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खुशखबरी! झारखंड के किसानों को खरीफ फसल की क्षतिपूर्ति पर अब हर साल मिलेगी राशि, ऐसे ले सकते हैं लाभ

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 6, 2023, 10:45 AM IST

झारखंड में लगातार दो साल से कमजोर पड़ते मानसून का असर राज्य के किसानों पर दिखने लगा है. इससे निजात दिलाने के लिए हेमंत सरकार किसानों को क्षतिपूर्ति राशि का लाभ देने जा रही है. इसके बारे में विस्तृत जानकारी के लिए पढ़िए पूरी खबर. Farmers will get compensation on Kharif crop

Farmers will now get compensation every year on Kharif crop
खरीफ फसल के नुकसान पर अब हर साल किसानों का मिलेगा मुआवजा

खरीफ फसल के नुकसान पर अब हर साल किसानों का मिलेगा मुआवजा

साहिबगंज: झारखंड सरकार जिला के किसान को खरीफ फसल की क्षति होने पर स्थायी रूप से अब हर साल क्षतिपूर्ति राशि देने जा रही है. राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना झारखंड राज्य फसल राहत योजना के तहत किसानों को राहत दी जाएगी. इस योजना में पांच एकड़ भूमि तक लगी खरीफ फसल (धान और मकई) नष्ट हो जाती है तो उस किसान को 15000 से 20000 हजार रुपये तक मिल सकेगा.

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इस दर से मिलेगी राशि: 30 से 50 प्रतिशत तक फसल नुकसान होने पर प्रति एकड़ 3000 हजार रुपये और 50 प्रतिशत से अधिक होने पर प्रति एकड़ 4000 रुपये की राशि मिलेगी. प्राकृतिक आपदा के कारण हुए फसल नुकसान का आकलन विभाग करेगा. उसके बाद किसान को क्षतिपूर्ति की राशि का लाभ सीधे बैंक खाते में भेज दिया जाएगा. इस योजना का लाभ पाने के लिए किसान को बीमा नहीं कराना होगा. बल्कि किसान को प्रज्ञा केंद्र में आवेदन देकर निबंधन कराना होगा. वैसे किसान जो पूर्व में निबंधन कराए हैं, वे सिर्फ 10 रुपये देकर इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकेंगे. जो किसान अभी तक निबंधन नहीं कराए हैं वैसे किसान को ऑनलाइन निबंधन व आवेदन करने के लिए प्रज्ञा केंद्र पर 40 रुपया देकर निबंधन करना होगा. ई केवाईसी के लिए अलग से केंद्र को पैसा नहीं देना होगा.

जिला सहकारिता पदाधिकारी ने क्या कहा: जिला सहकारिता पदाधिकारी राम प्रसाद ने कहा कि सरकार की झारखंड राज्य फसल राहत योजना का लाभ अब किसान को मिल सकेगा. हर साल प्राकृतिक आपदा से किसानों को कम या अधिक नुकसान होता है. कभी कभी सुखाड़ की स्थिति भी देखने को मिलती है. ऐसी स्थिति में किसान निबंधन कराने के बाद इस योजना का लाभ ले सकते हैं. कहा कि पोर्टल खुल गया है. किसान प्रज्ञा केंद्र पर जाकर न्यूनतम शुल्क पर निबंधन करा सकते हैं. निबंधन कराने की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर है. कहा कि सांख्यिकी विभाग फसल की क्षति का आकलन कर मुआवजा प्रदान करेगा.

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