बेसहारा बुजुर्ग को मिला ठिकाना, ईटीवी के संवाददाता ने खून देकर बचाई थी जान

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Published : Jun 2, 2019, 2:48 PM IST

Updated : Jun 2, 2019, 7:32 PM IST

रक्तदान करते संवाददाता ()

साहिबगंज में ईटीवी भारत के संवाददाता शिवशंकर कुमार सदर अस्पताल में खून की कमी जूझ रहे दामोदर के लिए फरिश्ता बनकर आए. उन्होंने न सिर्फ उन्हें खून दिया बल्कि उनके रहने की भी व्यवस्था की.

साहिबगंज: सदर अस्पताल में कई दिनों से एक बुजुर्ग दामोदर चौधरी खून की कमी से जूझ रहा था. एक तरफ अस्पताल में इनकी देखभाल करने वाला कोई अपना नहीं और दूसरी तरफ ब्लड बैंक में ब्लड नहीं रहने से जिला प्रशासन ने भी हाथ खड़े कर लिए.

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70 वर्षीय दामोदर चौधरी जिला के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के दर्जनना के रहने वाले हैं. इनकी पत्नी साल 2003 में इनका साथ छोड़ चुकी थी, दोनों बेटियों ने पैतृक संपत्ति धोखे से बेचकर अपने पिता को सड़क पर भीख मांगने के लिए मजबूर कर दिया. सही से खाना नहीं मिलने पर इनके शरीर में खून की कमी होती गई. ऐसे में बेसहारा दामोदर अस्पताल में मौत से जूझ रहे थे. इन्हें कोई खून देने वाला भी नहीं था. इसकी जानकारी जब ईटीवी भारत के संवाददाता शिव शंकर कुमार को हुई तो उन्होंने ना सिर्फ अस्पताल में खून की कमी पर रिपोर्ट तैयार कि बल्कि, मानवता का धर्म निभाते हुए रक्तदान कर उसकी जान भी बचाई.

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इसके बाद कई सामाजिक संगठनों के प्रयास से इन्हें मदद मिली अब दामोदर बिल्कुल सुरक्षित और स्वास्थ्य हैं. उन्हें जिले के वृद्धा आश्रम में भर्ती करा दिया गया है. आश्रम के इंचार्ज का कहना है कि यहां इनका पूरा ख्याल रखा जाएगा. एक तरफ ईटीवी भारत के संवाददाता ने दामोदर चौधरी को मौत के मुंह से बचाकर मानवता की मिसाल पेश की है. लेकिन दूसरी तरफ अस्पतालों में खून की कमी बेहद गंभीर मसला हैं जिस पर प्रशासन को ध्यान देना चाहिए.

