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भारतीय ओलंपिक टीम को सुदृढ़ करने में इनका है अहम योगदान, कई अवार्ड हैं इनके नाम

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Published : Oct 11, 2019, 1:37 PM IST

मुख्य कोच बहादुर सिंह चौहान

रांची के खेल गांव में आयोजित 59वें राष्ट्रीय ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारतीय एथलेटिक्स टीम के मुख्य कोच बहादुर सिंह चौहान भी पहुंचे हैं. बहादुर सिंह चौहान से हमने खास बातचीत की. बातचीत के दौरान उन्होंने पहले और वर्तमान के खेल और खिलाड़ियों के बारे में विशेष चर्चा की.

रांचीः राजधानी के खेल गांव स्थित मेगा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में आयोजित 59वें राष्ट्रीय ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप का आयोजन किया गया है. इसमें पद्मश्री अर्जुन अवॉर्डी बहादुर सिंह चौहान भी पहुंचे हैं. बहादुर सिंह चौहान, भारतीय एथलेटिक्स टीम के मुख्य कोच के रूप में काम कर रहे हैं. भारत के एथलेटिक्स टीम को मजबूत करने में इनका अहम योगदान है. इस महान भारतीय शॉट पुटर पूर्व खिलाड़ी से ईटीवी भारत की टीम ने खास बातचीत की है.

बहादुर सिंह चौहान से खास बातचीत

मिले हैं कई बड़े अवॉर्ड
8 फरवरी 1946 में जन्मे बहादुर सिंह चौहान एक पूर्व भारतीय शॉट पुटर एथलिस्ट हैं. 1973 से 1985 के बीच उन्होंने एशियाई खेल और चैंपियनशिप में 3 स्वर्ण, 2 रजत और 3 कांस्य पदक जीते हैं.1980 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में इन्होंने 15वां स्थान हासिल किया था. इसके साथ ही इन्हें अर्जुन पुरस्कार और पद्मश्री से सम्मानित किया गया है. भारत सरकार ने द्रोणाचार्य पुरस्कार से भी इन्हें नवाजा है. वर्तमान में बहादुर सिंह चौहान भारतीय एथलेटिक्स टीम के मुख्य कोच के रूप में काम कर रहे हैं.

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10 अक्टूबर से 13 अक्टूबर तक रांची में आयोजित नेशनल ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में खिलाड़ियों का हौसला अफजाई करने पहुंचे हैं. मौके पर बहादुर सिंह ने कहा कि एक खिलाड़ी की जिम्मेदारी से कोच की जिम्मेदारी ज्यादा है. खिलाड़ी को सिर्फ अपना फिटनेस अपने बारे में सोचना पड़ता है. वहीं, एक कोच को कई खिलाड़ियों और कई खिलाड़ियों के फिटनेस के बारे में हरदम सोचना पड़ता है. उन्होंने कहा कि लगातार भारतीय ओलंपिक टीम बेहतर कर रही है. आने वाले समय में भारतीय टीम का दबदबा ओलंपिक में भी होगा. पहले की अपेक्षा आज एथलेटिक्स में प्रतियोगिताएं ज्यादा है और प्रतिभागियों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि एक से बढ़कर एक एथलिस्ट भारत में हैं और आज भारत के एथलिस्ट दुनिया को लोहा मनवा रहे हैं.

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इधर चैपिंयनशिप में रेलवे का दबदबा

इधर 59वें ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप के पहले दिन एथलिस्टों ने शानदार प्रदर्शन किया है. पहले दिन के टूर्नामेंट में रेलवे की टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है. रेलवे तीन स्वर्ण दो रजत और तीन कांस्य पदक के साथ पदक तालिका में टॉप पर है. हाल ही में अपने प्रदर्शन से सबका ध्यान आकर्षित करने वाली जेवलिन थ्रोअर अनु रानी ने स्वर्ण पदक जीता है. वहीं, रजत पदक भी रेलवे की ही शर्मिला कुमारी ने जीता है. रेलवे की भैरवी राय ने ट्रिपल जंप का स्वर्ण पदक अपने नाम किया है. रेलवे के खिलाड़ियों ने 15 में से 8 पदक अपने नाम किए हैं, जिसमें तीन गोल्ड मेडल शामिल है.

