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राज्य में एक बार फिर छाया बिजली संकट, जानिए क्या है बड़ी वजह

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Published : Jul 20, 2022, 6:57 PM IST

power crisis in Jharkhand
power crisis in Jharkhand

सिकिदिरी हाइडल पावर प्लांट और टीवीएनएल की एक यूनिट के बैठ जाने से दोनों पावर प्लांट में बिजली उत्पादन ठप्प हो गया है. इन दोनों पावर प्लांट में खराबी आने से करीब 300 मेगावाट बिजली की कमी हो गई है. मांग के अनुरूप आपूर्ति में आई कमी ने जेबीवीएनएल की चिंता बढा दी है.

रांची: राज्य में एक बार फिर बिजली संकट गहराने लगा है. जेबीवीएनएल के द्वारा लाख कोशिशों के बाबजूद निर्वाध बिजली मुहैया कराना आज भी चुनौतीभरा काम है. हालत यह है कि सिकिदिरी हाइडल पावर प्लांट और टीवीएनएल की एक यूनिट के बैठ जाने से तीसरे दिन भी राज्य में बिजली की किल्लत जारी रही. सोमवार को नेशनल ग्रीड पर आये संकट के बाद राज्य का ये दो महत्वपूर्ण पावर प्लांट के अचानक बैठ जाने से बिजली उत्पादन पर खासा प्रभाव पड़ा है जिस वजह से पिछले दो दिनों से जारी लोड शेडिंग तीसरे दिन भी जारी रहा.

मंगलवार को बिजली की डिमांड करीब 1800 मेगावाट के करीब थी जबकि उपलब्धता 1500 मेगावाट ही रही जिस वजह से शहरी क्षेत्रों के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की कटौती होती देखी गई. दिन के समय राजस्थान से मिलने वाली सौर ऊर्जा से मांग को पूरा कर लिया जा रहा है मगर सबसे ज्यादा परेशानी पिक आवर में देखा जा रहा है जो शाम सात बजे से रात 11 बजे तक रहता है.

टीवीएनएल और सिकिदिरी हाइडल पावर प्लांट में उत्पादन बंद: स्वर्णरेखा नदी पर बना सिकिदरी हाइडल पावर प्लांट का निर्माण 1989 में हुआ था. इस डैम का स्वामित्व जल संसाधन विभाग के पास है. जिस वजह से डैम में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करना जल संसाधन विभाग का कार्य है. जेबीवीएनएल के महाप्रबंधक मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि इस वर्ष बारिश कम होने की वजह से डैम का जलस्तर कम है जिस वजह से हाइडल पावर प्लांट से बिजली उत्पादन बंद हो गया है. यहां दो यूनिट हैं जिसकी क्षमता 130 मेगावाट है. हाल ही में शुरू हुए इस प्लांट से करीब 100 मेगावाट बिजली मिलती थी.

गौरतलब है कि संयुक्त बिहार के समय में यह पहला हाइडल पावर प्रोजेक्ट लगाया गया था. इसकी बिजली सस्ती है. इस पर खर्च एक रुपया प्रति यूनिट तक पड़ता है. इधर टीवीएनएल की एक यूनिट में आई तकनीकी खराबी के कारण करीब 170 मेगावाट आपूर्ति कम हो गई है. इस पावर प्लांट के काफी पुराना होने की वजह से आये दिन बिजली उत्पादन ठप्प हो जाता है. हालांकि अधिकारियों का मानना है कि मरम्मति कार्य जारी है और जल्द ही उत्पादन शुरू हो जायेगा. बहरहाल बिजली की आंख मिचौली जारी है.आपूर्ति कम होने की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में लोड शेडिंग करके किसी तरह काम चलाया जा रहा है.

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