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मॉड्यूलर टॉयलेट में गंदगी का अंबार, राजधानी में उड़ रही हैं स्वच्छता की धज्जियां

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Published : Apr 19, 2019, 8:44 PM IST

राजधानी में उड़ रही हैं स्वच्छता की धज्जियां

राजधानी रांची को खुले में शौच मुक्त यानी ओडीएफ घोषित किया जा चुका है. शासन-प्रशासन के रिकॉर्ड के मुताबिक रांची में सभी लोग शौच के लिए टॉयलेट का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत तमाम दावों को झुठला रही हैं.

रांची: राजधानी को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए सरकार लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर रही है. इसी के तहत बने मॉड्यूलर टॉयलेट हाथी का दांत बन चुके हैं. वाहवाही लूटने के लिए रांची नगर निगम ने चौक-चौराहों पर लगभग 80 मॉडलर टॉयलेट का निर्माण तो करा दिया गया, लेकिन मेंटेनेंस के अभाव में ये तमाम टॉयलेट दिखावा साबित हो रहे हैं.

राजधानी में उड़ रही हैं स्वच्छता की धज्जियां
राजधानी रांची को खुले में शौच मुक्त यानी ओडीएफ घोषित किया जा चुका है. शासन-प्रशासन के रिकॉर्ड के मुताबिक रांची में सभी लोग शौच के लिए टॉयलेट का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत तमाम दावों को झुठला रही हैं. यकीन नहीं आता तो आप वीडियो में पूरी खबर देख सकते हैं.

ईटीवी भारत की टीम ने चौक-चौराहों पर लगे मॉड्यूलर टॉयलेट का जायजा लिया तो रांची की ओडीएफ की हकीकत सामने आ गई. यहां आधे से ज्यादा मॉड्यूलर टॉयलेट मेंटेनेंस के अभाव में धूल फांक रही है. जबकि कई ऐसे टॉयलेट थे जिनमें गंदगी का अंबार था. कई टॉयलेट में लगे नल से पानी तक नहीं आ रहा था. इसके साथ ही चारों तरफ बजबजाती गंदगी पसरी हुई थी. मजबूरन लोग सड़क के किनारे मॉड्यूलर टॉयलेट का इस्तेमाल ना कर बाहर ही हल्का हो लेते हैं.

यहां से गुजरते हैं हाईप्रोफाइल लोग
ये तस्वीरें रातू रोड बाईपास की है. इसी सड़क से रोजाना मुख्यमंत्री सहित कई आला अधिकारियों का आना जाना होता है. मॉड्यूलर टॉयलेट में गंदगी की वजह से ट्रैफिक पुलिस के जवान तक खुले में शौच जाने को बेबस हैं. मॉड्यूलर टॉयलेट हाथी के दांत साबित हो रहे हैं.

टॉयलेट बनाकर भूला निगम
एक तरफ सरकार खुले में शौच मुक्त करने के लिए तरह तरह की योजनाएं चला रही हैं जिसके लिए लाखों करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं. वहीं, वाहवाही लूटने के लिए रांची नगर निगम ने चौक चौराहों पर लगभग 80 मॉडलर टॉयलेट का निर्माण तो करा दिया है लेकिन मेंटेनेंस के अभाव में ये तमाम टॉयलेट धूल फांक रहे हैं.

स्थानीय लोगों की परेशानी
स्थानीय लोगों ने बताया कि मॉड्यूलर टॉयलेट के अंदर पहले से ही बदबूदार पानी भरा रहता है. शौचालय जाना भी पड़े तो दूर से ही बोतल में पानी भर कर लाना पड़ता है. एक ओर सरकार ने रांची को ओडीएफ घोषित कर दिया है लेकिन शौचालय में पानी नहीं होने की वजह से स्थिति फिर एक बार पहले जैसे ही नजर आने लगी है. बदबू के कारण टॉयलेट के आसपास रहने वाले लोगों का जीना मुहाल हो गया है. इस गंदगी से कई बीमारी होने की आशंका से भी लोग परेशान हैं. आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि वाहवाही लूटने के लिए कैसे राजधानी को कागजों में ओडीएफ घोषित तो कर दिया गया है लेकिन हकीकत में ये दावे गलत साबित हो रहे हैं.

