स्टेट लाइब्रेरी में पढ़कर हजारों छात्रों ने संवारा अपना भविष्य, अब कर्मचारियों के चलते हो रही परेशानी

author img

By

Published : Sep 16, 2021, 2:08 PM IST

Updated : Sep 16, 2021, 5:14 PM IST

State Library of Ranchi

रांची के राजकीय पुस्तकालय में पढ़कर हजारों छात्रों ने अपना भविष्य संवारा है. पहले यह पुस्तकालय काफी छोटा हुआ करता था लेकिन धीरे-धीरे इस लाइब्रेरी को बेहतर बनाया गया. लाइब्रेरी में हर तरह की सुविधाएं हैं लेकिन स्थाई कर्मचारियों की कमी के कारण विद्यार्थियों को थोड़ी दिक्कत होती है.

रांची: आदिवासी बहुल इलाके में शिक्षा का प्रसार हो, इसी उद्देश्य को लेकर 1953 में संयुक्त बिहार में स्टेट लाइब्रेरी की स्थापना की गई थी. स्थापना काल में लाइब्रेरी काफी छोटी थी. लेकिन, झारखंड राज्य गठन के बाद धीरे-धीरे इस लाइब्रेरी को बेहतर बनाया गया. आज इस लाइब्रेरी में कई सुविधाएं हैं. लेकिन स्थाई कर्मचारियों की कमी के कारण विद्यार्थियों को थोड़ी दिक्कत होती है.

यह भी पढ़ें: टाइम पत्रिका की 100 'सबसे प्रभावशाली लोगों' की सूची में मोदी, ममता और अदार पूनावाला भी

रांची में स्थापित स्टेट लाइब्रेरी एकीकृत बिहार की शान हुआ करती थी. यहां रखी गई प्राचीन और बेशकीमती किताबों को पढ़ने के लिए लोग आते थे. इस कैंपस में पढ़ाई कर न जाने कितने लोगों ने अपने सपने पूरे किए हैं. जानकार कहते हैं कि इसका अतीत बेहद सुनहरा रहा है और वर्तमान को बेहतर करने के लिए राज्य सरकार का स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग लगातार प्रयासरत भी है. इस लाइब्रेरी में सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयोगी पुस्तकों के अलावा देशी-विदेशी ग्रंथ भी मिल जाएंगे.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

3 हजार छात्र कर सकते हैं पढ़ाई

संविधान की मूल प्रति के साथ-साथ इस लाइब्रेरी में दूसरे देशों के विश्वविद्यालयों से जुड़ी किताबें भी हैं. जिसका लाभ यहां के विद्यार्थी उठाते हैं. डिस्टेंस कोर्स करने वाले विद्यार्थियों के लिए यह लाइब्रेरी झारखंड-बिहार दोनों राज्यों में सबसे बेहतर है. स्थापना काल में लाइब्रेरी काफी थी. इसके बावजूद यहां कई दुर्लभ पुस्तकें रखी गई थी. आज भी उन पुस्तकों को संजो कर रखा गया है. हालांकि, पहले की अपेक्षा इस लाइब्रेरी का भवन भव्य हो गया है. 3 हजार से अधिक विद्यार्थी इस लाइब्रेरी में एक साथ बैठकर पढ़ाई कर सकते हैं.

State Library of Ranchi
छात्र और छात्राओं के लिए अलग-अलग बैठकर पढ़ने की व्यवस्था है.

छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग भवन

लाइब्रेरी में छात्र और छात्राओं के लिए अलग-अलग बैठकर पढ़ने की व्यवस्था है. कैंटीन, बागवानी के अलावा इस लाइब्रेरी में तमाम मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की गई है. देश भर में 5 स्टेट लाइब्रेरी की स्थापना 1953 में हुई थी. उनमें से एक लाइब्रेरी रांची में स्थित है. सोलर लाइट से लैस इस भवन में तमाम मूलभूत सुविधाएं हैं, जिससे यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को परेशानी न हो.

राजकीय पुस्तकालय के नाम से यह पुस्तकालय जाना जाता है. हर तरह की किताबें यहां हैं. जल्द ही एक साइंस लाइब्रेरी की भी यहां व्यवस्था होगी, जिससे साइंस विषय से जुड़े विद्यार्थी इसका लाभ ले सकें. ई-लाइब्रेरी की भी व्यवस्था की जा रही है ताकि इंटरनेट के माध्यम से बाहर के विश्वविद्यालयों के साथ यह लाइब्रेरी पूरी तरह कनेक्ट रहे.

State Library of Ranchi
लाइब्रेरी में हर तरह की पुस्तकें उपलब्ध है.

लाइब्रेरी में कर्मचारियों की कमी

इस लाइब्रेरी के संचालन में कई परेशानी भी है. इस लाइब्रेरी में 1953 से ही 7 पद सैंक्शन है. इसके बावजूद यहां स्थाई कर्मचारियों की भारी कमी है. 1988 से एक कर्मचारी स्थाई नियुक्त किए गए हैं. बाकी सभी कर्मचारियों को अनुबंध पर रखा गया है. सबसे पुराने एकमात्र स्थाई कर्मचारी हरिश्चचंद्र प्रसाद कहते हैं कर्मचारियों की कमी के कारण यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को भी दिक्कत होती है. कौन सी किताब कहां रखी गई है, उसे ढूंढना भी मुश्किल होता है. गार्डन, कैंटीन और विभिन्न व्यवस्थाओं को बेहतर रखने के लिए कर्मचारियों की कमी के कारण परेशानी होती है. मामले को लेकर शिक्षा विभाग का ध्यान आकृष्ट कराया गया है लेकिन अब तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया है.

Last Updated :Sep 16, 2021, 5:14 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.