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शहर की सरकार पर संकट: अस्तित्वहीन पिछड़ा आयोग, बिना अध्यक्ष और सदस्य के आखिर कैसे होगा ट्रिपल टेस्ट

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 28, 2023, 8:50 PM IST

constitution of Backward Commission in jharkhand
constitution of Backward Commission in jharkhand

झारखंड में नगर निकाय चुनाव कब होगा, ये सवाल लोगों के जहन में छाया हुआ है. इस निकाय चुनाव के लिए पिछड़ों का सर्वे होना जरूरी है. लेकिन झारखंड पिछड़ा आयोग में अध्यक्ष पद रिक्त होने के कारण ये सर्वे शुरू नहीं हो पा रहा है. इस कारण राज्य में निकाय चुनाव भी नहीं हो पा रहा है.

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रांची: झारखंड में नगर निकाय चुनाव पहेली बनकर रह गया है. लाख कोशिशों के बावजूद राज्य निर्वाचन आयोग शहर की सरकार बनाने में विफल रहा है. जिस वजह से वर्तमान समय में राज्य की सभी नगर निकाय अधिकारियों के भरोसे चल रहा है. इस चुनाव को लेकर सरकार की उदासीनता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिस सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश पर अति पिछड़ों का ट्रिपल टेस्ट के लिए पिछड़ा आयोग को अधिसूचित किया गया है, उसमें ना तो अध्यक्ष हैं और ना ही कोई सदस्य. ऐसे में पिछड़ों का सर्वे होना मुश्किल है.

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आयोग के संयुक्त सचिव केके सिंह के अनुसार, जब तक अध्यक्ष या सदस्य का मनोनयन नहीं हो जाता, तब तक सर्वे की शुरुआत नहीं हो सकती है. ट्रिपल टेस्ट के लिए सरकार की ओर से आयोग को कोई पत्र भी नहीं मिला है.

सर्वे होने में लगेगा कम से कम 06 महीने: पिछड़ा वर्ग आयोग गठन के बाद ही ट्रिपल टेस्ट शुरू होने की संभावना है. सर्वे होने में कम से कम 6 महीने का समय लगेगा. ऐसे में आज की तारीख में देखें तो पिछड़ा वर्ग आयोग गठित हो भी जाता है तो पिछड़ों के ट्रिपल टेस्ट की शुरुआत के लिए आयोग के द्वारा एजेंसी गठन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. यदि इस पर मुहर लगा दी जाती है तो सर्वे करने वाली एजेंसी राज्य में पिछड़ों का ट्रिपल टेस्ट करने में कम से कम 6 महीने का वक्त लेगी. इस तरह से 2024 के मार्च तक यदि सर्वे हो भी जाता है तो लोकसभा चुनाव के कारण नगर निकाय चुनाव पर एक बार फिर ग्रहण लग जायेगा.

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शहर की सरकार को लेकर हो रही है मांग: नगर निकाय चुनाव को लेकर लगातार मांग हो रही है. राज्य सरकार ने विकल्प के तौर पर नगर निकायों को अधिकारी के भरोसे छोड़ रखा है. स्वभाविक रूप से जिन कार्यों की गतिशीलता जनप्रतिनिधि के माध्यम से होना चाहिए था, उसमें कमी देखी जा रही है. सामाजिक कार्यकर्ता जयंत झा का मानना है कि सरकार को पिछड़ा वर्ग आयोग गठित कर जल्द से जल्द ट्रिपल टेस्ट कराना चाहिए था. मगर ऐसा हुआ नहीं. जिस वजह से आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इधर, सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा है कि जल्द ही पिछड़ा आयोग का गठन किया जायेगा. जिससे पिछड़ों के लिए जो कार्य होने हैं वे पूर्ण किए जाएं.

गौरतलब है कि झारखंड सरकार ने पिछले दिनों स्थानीय निकाय चुनाव में पिछड़ों के आरक्षण की पात्रता की जांच के लिए डेडीकेटेड कमीशन बनाने का फैसला लिया था. कैबिनेट में तय किया गया था कि राज्य का पिछड़ा वर्ग आयोग ही डेडीकेटेड कमीशन के रूप में काम करेगा, जो सामाजिक और आर्थिक सर्वेक्षण कर पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण तय करेगा.

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