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रचनात्मकता से बनाए प्लास्टिक को कमाई का जरिया, पर्यावरणविद इम्तियाज अली ने युवाओं को दिए टिप्स

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Published : Feb 9, 2020, 6:07 PM IST

Renowned environmentalist Imtiaz Ali in Ranchi
प्रसिद्ध पर्यावरणविद इम्तियाज अली

भारत के प्रसिद्ध पर्यावरणविद इम्तियाज अली ने रांची में सिपेट और डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के बीच पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर अपना व्याख्यान दिया. उन्होंने बतया कि युवा अपने रचनात्मक तरीके से प्लास्टिक के कचड़े को कमाई का जरिया बना सकते हैं.

रांची: देश के प्रसिद्ध पर्यावरणविद इम्तियाज अली रांची दौरे पर आए. उन्होंने सिपेट के साथ-साथ डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में व्याख्यान दिया. युवा किस तरीके से प्लास्टिक को अपनी कमाई का जरिया बना सकते हैं, इसको लेकर इम्तियाज अली ने विद्यार्थियों को टिप्स दिए.

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कचड़े को बनाएं कमाई का जरिया

किस तरीके से प्लास्टिक के कचरे से रोजगार मुहैया करायी जा सकती है और युवा इसके जरिए स्वावलंबी बन सकते हैं, इसको लेकर रांची के सिपेट और डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में देश के प्रसिद्ध पर्यावरणविद इम्तियाज अली ने विद्यार्थियों के बीच व्याख्यान दिया. उन्होंने कहा कि आज के युवा अपनी रचनात्मक तरीके से प्लास्टिक को कमाई का जरिया बना सकते हैं, लेकिन उन्हें जरूरत है, अपनी क्षमताओं को आंकने की, साथ ही उसके अनुसार कार्य करने की. इस क्षेत्र में रोजगार के कई अवसर हैं.

पर्यावरणविद इम्तियाज अली ने भोपाल में कचड़ा प्रबंधन को लेकर बेहतर काम किए हैं. इनके दिशा निर्देशन पर भोपाल की कई सड़कें वेस्ट मैनेजमेंट के जरिए प्लास्टिक के कचड़ा को मिलाकर बनाए गए हैं. इसके जरिए कई युवाओं को रोजगार भी मिला है. ऐसे ही और कई टिप्स देने के उद्देश्य से पर्यावरणविद इम्तियाज अली राजधानी रांची के सिपेट और डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को व्याख्यान देने पहुंचे.

व्याख्यान सुनने पहुंचे सैकड़ों विद्यार्थी

पर्यावरणविद के व्याख्यान को सुनने के लिए रविवार को सिपेट और डीएसपीएमयू के विद्यार्थियों की भीड़ उमड़ी. प्लास्टिक कचड़े को बेहतर तरीके से उपयोग कैसे किया जाए और इससे स्वरोजगार कैसे प्राप्त किया जाए, ऐसे कई सवालों के जवाब और तकनीक इम्तियाज अली ने विद्यार्थियों को बताया. विद्यार्थियों की माने तो इस तरीके के टिप्स, स्वरोजगार के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं. सही तरीके से अगर इनके बताए रास्ते पर चला जाए तो वास्तव में स्वावलंबी बना जा सकता है. इनके व्यख्यान भी कई मायनों में देश के पर्यावरण को सुरक्षित करने के लिए उपयोगी हैं. विद्यार्थी और युवा इस दिशा में सोचें तो भारत प्लास्टिक के कचरे से मुक्त हो सकता है और पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सकता है.

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पर्यावरण संरक्षण को लेकर इस तरीके के शिक्षण संस्थानों में विशेषज्ञों का व्यख्यान देना एक अच्छा संकेत है. ऐसे में विद्यार्थी जागरूक तो होते ही हैं, पर्यावरणविद की ओर से बताए गए रास्ते पर चलकर विद्यार्थी रोजगार प्राप्त करते हैं.

Intro:रांची।

देश के प्रसिद्ध पर्यावरणविद इम्तियाज अली राजधानी रांची में है. और वे रांची के सिपेट के साथ-साथ डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में व्याख्यान देने पहुंचे .किस तरीके से प्लास्टिक कचड़े से रोजगार मुहैया किया जा सकता है और युवा इसके जरिए स्वाबलंबन बन सकते हैं .इसके टिप्स पर्यावरणविद इम्तियाज अली द्वारा इन दोनों शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों को दी गई.


Body:गौरतलब है कि पर्यावरणविद इम्तियाज वाली भोपाल में कचड़ा प्रबंधन को लेकर बेहतर काम किए हैं .इनके दिशा निर्देशन पर भोपाल की कई सड़कें वेस्ट मैनेजमेंट के के जरिये प्लास्टिक के कचरा मिलाकर बनाए गए हैं और इसके जरिए युवाओं को रोजगार भी मिला है .ऐसे ही और भी कई टिप्स देने के उद्देश्य से ही पर्यावरणविद इम्तियाज अली राजधानी रांची के सिपेट और डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को व्याख्यान देने पहुंचे .

व्याख्यान सुनने सैकड़ों विद्यार्थी पहुंचे.

व्याख्यान को सुनने के लिए दोनों शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों की भीड़ उमड़ी .प्लास्टिक कचड़ा का बेहतरीन उपयोग कैसे किया जाए और इससे स्वरोजगार कैसे प्राप्त किया जाए ऐसे ही कई गुर इम्तियाज अली द्वारा इन विद्यार्थियों को इन दोनों शिक्षण संस्थानों में दी गई. विद्यार्थियों की मानें तो इस तरीके का टिप्स रोजगार के लिए काफी काम आता है .सही तरीके से अगर इनके बताए गए रास्ते पर चला जाए तो वाकई में स्वाबलंबी बना जा सकता है और इनके व्यख्यान भी कई मायनों में देश के पर्यावरण को सुरक्षित करने के लिए उपयोगी है .अगर विद्यार्थी और युवा इस दिशा में सोचें तो भारत प्लास्टिक कचड़ा से मुक्त हो सकता है और पर्यावरण को बचाया जा सकता है.


Conclusion:पर्यावरण संरक्षण को लेकर इस तरीके का शिक्षण संस्थानों में विशेषज्ञों द्वारा व्यख्यान देना एक अच्छा संकेत है .ऐसे में विद्यार्थी जागरूक तो होते ही हैं .इनके द्वारा बताए गए रास्ते पर चलकर विद्यार्थी रोजगार भी प्राप्त करते हैं.


बाइट- इम्तियाज अली, पर्यावरणविद

भार्गव कुमार, छात्र.
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