Intro:Etv Empact-- बुजुर्ग दामोदर को ईटीवी की पहल से युवा आगे बढ़ ब्लड देकर बचाई जान। अब बृद्धा आश्रम में पहुच मिली दूसरी जिंदगी।
स्टोरी--साहिबगंज-- सदर अस्पताल में कई दिनों से एक बुजुर्ग दामोदर चौधरी खून की कमी से जूझ रहा था। एक तरफ अस्पताल में इनका देखभाल करने वाला कोई अपना आदमी नहीं है और दूसरी तरफ ब्लड बैंक में ब्लड नहीं रहने से जिला प्रशासन भी हाथ खड़ा कर रखा था। ऐसी स्थिति में इनके शरीर में मात्र 4 ग्राम ब्लड था। अस्पताल में आने जाने वालों को हाथ जोड़कर विनती करता था की हमें बचा लो हमें कोई ब्लड दे ।हम जीना चाहते हैं हमारा अपना कोई नहीं है।
70 वर्षीय दामोदर चौधरी जिला के मुआफ्फसील थाना अंतर्गत को कोदर्जनना का रहने वाला हैं इनकी पत्नी 2003 में साथ छोड़ चुकी थी दो बेटी थी दोनों बेटी को शादी करने के बाद इनका पैतृक संपत्ति धोखे से बेचकर अपने बाप को सड़क पर भीख मांगने के लिए मजबूर कर दी। धीरे धीरे ऐसा स्थिति हुआ की समय पर खाना नहीं मिलने से इनके शरीर में ब्लड की कमी होता चला गया ।आज स्थिति ऐसा हुआ कि शरीर में खून के कमी से काफी परेशानी से जूझ रहे था। इनको एक मसीहा की जरूरत थी की वह आए और इनका जान बचाए।
संजोग बस ईटीवी रिपोर्टर शिव शंकर कुमार के द्वारा सदर अस्पताल में खबर के ख्याल से गया था और इस बुजुर्ग पर नजर पड़ी और इनका पूरा इतिहास जाना इन की खबरों को प्रमुखता से खबर को चलाया गया शीर्षक था" खून के कमी से बुजुर्ग के कभी भी हो सकती है मौत अपनों के साथ प्रशासन भी छोड़ा साथ" और इस तरह से मंगलवार को ईटीवी रिपोर्टर शिव शंकर कुमार के द्वारा ब्लड बैंक में ब्लड डोनेट कर इनको जान बचाने का प्रयास किया गया इसके बाद कई सामाजिक संगठन के युवा द्वारा इनको ब्लड चढ़ाया गया ।आज बिल्कुल सुरक्षित और स्वास्थ्य है।मौत के मुंह से निकाल लिया गया है और अच्छे से खा पी रहे हैं।
जिले में चल रहे हैं स्नेह आश्रम( वृद्धाश्रम )में इनको शिफ्ट करने का भी पहल किया गया। सनेह आश्रम का कोऑर्डिनेटर सुनील कुमार से बात कर इनके बारे में बताया गया और स्नेह आश्रम में भर्ती करने का भी आदेश प्राप्त हुआ। आज ईटीवी के पहल से ब्लड के कमी से जूझ रहे हैं दामोदर चौधरी को स्नेह आश्रम( वृद्धाश्रम)में स्विफ्ट किया गया।
जिला सदर अस्पताल एएनएम का कहना है कि शुरुआती दौर में ब्लड की कमी से वह चल नहीं पाते थे। फर्श पर गिर जाते थे हम लोग उठाकर इनको बेड पर सुला देते थे। लेकिन आप लोगों की पहल से या जिंदा है आज और वृद्धाश्रम में इनको शिफ्ट किया जा रहा है बहुत खुशी की बात है।
बाइट- शुशीला हांसदा।anm
स्नेहा आश्रम के इंचार्ज का कहना है कि इनको यहां पर काफी ख्याल रखा जाएगा खाना का उत्तम व्यवस्था है सप्ताह में मीनू के अनुसार भोजन सभी को दिया जाता है स्नान कराने से लेकर इनका कपड़ा साफ करने तक लोग लगे रहते हैं मनोरंजन का भी साधन है यहां इस तरह का माहौल है कि इनको घर परिवार का थोड़ा सा भी याद नहीं आएगा।
बाइट- स्नेह आश्रम, कोऑर्डिनेटर
वही एक महिला स्टाफ का कहना है कि ईटीवी का इसमें काफी सराहनीय पहल रहा है अस्पताल से लेकर इस होम तक लाने में काफी प्रयास रहा है शुरुआती दौर में ईटीवी नही ब्लड देकर समाज में एक संदेश देने का काम किया और आज कई युवा संगठन के लोग आगे आकर इनको मदद कर रहे हैं निश्चित रूप से ईटीवी का सराहनीय पहल है की आज जिंदा है।
बाइट- अंजलि - स्टाफ
बुजुर्ग दामोदर चौधरी ने कहा कि पत्नी बहुत पहले मर गई और दो बेटी को शादी भी मैंने किया लेकिन दोनों बेटी ने मुझे धोखा देकर मेरा जमीन संपत्ति को बेच दिया और आज अस्पताल में जब जिंदगी और मौत से जूझ रहे थे तो किसी ने देखने तक नहीं आया लेकिन आप पत्रकार के सहयोग से यह सब मुमकिन हो पाया है।
बाइट- दामोदर चौधरी। पेशेंट
निश्चित रूप से दामोदर चौधरी को मौत के मुंह से बचाकर बहुत बड़ा काम किया गया है। समय रहते इनको ब्लड नही चढ़ता और सामाजिक संगठन के लोग आगे नही आते तो ये कब का मौत के गाल में चला जाता ।





