Bokaro News: खनिजों के अवैध परिवहन की जांच के लिए एसआईटी गठित, रेल अधिकारियों की भूमिका की भी होगी जांच

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Published : Mar 1, 2023, 7:07 PM IST

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रेलवे के द्वारा खनिजों के अवैध परिवहन की मिल रही शिकायतों और रेल अधिकारियों की भूमिका की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है. सरकार की इस पहल से झारखंड के विभिन्न जिलों से अवैध माइनिंग और ट्रांसपोर्टिंग की शिकायतों का उद्भेदन होने की संभावना है.

रांची: खनिजों के अवैध परिवहन में रेलवे के अधिकारियों की भूमिका की जांच के लिए राज्य सरकार ने एसआईटी गठित की है. सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश विनोद कुमार गुप्ता के नेतृत्व में गठित एसआईटी का कार्यकाल छह माह का होगा. एक सदस्यीय इस विशेष जांच दल के द्वारा राज्य में खनिजों के अवैध परिवहन में रेलवे की भूमिका की जांच की जाएगी. राज्य सरकार के द्वारा बनायी गई इस कमेटी में आयोग के अध्यक्ष के अलावे एक सहायक, एक आदेशपाल, एक कंप्यूटर ऑपरेटर और सरकारी वाहन की सुविधा होगी. आयोग के अध्यक्ष को उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के संपर्क यात्रा भत्ता और अन्य सुविधाएं सरकार के द्वारा दी जाएगी.

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राज्य में होती रही है अवैध माइनिंगः राज्य में बड़े पैमाने पर होने वाली अवैध माइनिंग और इसके परिवहन को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है. खान एवं खनिज अधिनियम की धारा 23 सी के अंतर्गत राज्य में खनिजों के अवैध परिवहन की रोकथाम के लिए झारखंड मिनिरल्स रूल्स 2017 बनाया गया है. इस नियमावली के तहत खनिजों का रेल मार्ग से परिवहन भी जेआईएमएमएस पोर्टल से मिलने वाले परिवहन चालान के माध्यम से ही किया जाना है. खान एवं भूतत्व विभाग के द्वारा इसके लिए निर्देश पूर्व में ही जारी किया जा चुका है, इसके बावजूद रेलवे के माध्यम से बिना वैध चालान के भारी मात्रा में खनिज का परिवहन होने की शिकायतें आती रही हैं. इस संदर्भ में दुमका उपायुक्त द्वारा रेलवे के माध्यम से रेलवे साइडिंग से बिना परमिट के पत्थर चिप्स के परिवहन करने के संदर्भ में सूचनाएं राज्य सरकार के द्वारा भारत सरकार को भी भेजी गई हैं. इस अनियमितता में रेलवे के अधिकारियों की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता है.

मुख्यमंत्री ने रेलमंत्री को लिखी थी चिट्ठीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस संदर्भ में रेल मंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराया था. मुख्यमंत्री ने 14 दिसंबर 2022 को लिखी गई चिट्ठी में राज्य में हो रहे अवैध खनन एवं इसके परिवहन में रेलवे पदाधिकारियों की संलिप्तता और अन्य सभी संबंधित बिंदुओं की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय जांच समिति के गठन का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री ने पत्र के माध्यम से रेल मंत्री से आग्रह किया था कि आपके द्वारा रेलवे के पदाधिकारियों को इस उच्चस्तरीय जांच समिति को पूरा सहयोग करने के लिए निर्देशित किया जाए. बहरहाल, इस फैसले के बाद साहिबगंज, दुमका, धनबाद, रामगढ़ सहित राज्य के विभिन्न जिलों में आ रही अवैध माइनिंग और ट्रांसपोर्टिंग की शिकायतों का उद्भेदन होने की संभावना बढ़ गई है.

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