कोरोना काल में झारखंड में खुदकुशी के केस बढ़े, आत्महत्या पर SCRB की रिपोर्ट से हुआ खुलासा

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Published : Aug 3, 2021, 1:15 PM IST

SCRB report on Suicide said suicide case in Jharkhand increased during Corona period
आत्महत्या पर SCRB की रिपोर्ट ()

कोरोना काल में झारखंड में खुदकुशी के केस बढ़ गए हैं. इसका खुलासा आत्महत्या पर SCRB की रिपोर्ट (स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट) से हुआ है, जिसे NCRB को भेजा गया है. माना जा रहा है कि कोरोना काल में अवसाद के कारण खुदकुशी के मामले बढ़े हैं.

रांचीः कोरोना संक्रमण की विषम परिस्थिति ने लोगों को मानसिक रूप से कमजोर कर दिया है. इसके चलते मानसिक रूप से टूटने से तमाम लोग खुदकुशी कर रहे हैं. इससे कोरोना काल में झारखंड में खुदकुशी के मामले बढ़ गए हैं. इसका खुलासा झारखंड सरकार की ओर से एनसीआरबी (NCRB ) को भेजी गई रिपोर्ट से हुआ है. झारखंड सरकार के एनसीआरबी को भेजे गए आंकड़ों से पता चलता है कि झारखंड में कोरोना काल में आम दिनों की तुलना में खुदकुशी के मामले डेढ़ गुना बढ़ गए हैं.

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आत्महत्या के मामले बढ़े

झारखंड में कोरोना संक्रमण काल के दौरान आत्महत्या की घटनाओं में अप्रत्याशित इजाफा हुआ है. राज्य पुलिस के स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी) की ओर से केंद्र सरकार के गृह विभाग के अंतर्गत काम करने वाले नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) को भेजी गई रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. राज्य सरकार की ओर से भेजे गए आंकड़ों के मुताबिक 2019 में जब परिस्थितियां सामान्य थीं तब राज्य में खुदकुशी की 1646 घटनाएं हुई थीं, लेकिन 2020 में कोरोना काल के दौरान खुदकुशी करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो गई. कोरोना से उपजी परिस्थितयों में राज्यभर में कुल 2145 लोगों ने मौत को गले लगाया, जो पिछले साल के मुकाबले 499 अधिक है.

SCRB report on Suicide said suicide case in Jharkhand increased during Corona period
कोरोना काल में झारखंड में खुदकुशी के केस बढ़े



जान देने के लिए अपनाए अलग-अलग तरीके

एससीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक 2145 लोगों में सबसे अधिक 1237 लोगों ने फांसी लगाकर खुदकुशी की तो 419 लोगों ने जहर खा लिया. जहर खाकर जान देने वालों में 326 लोग ऐसे थे, जिन्होंने कीटनाशक खाकर जान दिया तो 93 लोगों ने दूसरी तरह के जहर का खुदकुशी के लिए इस्तेमाल किया.

आंकड़ों के मुताबिक 106 लोगों ने नींद की गोलियां खाकर जान दी. तालाब, डैम, नदियों में डूबकर जान देने वालों की संख्या 180 है, जबकि खुद को आग लगा कर 47 लोगों ने अपनी जान ली. वहीं 16 लोगों ने खुद को गोली मार कर खुदकुशी की, खुद को चोटिल कर 11 लोगों ने जान दी. वहीं चलती हुई ट्रेन या वाहन के सामने आकर 40, जबकि बिल्डिंग से कूद कर 3 और ट्रेन या बस से छलांग लगाकर 58 लोगों ने मौत को गले लगाया. बिजली का तार छूकर 27 लोगों ने खुदकुशी की है.

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नहीं तैयार किए गए उम्रवार आंकड़े

साल 2019 के आंकड़ों के मुताबिक 1646 खुदकुशी करने वालों में 1066 पुरुष, जबकि 580 महिलाएं थीं. पुरुषों में 14 साल से कम उम्र के 20, 14 से 18 साल की उम्र के 205 और 18 से 30 की उम्र के 351 युवाओं ने खुदकुशी की थी, वहीं 30 से 45 की उम्र सीमा के 315, जबकि 45 से 60 की उम्र सीमा के 149 व 60 से अधिक उम्र के 26 पुरुषों ने खुदकुशी की थी.

महिलाओं में 14 से कम उम्र के 27, 14 से 18 उम्रसीमा के 113, 18 से 30 की उम्रसीमा के 243, 30 से 45 उम्रसीमा के 147, 45 से 60 के उम्रसीमा के 44 व 60 से अधिक के उम्र के 6 महिलाओं ने खुदकुशी की थी. हालांकि कोरोना काल के दौरान 2020 में इस तरह के उम्रवार आंकड़े तैयार नहीं किए गए हैं.

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