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चाईबासा में ब्लास्ट पर ब्लास्ट, सुरक्षा बलों के साथ साथ ग्रामीणों को भी चुकानी पड़ रही भारी कीमत!

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 23, 2023, 3:17 PM IST

Security forces suffered heavy losses in IED blast in Chaibasa during last one year
चाईबासा में एक साल में हुए आईईडी ब्लास्ट में सुरक्षा बलों को भारी क्षति हुई

IED blast in Chaibasa during last one year. पिछले एक साल में चाईबासा में आईईडी ब्लास्ट में सुरक्षा बलों को भारी क्षति हुई है. इतना ही नहीं इस धमाके में कई ग्रामीणों को भी अपनी जान गंवाकर भारी कीमत चुकानी पड़ी है.

रांचीः झारखंड के चाईबासा जिले में नक्सलियों के खिलाफ पिछले एक साल से अभियान चलाया जा रहा है. पिछले वर्ष नवंबर महीने में ही कोल्हान के बीहड़ों की घेराबंदी कर भाकपा माओवादियों के शीर्ष नेताओं के खिलाफ जंग का एलान हुआ था. लेकिन इस लड़ाई में सुरक्षा बलों के साथ साथ स्थानीय ग्रामीणों को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा है. आंकड़े बताते हैं कि एक वर्ष के भीतर नक्सलियों की आईईडी ब्लास्ट में सुरक्षा बल के साथ 14 अपनी जान गंवा चुके है जबकि 50 से ज्यादा घायल हुए हैं.

एक सफ्ताह में दो ब्लास्टः झारखंड के चाईबासा में गुरुवार को फिर भीषण ब्लास्ट हुआ. जिसमें सीआरपीएफ 174 बटालियन के कांस्टेबल हफीजुल रहमान बुरी तरह से जख्मी हो गए हैं. हफीजुल रहमान को बेहतर इलाज के लिए एयरलिफ्ट कर रांची लाया गया, फिलहाल उनका रांची में इलाज चल रहा है. इसी सफ्ताह 17 नवंबर को भी चाईबासा के ही गोइलकेरा थाना क्षेत्र में आईईडी विस्फोट हुआ था, जिसमें एक जवान शहीद हुए थे जबकि दो घायल हुए थे.

22 से 23 नवंबर तक 29 जवान घायल 4 शहीदः झारखंड के चाईबासा जिले में नक्सलियों के खिलाफ नवंबर 2022 से अभियान चलाया जा रहा है. नक्सलियों के खिलाफ चल रहे इस अभियान की कीमत न सिर्फ झारखंड पुलिस को चुकानी पड़ी है बल्कि लोकल ग्रामीणों को भी इससे काफी नुकसान उठाना पड़ा रहा है. आंकड़े बताते हैं कि 2022 नवंबर से लेकर 23 नवंबर 2023 तक नक्सलियों के खिलाफ अभियान में 30 जवान जख्मी हुए हैं जबकि पांच जवानों को अपने प्राणों की आहूति देनी पड़ी.

कौन कौन पुलिस वाले हुए शहीदः चाईबासा में एक साल के दौरान हुई मुठभेड़ में सीआरपीएफ 60 बटालियन के कांस्टेबल सुशांत कुमार, झारखंड पुलिस के सब इंस्पेक्टर अमित कुमार और आरक्षी गौतम कुमार और सीआरपीएफ के जवान संतोष उरांव शहीद हो चुके हैं.

10 ग्रामीण भी अपनी जान गवां चुके हैंः चाईबासा में नक्सलियों के खिलाफ अभियान का खामियाजा भोले भाले ग्रामीणों को भी भुगतना पड़ा है. सुरक्षा बलों की तरह ही सबसे ज्यादा ग्रामीणों को भी नुकसान आईईडी बमों के जरिए हुआ है. झारखंड पुलिस मुख्यालय के आंकड़े बताते हैं कि पिछले एक साल के दौरान नक्सलियों के द्वारा किए गए विस्फोट में 10 निर्दोष ग्रामीणों की मौत हो चुकी है जबकि सात घायल हुए हैं.

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