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पूजा सिंघल प्रकरणः ईडी की पूछताछ में सामने आया सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा का नाम

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Published : May 19, 2022, 6:39 AM IST

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पूजा सिंघल प्रकरण में ईडी की पूछताछ

पूजा सिंघल प्रकरण में ईडी की पूछताछ जारी है. इसमें लगातार कई नए तथ्य सामने आ रहे हैं. इसी कड़ी में सीएम हेमंत सोरेन के बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा का नाम सामने आया है. संथाल इलाके में अवैध खनन में पंकज का सिक्का चलता है.

रांचीः पूजा सिंघल प्रकरण मामले की जांच कर रही ईडी को झारखंड में अवैध माइनिंग के जरिए करोड़ों के कारोबार के खुलासे के बाद अब नया तथ्य सामने आया है. ईडी सूत्रों के अनुसार पूरे मामले में अब सरकार के बेहद करीबी माने जाने वाले पंकज मिश्रा का भी नाम सामने आ गया है. बताया जा रहा है कि पंकज मिश्रा ही संथाल इलाके में हो रहे अवैध माइनिंग का किंगपिन है. इस मामले में ईडी जल्द ही पंकज मिश्रा से पूछताछ कर सकती है.

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दोनों डीएमओ ने लिया पंकज का नामः दुमका के डीएमओ कृष्णचंद्र किस्कू और पाकुड़ के डीएमओ प्रदीप कुमार साह से पिछले तीन दिनों से ईडी पूछताछ कर रही है. ईडी के विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो डीएमओ ने पूछताछ में बताया है कि संथाल परगना में पंकज मिश्रा के द्वारा अवैध कारोबार के पूर्ण नियंत्रण की बात बतायी गयी है. पंकज मिश्रा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बरहेट विधायक प्रतिनिधि हैं. जानकारी के अनुसार पंकज ने भी अपने रिश्तेदारों के नाम पर खनन पट्टा का लीज साहिबगंज में लिया है.

पश्चिम बंगाल के अमित अग्रवाल और प्रेम प्रकाश का नाम भी आया सामनेः मनी लाउंड्रिंग के मामले की जांच कर रही ईडी के सामने कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल और प्रेम प्रकाश का भी नाम सामने आया है. अमित अग्रवाल भी माइनिंग सिंडिकेट में अहम सदस्य थे. वहीं पूजा सिंघल व सुमन के बयान में इन नामों के बारे में जानकारी मिली है. ईडी पूरे मामले में उन कंपनियों की भूमिका की जांच कर रही है, जो रेलवे ट्रांसपोर्टिंग से जुड़ी हैं. पाकुड़ की कंपनी ओटन दास एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, स्टोन इंडिया व एनएसएस एंड कंपनी के द्वारा ट्रासंपोर्टिंग की बात सामने आयी है. एक कंपनी में इलाके के एक बड़े जनप्रतिनिधि भी निदेशक थे. कंपनी भी मनी लाउंड्रिंग में संलिप्तता बतायी जा रही है. हालांकि इसकी विस्तृत जांच ईडी आगे करेगी.

साहिबगंज डीएमओ के आने का इंतजार, खुलेगा बड़ा राजः दो डीएमओ के बयान में पंकज मिश्रा की भूमिका की बात बतायी गई है. जांच में यह बात सामने आयी है कि साहिबगंज के डीएमओ विभूति कुमार ने भी भारी रकम पूजा सिंघल तक पहुंचायी थी. साथ ही पंकज मिश्रा समेत कई अन्य लोगों को उन्होंने खनन पट्टा भी दिया है. ईडी ने विभूति कुमार को पूछताछ के लिए नोटिस किया था. लेकिन 17 फरवरी को बेटी की शादी होने की वजह से वह हाजिर नहीं हो पाए थे. ईडी के अधिकारियों को उम्मीद है कि वह 20 या 21 मई को एजेंसी के समक्ष हाजिर होंगे.

बांग्लादेश तक अवैध तरीके से भेजा जाता था स्टोन चिप्सः जांच में यह बात सामने आयी है कि संथाल के जिलों से अवैध तरीके से बांग्लादेश तक स्टोन चिप्स की तस्करी होती थी. बगैर परिवहन चालान भी चिप्स बांग्लादेश तक भेजे गए थे. ईडी को जानकारी मिली है कि बोल्डर भेजने के बजाए चिप्स बांग्लादेश तक भेजे जाते थे. ईडी अधिकारियों के मुताबिक जिलों से खनन व परिवहन से जुड़े सारे चालान की मांग की गयी है. अधिकारियों के मुताबिक मामले में ना सिर्फ मनी लाउंड्रिंग बल्कि सरकार को रॉयल्टी के नुकसान का भी मामला सामने आया है.

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रूपा तिर्की मौत मामले में आया था पंकज मिश्रा का नामः इस मामले में सीबीआई की जांच अभी भी जारी है. पुलिस की प्राथमिक अनुसंधान के आधार पर सीबीआई ने इस मामले में निलंबित और जेल में बंद दरोगा शिव कुमार कनौजिया के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला दर्ज किया है. 9 मई को रूपा तिर्की का शव उनके साहिबगंज स्थित सरकारी आवास में फंदे से लटका हुआ मिला था. जिसके बाद साहिबगंज के जिरवाबाड़ी थाने में यूडी केस पुलिस ने दर्ज किया था. हालांकि परिजनों ने तब साहिबगंज के पंकज मिश्रा समेत अन्य पर रूपा तिर्की को प्रताड़ित करने और जान से मारने का आरोप लगाया था. तब जांच में पुलिस ने पुलिस ने पंकज मिश्रा, रूपा तिर्की की बैचमेट ज्योतना समेत अन्य की भूमिका संदिग्ध नहीं पायी थी. वहीं चाईबासा में पोस्टेड रूपा के कथित दोस्त और बैचमेट शिवकुमार कनौजिया को 24 अप्रैल 2021 की बातचीत के एक ऑडियो और कथित प्रेम संबंधों के बाद आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला मान जेल भेज दिया गया था.

पंकज मिश्रा को बाद में मिली क्लीन चिटः साहिबगंज में तैनात महिला थानेदार रूपा तिर्की की मौत मामले में झारखंड विधानसभा में न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट सौंपी गई. इस रिपोर्ट में पंकज मिश्रा को क्लीन चिट दिया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि हत्या के कोई भी साक्ष्य नहीं मिले हैं. रिपोर्ट में जिक्र है कि जांच के क्रम में पंकज मिश्रा के चार मोबाइल फोन के लोकेशन निकाले गए थे. लेकिन 20 अप्रैल से 3 मई 2021 तक पंकज मिश्रा का लोकेशन रांची में था. वहीं, रूपा तिर्की के मौत के बाद पंकज मिश्रा या पुलिस अधिकारियों के द्वारा प्रताड़ित करने की कोई पुष्टि नहीं हुई है. साहिबगंज के डीसी रामनिवास यादव, एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा, इंस्पेक्टर शशिभूषण चौधरी को भी क्लीनचिट दी गई है.

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