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Ranchi News: शिक्षा विभाग की चिट्ठी ने उड़ाई निजी स्कूल की नींद, जानिए पासवा क्यों कर रहा है इसका विरोध

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Published : Jun 14, 2023, 9:16 AM IST

Updated : Jun 14, 2023, 10:38 AM IST

शिक्षा विभाग की ओर से जारी एक चिट्ठी ने पासवा यानी प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन को सकते में डाल दिया है. पासवा को स्कूल बंद होने का डर सताने लगा है. जिसके बाद पासवा के प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है.

Private Schools and Children Welfare Association
Private Schools and Children Welfare Association

आलोक दूबे, प्रदेश अध्यक्ष, पासवा

रांची: झारखंड सरकार के शिक्षा विभाग की एक चिट्ठी ने राज्य के निजी स्कूलों की नींद उड़ाकर रख दी है. जिसके बाद निजी स्कूलों संचालकों को स्कूल बंद होने का डर सताने लगा है, जिसके बाद प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन नाराज है और मुख्यमंत्री से मामले में इस साजिश को रोकने की गुहार लगा रहा है. मामला यूडायस पोर्टल पर शिक्षकों और विद्यार्थियों की पूरी जानकारी अपलोड करने से जुड़ा है.

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दरअसल, आरटीई 2019 का हवाला देते हुए विभागीय सचिव के रवि कुमार ने राज्य के निजी स्कूलों को यूडायस पोर्टल के माध्यम से शिक्षकों और विद्यार्थियों का पूरा ब्यौरा भरने को कहा है. साथ ही इसकी अवहेलना करने वाले निजी स्कूलों पर दंडात्मक कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है. विभागीय सचिव ने इसका कड़ाई से पालन कराने के लिए प्राथमिक शिक्षा के सहायक निदेशक कैलाश मिश्रा को नोडल पदाधिकारी मनोनीत किया है. शिक्षा सचिव के इस फरमान के बाद जिला स्तर पर अखबार के माध्यम से निजी स्कूलों को मान्यता प्राप्त करने के निर्देश दिए जा रहे हैं. झारखंड आरटीई 2019 और यूडायस के जटिल प्रावधान के कारण राज्य में चल रहे प्ले स्कूल सहित सभी छोटे बड़े निजी स्कूलों की मान्यता पर संकट पैदा हो गया है.

शिक्षा विभाग का है यह तुगलकी फरमान: प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन ने इसे शिक्षा विभाग का तुगलकी फरमान बताते हुए नाराजगी जताई है. प्रदेश अध्यक्ष आलोक दूबे ने कहा है कि यूडायस पोर्टल एक सॉफ्टवेयर है, जिसमें विधार्थियों, शिक्षकों के डाटा को भरना होता है, इस कार्य को पूरा नहीं करने पर निजी विद्यालयों को मृत्युदंड दिया जा रहा है, जो कतई भी मान्य नहीं है. आरटीई के तहत संपूर्ण राष्ट्र में कहीं भी इस तरह की शर्त नहीं है, ऐसी स्थिति में सिर्फ झारखंड में आरटीई और यूडायस की कठिन शर्त रखी गई है, जिसका कोई भी निजी विद्यालय पालन नहीं कर सकता है.

उन्होंने कहा कि छात्र डाटा संग्रह और आरटीई कानून के तहत मान्यता प्राप्त करने के लिए शिक्षा विभाग रघुवर दास सरकार द्वारा 2019 में लाए गए कानून को लागू करने का फरमान जारी कर शिक्षा सचिव निजी विद्यालयों को पूर्णत: बंद करना चाहते हैं. राज्य के 47 हजार निजी विद्यालयों में 40 हजार काफी छोटे स्तर पर चलते हैं, जिसमें झारखंड के लाखों आदिवासी और मूलवासी के छोटे छोटे बच्चे कम पैसे में क्वालिटी एजुकेशन प्राप्त कर रहे हैं, वहीं हजारों शिक्षक और कर्मचारी की रोजी रोटी भी चलती है. इस फरमान से लाखों बच्चों की पढ़ाई और हजारों शिक्षकों के साथ उनके परिवार का भविष्य अंधकारमय हो जायेगा.

मुख्यमंत्री से किया अनुरोध: उन्होंने कहा कि पासवा मुख्यमंत्री से यह अनुरोध करती है कि इस मामले को व्यक्तिगत तौर पर देखें और झारखंड में पूर्व की सरकार की तरह निजी विद्यालयों को बंद करने की साजिश समाप्त करें ताकि झारखंड के हजारों मूलवासी, आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्र के पिछड़े बच्चे भी कम पैसे में शिक्षा प्राप्त कर सके और 40 हजार छोटे निजी विद्यालय बंद होने से बच सके. आलोक दूबे ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि युडायस भरने के लिए दो महीने का समय मुहैया कराया जाए ताकि सभी निजी विद्यालय अपने अपने विद्यालयों में अपनी जानकारी अपलोड कर सकें. साथ ही कक्षा आठवीं तक सभी स्कूलों को बिना शर्त मान्यता दी जाए.

Last Updated : Jun 14, 2023, 10:38 AM IST
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