाल की खाड़ी में गिरती है. वन विभाग के नेतृत्व में देहरादून से आए हुई एक टीम ने गंगा नदी में डॉल्फिन की संख्या को लेकर सर्वे किया. सर्वे में पाया गया कि 83 किलोमीटर गंगा में 82 डॉल्फिन है. सर्वे टीम ने यह रिपोर्ट वन प्रमंडल साहिबगंज को सौंपी है. यह सर्वे रिपोर्ट कितना सही है, यह विभाग ही बता सकता है. लेकिन, इतनी लंबी दूरी तक मात्र 82 डॉल्फिन का पाया जाना चिंताजनक विषय है.

इसे भी पढें: दो साल में साहिबगंज में नमामि गंगे योजना का फंड नहीं हो सका खर्च, अधिकारियों ने दिया कोरोना का हवाला

डॉल्फिन की होती है तस्करी: गंगा नदी में पाए जाने वाली स्तनधारी डॉल्फिन एक राष्ट्रीय जीव है. इसकी सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार चिंतित रहती है. डॉल्फिन दिवस के अवसर पर लोगों को इसके महत्व के बारे में बताने के लिए सरकार जिला प्रशासन को नमामि गंगे के तहत पर्याप्त फंड मुहैया कराती है. इसके बावजूद पिछले 3 सालों में तस्करों ने डॉल्फिन को पकड़ा है ताकि ऊंचे दाम में निकले हुए तेल और इसके चमड़े को बेचा जा सके. हालांकि, कुछ केस में डॉल्फिन तस्कर को पकड़कर डॉल्फिन भी बरामद किया गया है और तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें जेल भी भेज दिया गया है. साहिबगंज वन विभाग ने इस बार डॉल्फिन का सर्वे कराया, जिसमें 82 डॉल्फिन होने की बात की गई है. लेकिन, गंगा नदी में डॉल्फिन की संख्या कम होना चिंता का विषय है.

मर रहे हैं डॉल्फिन: साहिबगंज जिला प्रशासन को इस दिशा में कारगर कदम उठाने की जरूरत है क्योंकि कई बार डॉल्फिन गंगा किनारे मृत अवस्था में भी देखी गई है. वजह साफ है कि गंगा नदी में अवैध तरीके से हो रहे पत्थर चिप्स धुलाई के लिए जहाज से निकलने वाला जहरीला पदार्थ गंगा में घुल रहा है और इसका सीधा असर गंगा में पाए जाने वाली जलीय जीव पर पड़ रहा है. गंगा के ऊपरी सतह पर तैलीय पदार्थ फैल जाने से जलीय जीव को ऑक्सीजन लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. उन्हें सूर्य का प्रकाश नहीं मिल पाता. जिससे वे मरने की कगार पर पहुंचने लगे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.