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बापू और क्वामे एन्क्रुमा के विचारों का भारत और घाना पर है व्यापक प्रभाव: स्पीकर रबींद्र नाथ महतो

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 3, 2023, 6:23 PM IST

Speaker Rabindra Nath Mahto In Ghana
Speaker Rabindra Nath Mahto In Ghana

झारखंड विधानसभा के स्पीकर रबींद्र नाथ महतो घाना दौरे पर हैं (Speaker Rabindra Nath Mahto In Ghana). यहां वे छह दिवसीय सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ऊर्जा संकट और पर्यावरण संरक्षण, संसद में महिला आरक्षण का महिला सशक्तिकरण में योगदान और संसद के माध्यम से संसदीय प्रक्रिया को और कारगर बनाए जाने पर अपना वक्तव्य रखेंगे.

रांची/घाना: भारत और घाना दोनों ही देश विश्व में लोकतंत्र के ध्वजवाहक हैं. एक ओर जहां भारत महात्मा गांधी के विचारों की अलख पूरी दुनिया में जला रहा है तो वहीं क्वामे एन्क्रुमा द्वारा स्थापित लोकतंत्र को घाना मजबूती से आगे बढ़ा रहा है. झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने भारत-घाना कोफी अन्नान सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र पर लगी महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुए ये बातें कही.

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रबींद्र माथ महतो ने घाना की मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि बेशक घाना में कुछ समय के लिए सैन्य शासन लगा था, लेकिन तीस वर्षों से लगातार यहां लोकतंत्र कायम है. भारत में आजादी के बाद से ही लोकतांत्रिक व्यवस्था चल रही है. विश्व की सबसे बड़ी आबादी और विविधता वाला देश होने के बावजूद भारत पूरी दुनिया को लोकतंत्र का पाठ सीखा रहा है. क्वामे एन्क्रुमा घाना और इसके पूर्वर्ती राज्य गोल्ड कोस्ट के नेता थे. उनकी देखरेख में ही ब्रिटेन के औपनिवेशिक शासन से मुक्ति मिली थी. वह घाना के पहले प्रधानमंत्री भी बने थे. उन्हें लेनिन शांति पुरस्कार भी मिला था.

66वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की बैठक में शिरकत करने के लिए झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो के नेतृत्व में तीन सदस्यीय दल घाना की राजधानी अकरा में छह दिवसीय दौरे पर है. उनके साथ विधायक सीपी सिंह और निरल पूर्ति भी गये हैं. भारत-घाना कोफी अन्नान सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र पर स्पीकर ने कहा कि विश्व में शांति और भाईचारे को बढ़ाने में संयुक्त राष्ट्र संघ के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान के योगदानों को कभी नहीं भुलाया जा सकता. वह घाना के ही थे. उन्होंने कहा कि राष्ट्र मण्डल संसदीय संघ विश्व का सबसे पुराना और सबसे बड़ा संसदीय राष्ट्रों का गठबंधन है. पूरे विश्व में संसदीय व्यवस्था को और कारगर और लोक हितकारी बनाने में इसका महत्वपूर्ण योगदान है.

आपको बता दें कि छह दिवसीय सम्मेलन के दौरान विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो तीन विषयों पर अपनी वक्तव्य विश्व पटल पर रखेंगे. पहला विषय है ऊर्जा संकट और पर्यावरण संरक्षण. दूसरा विषय है संसद में महिला आरक्षण का महिला सशक्तिकरण में योगदान और तीसरा विषय है ई-संसद के माध्यम से संसदीय प्रक्रिया को और कारगर बनाया जाना.

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