Intro:रांची।

पद्मश्री अर्जुन अवॉर्डी बहादुर सिंह चौहान रांची के खेल गांव स्थित मेगा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में आयोजित 59वें राष्ट्रीय ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पहुंचे हैं .वर्तमान में बहादुर सिंह चौहान भारतीय एथलेटिक्स टीम के मुख्य कोच के रूप में काम कर रहे हैं .भारत के एथलेटिक्स टीम को मजबूत करने में उनका अहम योगदान है .हमारी टीम के साथ इस महान भारतीय शॉट पुटर पूर्व खिलाड़ी ने खास बातचीत की है. इस दौरान इन्होंने बेबाक तरीके से एथेलेटिक्स और ओलंपिक से जुड़े कई सवालों के जवाब भी दिए हैं.


Body:8 फरवरी 1946 में जन्मे बहादुर सिंह चौहान एक पूर्व भारतीय शॉट पुटर एथेलीट है .1973 से 1985 के बीच उन्होंने एशियाई खेल और चैंपियनशिप में तीन स्वर्ण ,दो रजत और तीन कांस्य पदक जीते हैं .1980 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में उन्होंने 15 वां स्थान हासिल किया था और इन्हें अर्जुन पुरस्कार और पद्मश्री से सम्मानित किया गया है .भारत सरकार द्वारा द्रोणाचार्य पुरस्कार से भी नवाजा गए हैं .वर्तमान में बहादुर सिंह चौहान भारतीय एथलेटिक्स टीम के मुख्य कोच के रूप में काम कर रहे हैं. 10 अक्टूबर से 13 अक्टूबर तक रांची में आयोजित नेशनल ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में खिलाड़ियों का हौसला अफजाई करने पहुंचे हैं .इस दौरान हमारी टीम के साथ उन्होंने खास बातचीत की है .मौके पर बहादुर सिंह ने कहा कि एक खिलाड़ी की जिम्मेदारी से कोच की जिम्मेदारी ज्यादा है .खिलाड़ी को सिर्फ अपना फिटनेस अपने बारे में सोचना पड़ता है. जबकि एक कोच को कई खिलाड़ियों और कई खिलाड़ियों के फिटनेस के बारे में हरदम सोचना पड़ता है .वहीं उन्होंने यह भी कहा कि लगातार भारतीय ओलंपिक टीम बेहतर कर रही है .आने वाले समय में भारतीय टीम का दबदबा ओलंपिक में भी होगा .पहले की अपेक्षा आज एथलेटिक्स में प्रतियोगिताएं ज्यादा है और प्रतिभागियों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. एक से बढ़कर एक एथलीट भारत में है और आज भारत के एथेलीट दुनिया को लोहा मनवा रही है.


Conclusion:बाइट-बहादुर सिंह .मुख्य कोच, भारतीय ओलंपिक टीम।



रेलवे का दबदबा:

इधर 59 वीं ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप के पहले दिन एथलीटों ने शानदार प्रदर्शन किया है .पहले दिन के टूर्नामेंट में रेलवे की टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है .रेलवे ने तीन स्वर्ण दो रजत और तीन कांस्य पदक के साथ पदक तालिका में टॉप पर है. हाल ही में अपने प्रदर्शन से सबका ध्यान आकर्षित करने वाली जेवलिन थ्रोअर अनु रानी ने स्वर्ण पदक जीता है. वहीं रजत पदक भी रेलवे की ही शर्मिला कुमारी ने जीता है .रेलवे की भैरवी राय ने ट्रिपल जंप का स्वर्ण पदक अपने नाम किया है. रेलवे के खिलाड़ियों ने 15 में से 8 पदक अपने नाम किए हैं .जिसमें तीन गोल्ड मेडल शामिल है.
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