Bird Flu in Ranchi: रांची में बर्ड फ्लू को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट, रविवार को भी डीसी ने की बैठक, लिए अहम फैसले

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Published : Mar 5, 2023, 7:03 PM IST

Bird Flu in Ranchi

रांची में बर्ड फ्लू के संक्रमण को रोकने के लिए जिला प्रशासन अलर्ट है. पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के सरकारी आवास से एक किलोमीटर की परिधि में चिकेन और अंडे की दुकानें बंद रही. संक्रमण को लेकर रविवार को भी रांची डीसी एक्टिव रहे. प्रशासन ने यह तय किया है कि इंफेक्टेड जोन में सभी मुर्गियों को मार दिया जाएगा, वहीं सभी अंडे बर्बाद किए जाएंगे.

डॉ विपिन बिहारी माहथा, निदेशक, पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान

रांची: झारखंड की राजधानी रांची में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद से पशुपालन विभाग और रांची जिला प्रशासन, संक्रमण को रोकने की कोशिशों में लगा है. रविवार होने के बावजूद रांची डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने जिला पशुपालन पदाधिकारी और नगर निगम के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. इस बैठक में यह तय हुआ कि जल्द ही भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार एक इंफेक्टेड जोन में सभी मुर्गा-मुर्गी को मारकर नियमानुसार निस्तारण जल्द शुरू किया जाएगा.

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पोल्ट्री की आवाजाही और व्यापार पर रोक: सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार अब 10 किलोमीटर रेडियस में पोल्ट्री की आवाजाही और व्यापार पर रोक लगेगी. शनिवार को उपायुक्त ने सिर्फ एक किलोमीटर का दायरा निर्धारित किया था. विभागीय सूत्र बताते हैं कि रविवार रात तक संशोधित आदेश जारी कर दिए जाएंगे.

मुर्गियों के मारे जाने पर परेशान ना हों मुर्गीपालक: इधर, राज्य के कृषि मंत्री ने उन मुर्गीपालकों को परेशान नहीं होने को कहा है, जिनकी मुर्गियां मारी जाएंगी. उन्होंने कहा कि बर्ड फ्लू के खतरे को कम करने के लिए जिन मुर्गी पालकों या चिकेन, एग विक्रेता की मुर्गियां मारी जाएगी या अंडे बर्बाद होंगे, उन्हें मुआवजा दिया जाएगा. उन्होंने साफ किया कि पिछले महीने बोकारो में मारे गए मुर्गियों के मुर्गीपालकों को भी मुआवजा मिलेगा.

हाल में बोकारो में मारी गई मुर्गियां: हाल ही में बोकारो के सरकारी पोल्ट्री फार्म में मुर्गों में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद 1 किलोमीटर की रेडियस में सभी मुर्गियों को मार दिया गया था. अब राज्य के कृषि एवं पशुपालन मंत्री बादल पत्रलेख ने घोषणा की है कि बर्ड फ्लू की वजह से जिन पशुपालकों की मुर्गियां मारी गयी हैं या अब जिनकी मुर्गियां मारी जाएंगी, उन्हें सरकार मुआवजा देगी. इसी तरह रांची में ओल्ड जेल मोड़ के पास से एक किलोमीटर की रेडियस में जितने कुक्कुटों को मारा जाएगा, उसकी भी मुआवजा राशि कृषि एवं पशुपालन विभाग देगी.

क्यों बर्ड फ्लू में मारी जाती हैं मुर्गियां, बर्बाद किए जाते हैं अंडे: वायरल बीमारी बर्ड फ्लू (H5N1) के आउट ब्रेक के बाद इसके फैलाव को रोकने के लिए भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार जिस इलाके में बर्ड फ्लू का आउट ब्रेक होता है, उसके 1 किलोमीटर के रेडियस में सभी पोल्ट्री जीवों, मुर्गियों को मारकर उसे डेढ़ से दो मीटर का गड्ढा खोद कर डिस्पोज किया जाता है. इसी तरह अंडे को भी बर्बाद कर दिया जाता है ताकि संक्रमण अन्य जगहों और इंसान में ना फैले.

कितना मिलेगा मुआवजा: बर्ड फ्लू के दौरान मारे जाने वाले मुर्गियों और अंडों को बर्बाद करने को लेकर भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के तहत काम करने वाला डिपार्टमेंट ऑफ एनिमल हसबैंडरी, डेयरिंग एंड फिशरीज ने एक नियम बना रखा है. उसी नियम के अनुसार ही मुआवजे की राशि दी जाती है. इसके तहत लेयर के प्रति चिक्स (8 सप्ताह तक के पक्षी) के लिए 20 रुपये और प्रति एडल्ट (8 सप्ताह से ऊपर के पक्षी) के लिए 90 रुपये मुआवजा देने का प्रावधान है. वहीं ब्रॉयलर के चिक्स (6 सप्ताह तक के पक्षी) के लिए भी 20 रुपया प्रति और एडल्ट (6 सप्ताह से ऊपर के पक्षी) के लिए 70 रुपया प्रति मुआवजा देने का प्रावधान है. इसी तरह 3 रुपये प्रति अंडा और 12 रुपये पर किलो के हिसाब से पॉल्ट्री फीड के लिए सहायता देने का प्रावधान है.

50-50 खर्च देती है राज्य सरकार और केंद्र सरकार: बर्ड फ्लू के कारण हुए नुकसान के मुआवजे की राशि का 50% खर्च राज्य सरकार और 50% खर्च भारत सरकार वहन करती है. पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान के निदेशक डॉ विपिन बिहारी माहथा ने बताया कि बोकारो में करीब 170 मुर्गी पालकों को करीब 3500 मुर्गियों और 1100 अंडे के बदले मुआवजा दिया जाएगा, जबकि रांची में अभी सर्वे का काम जारी है. बता दें कि रांची में ओल्ड जेल मोड़ स्थित पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के आवास पर पाली जा रही मुर्गियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी. तब से जिला प्रशासन और पशुपालन विभाग इसके संक्रमण को फैलने से रोकने के सभी संभव कोशिशों में जुटा है.

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