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जेल में बंद झारखंड माइनिंग स्कैंडल के किंगपिन पंकज मिश्र से फोन पर संपर्क में थे आईएएस-आईपीएस, ईडी भेजेगी समन

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Published : Oct 21, 2022, 8:30 PM IST

अवैध खनन के जरिये मनी लॉन्ड्रिंग मामले की तफ्तीश में जुटी ईडी के द्वारा हर दिन नए नए खुलासे हो रहे हैं. ईडी की जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि पंकज मिश्रा न्यायिक हिरासत में रहने के बावजूद न सिर्फ साहिबगंज जिला में प्रशासनिक गतिविधियों को लेकर फोन कॉल करता था (Pankaj Mishra in contact with IAS IPS), बल्कि जेल में रहते हुए कई टेंडर भी वह मैनेज करने में लगा था.

Pankaj Mishra in contact with IAS IPS
Pankaj Mishra in contact with IAS IPS

रांची: ईडी झारखंड के साहिबगंज जिले के डीसी रामनिवास यादव और एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा को पूछताछ के लिए समन भेज सकती है. जांच एजेंसी को जानकारी मिली है कि ये दोनों अफसर अवैध खनन के जरिए 1000 करोड़ से अधिक की मनी लॉन्ड्रिंग के किंगपिन जेल में बंद पंकज मिश्र से फोन कॉल पर बात करते थे (Pankaj Mishra in contact with IAS IPS). गुरुवार को ईडी ने पंकज मिश्रा के दो सहयोगियों चंदन कुमार और सूरज पंडित को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी. पंकज मिश्रा इन्हीं दोनों के मोबाइल से अफसरों से लगातार बात करता था.

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पंकज मिश्रा इन दिनों न्यायिक हिरासत में रिम्स में इलाजरत है. ईडी की टीम गुरुवार को जब रिम्स पहुंची तो पंकज मिश्रा उस वक्त भी मोबाइल से एक जिले के एसपी से बात कर रहा था. पुलिस ने पंकज के सहयोगियों के पास कुल छह मोबाइल जब्त किये हैं. सूत्रों के मुताबिक ईडी ने जो जानकारी जुटाई है, उसके मुताबिक पंकज कुल 11 आईएएस-आईपीएस से लगातार संपर्क में था. वह ठेका-पट्टा, टेंडर, ट्रांसफर-पोस्टिंग जैसे काम के लिए अफसरों से बात करता था. पूछताछ में पंकज मिश्र के दोनों सहयोगियों ने भी ईडी के सामने स्वीकार किया है कि उनके पास मौजूद मोबाइल का इस्तेमाल पंकज मिश्र किया करता था.

लगातार कर रहा था फोन: जांच में यह बात सामने आई है कि न्यायिक हिरासत में रहते हुए भी पंकज मिश्रा के द्वारा लगातार मोबाइल का प्रयोग किया जा रहा था, यहां तक कि वह टेंडर को मैनेज करने के लिए भी फोन कर रहा था. ईडी को जानकारी मिली है कि बीते दिनों पंकज मिश्रा ने जल संसाधन विभाग के वरीय अधिकारियों को भी फोन किया था. फोन के जरिए वह देवघर के अजय बराज के काम को जमशेदपुर की एक कंपनी को दिलाना चाहता था. करीब 125 करोड़ के टेंडर को प्रभावित करने के लिए वह पैरवी कर रहा था. वहीं इस मामले में राज्य की सत्ता में प्रभावी रहे एक शख्स की भूमिका की जानकारी भी ईडी को मिली है.

ईडी ने रिम्स से मांगे सारे फूटेज: पंकज मिश्रा के द्वारा लगातार फोन पर बातचीत की साक्ष्य जुटाने के बाद उनसे मुलाकात करने वालों पर भी ईडी की नजर है. ईडी यह पता लगाने में जूटी है कि जुलाई माह से अबतक कौन कौन से लोग पंकज मिश्रा से मिले हैं. ईडी ने इस मामले में रिम्स से पेईंग वार्ड का सारा फूटेज भी मांगा है. वहीं, इस मामले में ईडी ने पंकज मिश्रा के चालक रहे चंदन यादव व सूरज पंडित से शुक्रवार को भी पूछताछ की. सूरज व चंदन ने पूछताछ में ईडी को कई सारी जानकारियां दी हैं. वहीं छह मोबाइल सिम का सीडीआर भी ईडी ने निकाला है. साथ ही कुछ मोबाइल फोन के जरिए व्हाट्सएप पर बातचीत के प्रिंट भी निकाले गए हैं.



संताल के डीएफओ को किया था फोन: पंकज मिश्रा ने रिम्स के पेईंग वार्ड में रहते हुए संताल परगना के एक डीएफओ को भी फोन किया था. इस दौरान उसने एक व्यक्ति पर वन अधिनियम के तहत केस करने का दबाव बनाया था. हालांकि डीएफओ ने ऐसा नहीं किया. ईडी को जानकारी मिली है कि जेल में बंद पंकज मिश्रा से साहिबगंज के डीसी, एसपी और डीएमओ लगातार संपर्क में थे.



दुबारा भेजा जाएगा सीएम के सुरक्षा प्रभारी को नोटिस: ईडी के द्वारा सीएम के सुरक्षा प्रभारी को दुबारा नोटिस भेजा जाएगा. सुरक्षा प्रभारी के द्वारा ईडी को पत्र भेजकर बताया गया था कि दो आरक्षियों के सीएम हाउस में तैनाती व हथियार एके 47 के बरामदगी के मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है. जवानों ने कभी सीएम हाउस में योगदान ही नहीं दिया था. ऐसे में इस मामले में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. पत्र मिलने के बाद ईडी ने इस मामले में नए सिरे से सुरक्षा प्रभारी को उपस्थित होने का नोटिस भेजा है. इस बार सुरक्षा प्रभारी को सीधे हाजिर होने को लेकर नोटिस दिया जाएगा. उपस्थित नहीं होने पर सहयोग नहीं करने को लेकर ईडी वारंट भी ले सकती है.

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