Body:Etv Empact-- बुजुर्ग दामोदर को ईटीवी की पहल से युवा आगे बढ़ ब्लड देकर बचाई जान। अब बृद्धा आश्रम में पहुच मिली दूसरी जिंदगी।
स्टोरी--साहिबगंज-- सदर अस्पताल में कई दिनों से एक बुजुर्ग दामोदर चौधरी खून की कमी से जूझ रहा था। एक तरफ अस्पताल में इनका देखभाल करने वाला कोई अपना आदमी नहीं है और दूसरी तरफ ब्लड बैंक में ब्लड नहीं रहने से जिला प्रशासन भी हाथ खड़ा कर रखा था। ऐसी स्थिति में इनके शरीर में मात्र 4 ग्राम ब्लड था। अस्पताल में आने जाने वालों को हाथ जोड़कर विनती करता था की हमें बचा लो हमें कोई ब्लड दे ।हम जीना चाहते हैं हमारा अपना कोई नहीं है।
70 वर्षीय दामोदर चौधरी जिला के मुआफ्फसील थाना अंतर्गत को कोदर्जनना का रहने वाला हैं इनकी पत्नी 2003 में साथ छोड़ चुकी थी दो बेटी थी दोनों बेटी को शादी करने के बाद इनका पैतृक संपत्ति धोखे से बेचकर अपने बाप को सड़क पर भीख मांगने के लिए मजबूर कर दी। धीरे धीरे ऐसा स्थिति हुआ की समय पर खाना नहीं मिलने से इनके शरीर में ब्लड की कमी होता चला गया ।आज स्थिति ऐसा हुआ कि शरीर में खून के कमी से काफी परेशानी से जूझ रहे था। इनको एक मसीहा की जरूरत थी की वह आए और इनका जान बचाए।
संजोग बस ईटीवी रिपोर्टर शिव शंकर कुमार के द्वारा सदर अस्पताल में खबर के ख्याल से गया था और इस बुजुर्ग पर नजर पड़ी और इनका पूरा इतिहास जाना इन की खबरों को प्रमुखता से खबर को चलाया गया शीर्षक था" खून के कमी से बुजुर्ग के कभी भी हो सकती है मौत अपनों के साथ प्रशासन भी छोड़ा साथ" और इस तरह से मंगलवार को ईटीवी रिपोर्टर शिव शंकर कुमार के द्वारा ब्लड बैंक में ब्लड डोनेट कर इनको जान बचाने का प्रयास किया गया इसके बाद कई सामाजिक संगठन के युवा द्वारा इनको ब्लड चढ़ाया गया ।आज बिल्कुल सुरक्षित और स्वास्थ्य है।मौत के मुंह से निकाल लिया गया है और अच्छे से खा पी रहे हैं।
जिले में चल रहे हैं स्नेह आश्रम( वृद्धाश्रम )में इनको शिफ्ट करने का भी पहल किया गया। सनेह आश्रम का कोऑर्डिनेटर सुनील कुमार से बात कर इनके बारे में बताया गया और स्नेह आश्रम में भर्ती करने का भी आदेश प्राप्त हुआ। आज ईटीवी के पहल से ब्लड के कमी से जूझ रहे हैं दामोदर चौधरी को स्नेह आश्रम( वृद्धाश्रम)में स्विफ्ट किया गया।
जिला सदर अस्पताल एएनएम का कहना है कि शुरुआती दौर में ब्लड की कमी से वह चल नहीं पाते थे। फर्श पर गिर जाते थे हम लोग उठाकर इनको बेड पर सुला देते थे। लेकिन आप लोगों की पहल से या जिंदा है आज और वृद्धाश्रम में इनको शिफ्ट किया जा रहा है बहुत खुशी की बात है।
बाइट- शुशीला हांसदा।anm
स्नेहा आश्रम के इंचार्ज का कहना है कि इनको यहां पर काफी ख्याल रखा जाएगा खाना का उत्तम व्यवस्था है सप्ताह में मीनू के अनुसार भोजन सभी को दिया जाता है स्नान कराने से लेकर इनका कपड़ा साफ करने तक लोग लगे रहते हैं मनोरंजन का भी साधन है यहां इस तरह का माहौल है कि इनको घर परिवार का थोड़ा सा भी याद नहीं आएगा।
बाइट- स्नेह आश्रम, कोऑर्डिनेटर
वही एक महिला स्टाफ का कहना है कि ईटीवी का इसमें काफी सराहनीय पहल रहा है अस्पताल से लेकर इस होम तक लाने में काफी प्रयास रहा है शुरुआती दौर में ईटीवी नही ब्लड देकर समाज में एक संदेश देने का काम किया और आज कई युवा संगठन के लोग आगे आकर इनको मदद कर रहे हैं निश्चित रूप से ईटीवी का सराहनीय पहल है की आज जिंदा है।
बाइट- अंजलि - स्टाफ
बुजुर्ग दामोदर चौधरी ने कहा कि पत्नी बहुत पहले मर गई और दो बेटी को शादी भी मैंने किया लेकिन दोनों बेटी ने मुझे धोखा देकर मेरा जमीन संपत्ति को बेच दिया और आज अस्पताल में जब जिंदगी और मौत से जूझ रहे थे तो किसी ने देखने तक नहीं आया लेकिन आप पत्रकार के सहयोग से यह सब मुमकिन हो पाया है।
बाइट- दामोदर चौधरी। पेशेंट
निश्चित रूप से दामोदर चौधरी को मौत के मुंह से बचाकर बहुत बड़ा काम किया गया है। समय रहते इनको ब्लड नही चढ़ता और सामाजिक संगठन के लोग आगे नही आते तो ये कब का मौत के गाल में चला जाता ।





Conclusion:कफीविव8कि8व।
Last Updated :Jun 2, 2019, 7:32 PM IST
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