ETV Bharat / state

भगवान की धरती पर आने वाले देश के पहले पीएम नरेंद्र मोदी, राज्य स्थापना दिवस पर आने की क्या है वजह ?

author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 13, 2023, 6:06 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 नवंबर को 2 दिवसीय झारखंड दौरे पर आ रहे हैं. लोकसभा चुनाव के तरफ सफर तय कर रही देश की राजनीति में पीएम मोदी का दौरा कई मायनों में काफी अहम माना जा रहा है. भगवान बिरसा मुंडा के गांव उलिहातू जाने वाले देश के पहले पीएम नरेंद्र मोदी हैं. मिशन 2024 की तैयारी में जुटी भाजपा के लिए यह पहला और बड़ा दांव है. पीएम मोदी के झारखंड दौरे के क्या मायने हैं, जानिए ईटीवी भारत की इस रिपोर्ट से.

narendra-modi-first-pm-come-to-gods-earth-what-is-the-reason-for-coming-on-the-jharkhand-state-foundation-day
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

रांचीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का झारखंड से गहरा लगाव रहा है. चूंकि देश लोकसभा चुनाव के मुहाने पर खड़ा है, इसलिए लोग जानना चाह रहे हैं कि राज्य स्थापना दिवस के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी के झारखंड दौरे को किस रुप में देखा जाना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि नरेंद्र मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं जो भगवान बिरसा की जन्मस्थली उलिहातू जा रहे हैं. सवाल इसलिए भी अहम है क्योंकि 2014 से 2019 तक राज्य में भाजपा की सरकार रहने के बावजूद वह उलिहातू नहीं जा पाए. क्योंकि उन पांच वर्षों में झारखंड को केंद्र का लांचिंग पैड कहा जाने लगा था. ऊपर से कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की कह रहे हैं कि 17 नवंबर को मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में वोटिंग पर असर डालने के लिए बिरसा मुंडा की धरती का राजनीतिक इस्तेमाल किया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें- PM Modi Jharkhand Visit: पीएम मोदी का रांची दौरा, राजभवन में करेंगे रात्रि विश्राम, जानिए पूरा कार्यक्रम

नई राजनीति- नया दांव: वरिष्ठ पत्रकार मधुकर का कहना है कि भाजपा ने झारखंड में जो भी पत्ता खेला, वो काम नहीं आया. अब बिरसा मुंडा को पकड़कर अपनी सियासी जमीन बनाना चाह रहे हैं. बिरसा मुंडा से यहां के आदिवासियों का भावनात्मक लगाव है. छोटानागपुर में उनको भगवान का दर्जा मिला है. बाकी जगह के लिए बिरसा क्रांतिकारी हैं. भाजपा को कहीं से नहीं दिख रहा है कि ट्राइबल वोट इनके पास है.

आदिवासी वोट बैंक: द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाने के बाद भी फायदा होता नहीं दिख रहा है. इस बीच राज्य सरकार ने सरना कोड वाला कार्ड खेल दिया. इसपर मुहर लगाना केंद्र के लिए संभव नहीं है. इसलिए एक नई लाइन खींचने की कोशिश की जा रही है ताकि आदिवासी वोट बैंक को भावनात्मक रुप से अपनी ओर मोड़ा जाए. लेकिन यह कारगर साबित हो जाएगा, यह कह पाना जल्दबाजी होगी.

भाजपा का संदेश: वरिष्ठ पत्रकार मनोज प्रसाद का कहना है कि राजनीति में सभी पार्टियां अपना नफा नुकसान देखकर कदम बढ़ाती हैं. लेकिन उनका व्यक्तिगत मानना है कि पीएम मोदी के उलिहातू दौरे को पॉजिटिव वे में लेना चाहिए. ऐसे क्यों नहीं देखना चाहिए कि वह बिरसा की धरती पर आकर पूरी दुनिया के आदिवासियों को संदेश देना चाह रहे हैं कि हम अपने ट्राइबल समाज के साथ खड़े हैं.

संसद में भगवान बिरसा मुंडा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ऐसे पीएम हैं जिनकी पहल पर देश को पहली बार आदिवासी समाज से द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति बनीं. आदिवासियों के लिए इससे बड़ा सम्मान और क्या हो सकता है. हां, अगर राजनीति के चश्मे से देखें तो उनका उलिहातू दौरा एक आउटरिच प्रोग्राम की तरह है. उन्होंने गुजरात में भी ट्राइबल एरिया से चुनावी सभा शुरू की थी. संसद भवन में भी भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा लगवाई.

VOTE वाला खेला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्राइबल से पार्टी को कनेक्ट कराना चाह रहे हैं. चुनाव आ रहा है, पूरा खेल वोट का है, यह एक सोची समझी रणनीति के तहत उलिहातू जा रहे हैं. वरिष्ठ पत्रकार मनोज प्रसाद के मुताबिक यह भी समझना होगा कि बेशक, बिरसा मुंडा ने अंग्रेंजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी लेकिन उनकी लड़ाई चर्च के खिलाफ भी थी. जाहिर है पीएम अपने इस दौरे से एक बड़े समूह को मोबिलाइज करना चाह रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.