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Language Controversy in Jharkhand: उर्दू को हर जिले में मिली मान्यता पर सियासत गर्म, भाजपा ने लगाया तुष्टिकरण का आरोप

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Published : Feb 19, 2022, 5:06 PM IST

Updated : Feb 19, 2022, 5:36 PM IST

Political reaction on language controversy in Jharkhand
Political reaction on language controversy in Jharkhand

झारखंड में भाषा विवाद (Language Controversy in Jharkhand) कम नहीं हो रहा है. उर्दू को सभी जिलों में क्षेत्रीय भाषा के रुप में मान्यता देने पर सियासत शुरू हो गई है. भाजपा ने जहां हेमंत सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए हिन्दी के साथ भेदभाव करने की बात कही है वहीं सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के मंत्रियों ने भाजपा पर आग लगाने का आरोप लगाया है.

रांची: राज्य सरकार द्वारा उर्दू को सभी जिलों में क्षेत्रीय भाषा के रुप में मान्यता दिये जाने पर एक बार फिर झारखंड में भाषा विवाद (Language Controversy in Jharkhand) और बढ़ गया है. विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने सरकार के द्वारा मैट्रिक और इंटर स्तर की प्रतियोगिता परीक्षा में जिला स्तरीय पदों के लिए जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं की जारी सूची में उर्दू को प्रत्येक जिला में मान्यता दिये जाने पर सवाल खड़ा किया है.

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पूर्व स्पीकर और रांची विधायक सीपी सिंह ने हिन्दी को मान्यता नहीं दिये जाने और उर्दू को सभी जिलों में मान्यता दिये जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. सीपी सिंह ने इसे हेमंत सरकार पर तुष्टिकरण करने का आरोप लगाया है. उन्होंने झारखंड में भाषा विवाद को शीघ्र खत्म कराने की मांग की है. सीपी सिंह ने इस भाषा विवाद को सरकार प्रायोजित बताते हुए कहा कि इससे झारखंड के स्थानीय छात्रों को हानि होगी.

बीजेपी विधायक और मंत्रियों के बयान

इधर, सरकार द्वारा शुक्रवार को लिये गये फैसले का मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव और आलमगीर आलम ने स्वागत किया है. आलमगीर आलम ने भाजपा द्वारा उठाये जा रहे सवाल पर पलटवार करते हुए कहा है कि साम्प्रदायिक उन्माद फैलाने का काम भाजपा करती रही है. सरकार ने भाषा को लेकर उठे विवाद को शांत करने के लिए बोकारो और धनबाद में मगही और भोजपुरी की मान्यता समाप्त कर नये सिरे से अधिसूचना जारी की है.

वहीं, दूसरी ओर राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा कि गढ़वा में भोजपुरी भाषा को क्षेत्रीय भाषा की सूची में रखा गया है. इसी तरह मगही को चतरा, लातेहार जिला के क्षेत्रीय भाषा के सूची में रखा गया है . इस बार सभी 24 जिलों की क्षेत्रीय भाषा की सूची में उर्दू भाषा को भी शामिल किया गया है. उन्होंने कहा कि उर्दू बोलने वाले राज्य भर में लोग रहते हैं. इस भाषा को शामिल करने से हर्ज ही क्या है. उन्होंने कहा कि सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है.

इन जिलों में ये हैं क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा

जिलाभाषा
रांची नागपुरी पंचपरगनिया,उर्दू, कुरमाली, बंगला, कुडुख, खड़िया, मुंडारी, हो, संथाली
लोहरदगा कुडुख, असुर, बिरजिया नागपुरी, उर्दू
गुमला कुडुख, खड़िया, असुर, बिरहोरी,बिरजिया, मुंडारी नागपुरी, उर्दू
सिमडेगा खड़िया, मुंडारी, कुडुख, नागपुरी, उर्दू
पश्चिम सिंहभूम हो, भूमिज, मुंडारी कुडुख, संथाली, कुरमाली, उड़िया, उर्दू
पूर्वी सिंहभूम मुंडारी, हो, भूमिज, संथाली, कुडुख, कुरमाली, बांग्ला उड़िया, उर्दू
सरायकेला संथाली, मुंडारी, भूमिज, हो, पंचपरगनिया, उड़िया, बांग्ला, कुरमाली, उर्दू
लातेहारकुडुख, असुर, बिरजिया, नागपुरी, मगही, उर्दू
पलामू कुडुख, असुर ,नागपुरी, मगही, भोजपुरी, उर्दू
गढ़वाकुडुख, नागपुरी, मगही भोजपुरी, उर्दू
दुमका संथाली, माल्तो, खोरठा बांग्ला, अंगिका, उर्दू
जामताड़ासंथाली, खोरठा, बांग्ला अंगिका, उर्दू
साहेबगंजसंथाली माल्तो, खोरठा बांग्ला,अंगिका,उर्दू
पाकुड़संथाली, माल्तो, खोरठा बंगला, अंगिका, उर्दू
गोड्डासंथाली, माल्तो, खोरठा अंगिका, बंगला, उर्दू
हजारीबागसंथाली, कुडुख, बिरहोरी, नागपुरी, कुरमाली, खोरठा, उर्दू
कोडरमा संथाली, कुरमाली, खोरठा
चतरासंथाली, कुडुख, मुंडारी, बिरहोरी, नागपुरी, खोरठा मगही, उर्दू
बोकारोसंथाली, हो, मुंडारी, नागपुरी, कुरमाली, खोरठा, उर्दू बंगला
धनबाद संथाली, नागपुरी, खोरठा, कुरमाली, बंगला, उर्दू
गिरिडीह संथाली, खोरठा, कुरमाली, उर्दू
देवघरसंथाली, खोरठा, अंगिका, उर्दू, बंगला
रामगढ़संथाली, कुडुख, बिरहोरी, नागपुरी, कुरमाली, खोरठा
खूंटी कुडुख, खड़िया, मुंडारी, नागपुरी, पंचपरगनिया, उर्दू, कुरमाली


भाषाई विवाद बढता देख हेमंत सरकार ने कार्मिक विभाग द्वारा पूर्व में जारी जिलावार भाषाओं के मान्यता में संशोधन करते हुए भोजपुरी और मगही को धनबाद और बोकारो से जहां हटा दिया है. वहीं, सभी जिलों में उर्दू भाषा की मान्यता बहाल की है. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा मैट्रिक और इंटरमीडिएट स्तर की प्रतियोगिता परीक्षाओं में इन भाषाओं को मान्यता दी गई है. कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग के द्वारा शुक्रवार को क्षेत्रीय और जनजातीय भाषाओं की सूची जिलावार जारी की गई है.

Last Updated :Feb 19, 2022, 5:36 PM IST
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