ETV Bharat / state

हूल दिवस पर शहीद सिदो कान्हू को दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने दी श्रद्धांजलि, आला नेताओं ने वीर सपूतों को किया याद

author img

By

Published : Jun 30, 2022, 2:40 PM IST

Updated : Jul 1, 2022, 6:10 AM IST

रांची में हूल दिवस पर शहीद सिदो कान्हू को शिबू सोरेन ने श्रद्धांजलि दी है. राजधानी के सिदो कान्हू पार्क में उनकी प्रतिमा पर दिशोम गुरु समेत राज्यसभा सांसद महुआ माजी, आजसू सुप्रीमो समेत कई आला नेताओं ने संथाल हूल के वीर नायकों की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनको याद किया.

Shibu Soren pays tribute to martyr Sido Kanhu on Hul Diwas in Ranchi
रांची

रांचीः इतिहास में भले ही आजादी की पहली लड़ाई के रूप में इतिहासकारों ने 1857 के सिपाही विद्रोह को जगह दी हो. लेकिन वास्तव में सिपाही विद्रोह से 2 साल पहले यानी 1855 में ही संथाल में अमर शहीद सिदो कान्हू, चांद भैरव, फूलो-झानो के नेतृत्व में संथाल विद्रोह हुआ था .जिसमें 20 हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया था और अंग्रेजों को नाको चने चबवा दिया था. विद्रोह को दबाने अंग्रेजों ने साहिबगंज के भोगनाडीह में झारखंड के वीर सपूतों सिदो कान्हू को फांसी दे दी थी.

इसे भी पढ़ें- हूल दिवस आजः राज्यपाल रमेश बैस ने शहीद सिदो कान्हू को दी श्रद्धांजलि



हूल दिवस पर राजधानी सिदो कान्हू पार्क में अमर शहीद की प्रतिमा पर झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, पूर्व उपमुख्यमंत्री और आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो, कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की, विधायक शिल्पी नेहा तिर्की, राष्ट्रीय युवा शक्ति के उत्तम यादव, युवा राजद के रंजन यादव सहित बड़ी संख्या में नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सिदो कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया.

देखें पूरी खबर


झामुमो की नवविर्वाचित राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने कहा कि आज भी राज्य के साथ केंद्र नाइंसाफी कर रहा है, इसलिए एक और हुल क्रांति की जरूरत है. वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री ने हुल क्रांति को याद करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग की कि वह ऐसी व्यवस्था कराएं की शहीदों के वंशज सम्मान के साथ जीवन यापन कर सकें. आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा कि इतिहासकारों ने हूल क्रांति के साथ न्याय नहीं किया है. इसलिए अब समय है कि हुल क्रांति को फिर से परिभाषित कर इतिहास में इसे जगह दी जाएं क्योंकि यह आजादी की पहली क्रांति थी जिसमें 20 हजार से ज्यादा लोगों ने एक साथ भाग लिया था.

राष्ट्रीय युवा शक्ति से जुड़े युवाओं ने किया रक्तदानः हूल दिवस पर राष्ट्रीय युवा शक्ति से जुड़े युवाओं ने सिदो कान्हू पार्क में रक्तदान शिविर लगाकर बड़ी संख्या में रक्तदान किया. यहां एकत्रित किए गए रक्त सरकारी अस्पताल के ब्लड बैंक को दिया जाएगा ताकि थैलसीमिया से ग्रस्त बच्चों को खून की कमी ना हो.

Last Updated : Jul 1, 2022, 6:10 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.