Intro:रांची
बाइट-- शहरवासी
बाइट-- शहरवासी
बाइट-- यात्री
नोट--एक विजुअल व्हाट्सएप से उठा लीजिए
वॉइस ओवर करके खबर भेजी गई है कृपया देख ले

राजधानी रांची यूं तो ओड़िएफ घोषित हो चुका है यानी पूरी तरह खुले में शौच मुक्त , लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है ईटीवी भारत की टीम ने चौक चौराहों पर लगे मॉड्यूलर टॉयलेट का जायजा लिये तो रांची की ओडीएफ की हकीकत सामने आ गई। जायजा में पाया कि आधे से ज्यादा मॉडलर टॉयलेट मेंटेनेंस के अभाव में धूल फांक रही है तो वहीं कई ऐसे टॉयलेट थे जिनमें गंदगी का अंबार था। ना टॉयलेट में लगे नल से पानी आ रहा था । यहां तक की चारों तरफ पेशाब से भरा हुआ था। और मजबूरी में लोग सड़क के किनारे मॉडलर कॉलेज का इस्तेमाल ना कर बाहर ही पेशाब करने को मजबूर है या तस्वीर रातू रोड बाईपास की है आप तस्वीरों के माध्यम से आप देख सकते हैं किस तरह से लोग बाहर में ही शौच कर रहे हैं इसी सड़क से रोजाना मुख्यमंत्री सहित कई आला अधिकारी का आना जाना होता है लेकिन आप तस्वीर के माध्यम से देख सकते हैं कि किस तरह एक ट्रैफिक पुलिस के जवान खुले में शौच कर रहा है तो वही एक और बंदा बाहर ही शौच करने को मजबूर है कारण बस यही है कि जो मॉडलर टॉयलेट चौक चौराहा बने पड़े हैं वह बस हाथी के दांत बने हुए हैं


Body:एक तरफ सरकार खुले में शौच मुक्त करने के लिए तरह तरह का योजनाएं चला रहे हैं जिसके लिए लाखों करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे लेकिन उसी के तहत बने मॉड्यूलर टॉयलेट आज हाथी का दांत बन चुका है, कारण बस यही है की वाहवाही लूटने के लिए रांची नगर निगम ने चौक चौराहों पर लगभग 80 मॉडलर टॉयलेट का तो निर्माण करा दिया है लेकिन मेंटेनेंस के अभाव में यह तमाम टॉयलेट धूल फ़कति नजर आ रही है, स्थानीय लोगों ने बताया कि पेशाब करने वाले कबर्ड में पहले से ही पेशाब भरा हुआ रहता है कोई पेशाब में खड़ा होकर पेशाब कैसे कर सकता है यहां तक की उसे साफ करने वाला कोई नहीं और दूसरी जहां शौचालय करने जाना हो तो वहां पर पानी नहीं आता लोगों को दूर से ही बोतल में पानी भर कर लाना पड़ता है लेकिन उसके बावजूद भी पानी के अभाव में पूरी तरह से गंदगी बिखरा पड़ा हुआ है


Conclusion:एक और सरकार ने रांची को ओडीएफ घोषित कर दिया है लेकिन शौचालय में पानी नहीं होने की वजह से स्थिति फिर एक बार पहले जैसे ही नजर आने लगी है बदबू के कारण टॉयलेट के आसपास रहने वाले लोगों का जीना मुहाल हो गया इस गंदगी से कई बीमारी होने की भी लोग आशंकित जता रहे हैं।आप इस से अंदाजा लगा सकते हैं कि सरकार अपनी वाहवाही लूटने के लिए कागजों में ओडीएफ घोषित तो कर देता है लेकिन जमीनी हकीकत में या पूरी तरह से फेल नजर आती है आखिर कारण क्या है की योजना के नाम पर लाखों करोड़ों रुपए बस हाथी का दांत का बन कर रह जाता है
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