रांची: आदिवासी समाज के विभिन्न संगठनों की तरफ से शीर्ष मंडल चान्हो सरना समिति मे दौरा किया गया. विश्व हिंदू परिषद के बिहार झारखंड प्रभारी के महामंत्री केशव राजू की तरफ से सरना स्थल से पवित्र मिट्टी को बिना पूछे पाहन पुरोहित को सहमति लिए बिना मिट्टी ले जाने के विरोध में जहां-जहां से मिट्टी ले जाया गया है. वहां-वहां दौरा किया गया जिसमें चान्हो सरना समित्त पाहन पुरोहित बुद्दू उरांव की अध्यक्षता में बैठक संपन्न करने के बाद भी दौरा की गई.
जिसमें मुख्य रुप से डॉ. करमा उरांव धर्मगुरु बंधन तिग्गा प्रेम शाही मुंडा, भाई बीरेंद्र भगत, शिवा कच्छप, अभय भूत कुंवर, नारायण उरांव, बालकु उरांव, कुंदर्शी मुंडा ने चान्हो सरना समिति, सरना स्थल कोहा चलाबेड़ो, नारो सरना समिति नगड़ी का तूफानी दौरा किया गया.
शिर्ष मण्डल चान्हो सरना समिति का किया गया दौरा. 'हमारे समाज में मिट्टी ले जाना अपराध'इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए करमा उरांव ने कहा कि आदिवासी हिंदू परिषद के इशारे पर कुछ आदिवासी नेता गन आदिवासी संस्कृति अस्था पर चोट पहुंचाया गया है. क्योंकि धर्म का सर्वोच्च धार्मिक स्थल, आदिवासियों के जीवन पर आधार सरना स्थल से ऐसे बिना सामाजिक स्वीकृति के मिट्टी को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए उठाया गया है. यह सीधे तौर पर आदिवासियों के अस्तित्व को समाप्त करना चाहती है. जबकि हम ना तो हिंदू हैं ना मुसलमान और ना ही ईसाई हैं, हमारी सभ्यता को छीनना चाहते हैं. इसलिए आदिवासियों को सावधान रहने की आवश्यकता है. धर्मगुरु बंधन तिग्गा ने कहा विश्व हिंदू परिषद की तरफ से हमारे समाज में मिट्टी ले जाया जाना अपराध है. अगर विश्व हिंदू परिषद की तरफ से सरना स्थल की मिट्टी नहीं लौटाया, तो धार्मिक आंदोलन करना होगा.
'आदिवासियों के धार्मिक व सांस्कृतिक पर चौतरफा हमला'इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा ने कहा आदिवासियों के धार्मिक और सांस्कृतिक पर चौतरफा हमला हो रहा है. सबसे ज्यादा हमला भारतीय जनता पार्टी आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद की तरफ से किया जा रहा है, इसलिए सभी कोई मिलजुल कर धर्मकोड लागू करने के लिए आंदोलन तेज करना होगा. जिसने आदिवासियों के सरना स्थल से पूजा पाठ किए बिना, बिना पूछे मिट्टी ले जाना अपराध है. इसके लिए व्यापक रणनीति और देश में स्तर पर की धर्म की रक्षा के लिए आंदोलन तेज करना होगा.
आदिवासी महापंचायत में होगा फैसलासर्व समिति से सहमति दी गई कि दिनांक 29 जुलाई 2020 को तेतर टोली मोराबादी में आदिवासी महापंचायत में फैसला लिए जाएंगे. इस दौरा मे अमर उरांव, सिवा कच्छप, सोमा ओरॉन, गोपाल ओरॉन सुशील ओरॉन, समेत ग्रामीण शामिल रहे.