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मरांग गोमके की जयंती पर विशेष, आदिवासियों के लिए जीवन किया समर्पित

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Published : Jan 3, 2020, 2:56 PM IST

आदिवासियों के सर्वोच्च नेता हैं जयपाल सिंह मुंडा. उनका वास्तविक नाम ईश्वर दास जयपाल सिंह है. उन्होंने आदिवासियों की हालत में सुधार के लिए काफी कुछ किया. उनके किए गए कार्यों की वजह से ही उन्हें मरांग गोमके कहा गया.

birthday of Jaipal Singh Munda
जयपाल सिंह मुंडा

रांचीः जयपाल सिंह मुंडा का जन्म खूंटी के टकरा में 3 जनवरी 1903 को हुआ था. वो बहुमुल्य प्रतिभा के धनी थे. वो एक राजनीतिज्ञ, पत्रकार, लेखक, संपादक, शिक्षाविद और खिलाड़ी थे. उनकी कप्तानी में ही 1928 में भारत ने ओलंपिक में हॉकी का पहला गोल्ड मेडल जीता. ऑक्सफोर्ड ब्लू का खिताब पाने वाले वे हॉकी के एकमात्र खिलाड़ी थे, यह उपाधि उन्हें 1925 में मिली.

झारखंड अलग राज्य की रखी मांग
जयपाल सिंह मुंडा का चयन आईसीएस में हुआ था. हालांकि उन्होंने अपनी ट्रेनिंग पूरी नहीं की. 1938 में वो आदिवासी महासभा के अध्यक्ष बने. वहीं से उन्होंने झारखंड अलग राज्य की मांग की. वो हर जगह आदिवासियों की आवाज बनकर सामने आये. आदिवासियों के हित में उन्होंने अपनी बातें सकारात्मक ढंग से सबके सामने रखी.

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जीवनभर आदिवासियों के लिए किया संघर्ष
1952 में जयपाल सिंह मुंडा लोकसभा चुनाव जीतकर खूंटी से सांसद बने. उनकी पार्टी, झारखंड पार्टी ने बिहार विधानसभा में 34 सीट और लोकसभा में 5 सीट जीतकर बेहतर प्रदर्शन किया. जीवनभर उन्होंने आदिवासियों के उत्थान के लिए काम किया. अभी हाल में ही केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने उनके गांव को आदर्श गांव बनाने की घोषणा की है.

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