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सीबीआई ने पहले दिन उपायुक्त, एसपी कार्यालय और एसटीएससी थाना में जाकर की पूछताछ, अवैध खनन घोटाला की कर रही जांच

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 24, 2023, 8:18 PM IST

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साहिबगंज में हुए अवैध खनन घोटाला मामले की जांच करने सीबीआई की टीम पहुंच चुकी है. इस टीम ने पहले दिन जिला के सभी अधिकारियों से मामले की जानकारी ली है.

साहिबगंज: सीबीआई की सात सदस्यीय टीम हाई कोर्ट की आदेश पर अवैध खनन मामले में जांच करने साहिबगंज पहुंची. दोपहर बाद टीम जिला प्रशासन द्वारा मुहैया कराया गया वाहन अलग-अलग दिशा में निकली. एक टीम ने एसपी ऑफिस निकल एसपी नौशाद आलम से जानकारी हासिल की. दूसरी टीम खनन कार्यालय पहुंचकर डीएमओ विभूति कुमार से जानकारी ली. तीसरी टीम इंस्पेक्टर सुशील कुमार के नेतृत्व में उपायुक्त राम निवास यादव से मिलने पहुंची. तीनों टीमों ने अधिकारियों से अवैध खनन मामले में अब तक की जानकारी ली.

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करीब 45 मिनट के बाद टीम बाहर निकली. यही टीम एसटी एससी थाना में गई, जहां साहिबगंज मंडल कारा में बंद ईडी का गवाह ग्राम प्रधान विजय हांसदा के आवेदन पर आठ अभियुक्तों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था. इस केस के सिलसिले में थाना प्रभारी शिव कुमार सिंह से आवश्यक जानकारी ली. पहले दिन टीम ने केस के सिलसिले में जानकारी हासिल की है.

जेल में बंद ईडी के गवाह विजय हांसदा ने हाई कोर्ट में अवैध खनन को लेकर याचिका दर्ज की थी. केस संदिग्ध पाए जाने पर हाई कोर्ट ने सीबीआई से जांच कराने का आदेश दिया है. इस केस में ईडी विजय हांसदा से भी जेल में ही पूछताछ कर चुकी है. वहीं केस प्रभावित करने वाले सदर एसडीपीओ राजेंद्र दुबे से पूछताछ रांची बुलाकर कर किया जा चुका है. उन्हें चार सितंबर को इसी केस के सिलसिले में फिर से ईडी ने समन किया है. सीबीआई भी एसडीपीओ राजेन्द्र दूबे से पूछताछ कर सकती है.

विजय हांसदा के बयान पर दर्ज हुआ केस: साथ ही सीबीआई जेल में बंद ग्राम प्रधान विजय हांसदा से भी पूछताछ कर सकती है. विजय हांसदा के बयान पर एससी-एसटी थाने में एक दिसंबर 2022 को यह मामला दर्ज हुआ था. इसमें मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, पत्थर व्यवसाई विष्णु यादव और पवित्र कुमार यादव, जहाज संचालक दाहू यादव उर्फ राजेश यादव, लकड़ाकोल निवासी संजय कुमार यादव, रामपुर करारा निवासी बच्चू यादव और संजय यादव तथा मंगलहाट निवासी सुमेश मंडल को आरोपी बनाया गया था.

ये है पूरा मामला: गौरतलब हो कि 30 जून 2022 को विजय हांसदा ने एडीजे वन की अदालत में शिकायतवाद दर्ज कराया था. कोर्ट ने उसे दर्ज करने के लिए थाना को भेज दिया था. लेकिन लंबे समय तक मामला दर्ज नहीं हुआ. चर्चा में आने के बाद एक दिसंबर 2022 को मामला एससी-एसटी कोर्ट में दर्ज किया गया. इससे पूर्व विजय हांसदा ने मई में ऑनलाइन शिकायत भी की. शिकायतवाद में विजय हांसदा ने कहा था कि उसके गांव के बगल में स्थित झगड़ू चौकी के नजदीक नींबू पहाड़ है. पिछले दो-ढाई साल से नींबू पहाड़ पर पत्थर माफियाओं द्वारा अवैध खनन किया जा रहा है. वहां अवैध विस्फोटक का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. इस कारण वहां प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है, साथ ही गांव में रहना मुश्किल हो गया है.

इसकी शिकायत लेकर वे लोग दो मई 2022 को नींबू पहाड़ गए. वहां आरोपियों ने उन लोगों के साथ गाली-गलौज की. जातिसूचक शब्दों का प्रयोग भी किया गया. विरोध करने पर बंदूक के बट से मारपीट की गई. किसी तरह वे वहां से भागे. इस क्रम में आरोपियों ने फायरिंग भी की. ईडी ने जब सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को जेल भेजा. उसके बाद साहिबगंज पुलिस ने आर्म्स एक्ट में ग्राम प्रधान विजय हांसदा को जेल भेज दिया.

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